भूखा था बेअदबी के नाम पर मॉब लिंचिंग का शिकार विक्षिप्त युवक, कपूरथला गुरुद्वारे में रोटी के लिए गया था: रिपोर्ट

भूखा था बेअदबी के नाम पर मॉब लिंचिंग का शिकार विक्षिप्त युवक

कपूरथला ‘बेअदबी’ मामले में निजामपुर गुरुद्वारा के ग्रंथी द्वारा जो दावा किया गया था अब उसमें नया मोड़ आ गया है। कई रिपोर्टों के अनुसार, पुलिस ने बताया है कि मृतक को एक सेवादार (स्वयंसेवक) ने भूतल पर स्थित रसोई में उसे रोटियाँ खाते हुए देखा था। विशेष रूप से इस गुरूद्वारे के भूतल पर केवल सेवादार और ग्रंथी रहते हैं, और श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी ऊपरी मंजिल पर हैं।

कपूरथला गुरूद्वारे में 19 दिसंबर को क्या हुआ

रिपोर्टों से यह भी पता चलता है कि जब सेवादार ने उस व्यक्ति को देखा, तो उसने भागने की कोशिश की और अंततः सेवादारों ने उसे पकड़ लिया। उस व्यक्ति की उम्र 20 से 30 वर्ष के बीच में थी, जिसे गुरुद्वारा परिसर के एक कमरे में रखा गया था। पुलिस को उसे हिरासत में नहीं लेने नहीं दिया गया। और गुस्साई भीड़ ने उसे पीट-पीट कर मार डाला। उल्लेखनीय है कि पुलिस ने यह भी कहा कि मृतक के शरीर पर आठ गहरे घाव थे जो तलवार जैसे धारदार हथियार के थे। बुरी तरह से पीटे गए युवक को पुलिस ने जब अस्पताल पहुँचाया , वहाँ उसे मृत घोषित कर दिया गया।

गौरतलब है कि जब पीड़ित की पीट-पीट कर हत्या की जा रही थी उस वक्त कुछ पुलिसकर्मी भी मौजूद थे। प्रेस के दौरान, पुलिस ने पुष्टि की थी कि कुछ पुलिसकर्मियों ने पीड़ित को बचाने का प्रयास किया था, लेकिन भीड़ ने उन्हें ऐसा करने से रोका और चूँकि यह एक हिंसक माहौल था, इसलिए उन्होंने ‘संयम’ दिखाया और माहौल को और बिगड़ने नहीं दिया। वहीं दैनिक भास्कर ने खबर दी थी कि हिंसक भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश में कुछ पुलिसकर्मियों को चोटें भी आई हैं।

पुलिस को गुरुद्वारे में बेअदबी का कोई सबूत नहीं मिला। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पुलिस ने साफ तौर पर कहा कि निशान साहिब और श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी समेत सब कुछ बरकरार है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरकमलप्रीत सिंह खाख ने बताया कि मृतक चोरी की नीयत से गुरुद्वारा गया था। कथित तौर पर, 295A के तहत मामला दर्ज किया गया था। इसके अलावा, पुलिस का कहना कि वे सभी बिंदुओं पर जाँच कर रहे हैं।

इससे पहले, पुलिस ने कहा था कि उन्होंने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भी हत्या का मामला दर्ज किया था, लेकिन बाद में उन्होंने यू-टर्न लिया और कहा कि उन लोगों के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है जिन्होंने उसे पीट-पीट कर मार डाला। पुलिस महानिरीक्षक गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने कहा कि वे ग्रंथी अमरजीत सिंह से पूछताछ कर रहे हैं और सभी तथ्यों की पुष्टि के बाद ही प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।

वहीं कुछ रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि पुलिस को सतर्क करने के बजाय, गुरुद्वारा प्रभारी ने सोशल मीडिया पर लाइव वीडियो बनाना शुरू कर दिया, इस प्रकार भीड़ को उकसाया और आरोप लगाया कि पीड़ित व्यक्ति ने बेअदबी की है। ऐसे ही एक वीडियो में जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, गुरुद्वारा प्रभारी लोगों को यह बता रहे हैं कि पीड़ित को रसोई से रोटियाँ लेते हुए पकड़ा गया था और उसे पकड़कर पीटा गया था। फिर वह कहता है कि उस आदमी ने निशान साहब को छूने की भी कोशिश की।

हालाँकि, पुलिस ने कहा है कि पवित्र पुस्तक को ऊपरी मंजिल पर रखा गया है और किसी के छूने या नुकसान पहुँचाने का कोई संकेत नहीं था।

एसएसपी कपूरथला एचपीएस खाख ने बताया है कि गुरुद्वारा इंचार्ज को पुलिस का आना पसंद नहीं है और वह इलाके में भी पुलिस की मौजूदगी पर आपत्ति जताते रहे हैं। वह अक्सर पाकिस्तान स्थित सिख धर्मस्थलों का भी दौरा करते रहे हैं।

भूखा था भोजन की तलाश में गया गुरुद्वारा

जैसे-जैसे अधिक विवरण सामने आते जा रहे हैं, यह स्पष्ट होता जा रहा है कि जिस पीड़ित को हिंसक भीड़ द्वारा बेरहमी से पीट-पीट कर मार डाला गया था, वह गरीब और हताश व्यक्ति था जो भूखा था और कुछ खाने की तलाश में रोटियों के लिए गुरुद्वारे के अंदर गया था।

बिहार की महिला ने बताया अपना भाई

वहीं बिहार की एक महिला ने दावा किया है कि पंजाब के कपूरथला के एक गुरुद्वारे में जिस व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई, वह उसका भाई था। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, उसने उस व्यक्ति की पहचान अंकित कुमार के रूप में की और उसकी माँ का नाम गीता देवी है। महिला ने पुलिस को फोन पर बताया कि वह मृतक की शिनाख्त के लिए अपनी माँ के साथ कपूरथला जाएगी।

रिपोर्टों से पता चलता है कि महिला ने सत्यापन के लिए पुलिस को कुछ दस्तावेज और तस्वीरें भी भेजीं हैं। जिसकी पुष्टि करते हुए एसएसपी खाख ने कहा कि उन्हें दस्तावेज मिल गए हैं और उनकी जाँच की जा रही है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया