फिल्म के शुरू में दिखने वाले हिंदू लड़के ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ देखने के बाद बताई असल जिंदगी की वो घटना: वीडियो वायरल

बाल कलाकार पृथ्वीराज सरनाइक, वायरल वीडियो में हिंदू लड़का

कश्मीर के हिंदू लड़के का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में कश्मीरी लड़का बता रहा है कि ‘द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files)’ के शुरुआत में दिखाया गया दृश्य उसकी बपचन की याद को ताजा कर दिया। लड़का बता रहा है कि उसने एक बच्चे के रूप में कश्मीर में इस दृश्य को उसने अपनी आँखों से देखा था।

लड़का बताता है, “आपने देखा होगा कि फिल्म एक बच्चे के साथ खुलती है, है ना? एक बच्चा भीड़ द्वारा पकड़ा जाता है और मारा जाता है। वह बच्चा मैं था।” फिल्म के शुरुआती दृश्य में बाल कलाकार ‘पृथ्वीराज सरनाइक’ (जिन्होंने ‘शिव’ का किरदार निभाया है) को पाकिस्तान के खिलाफ भारत की जीत की जयकार करने पर इस्लामवादियों द्वारा हमला करते हुए दिखाया गया था।

भीड़ में शामिल एक महिला कहती है, “वह आप थे? हे भगवान।” तब लड़के ने कहा, “हाँ! उस समय मैं 10 साल का था।”

लड़के ने जोर देकर कहा, “उन्होंने (फिल्म निर्माताओं ने) अलग-अलग कहानियों को आपस में जोड़ दिया और एक कहानी बनाई, क्योंकि हर (बच्चे) पर कहानी बनाना संभव नहीं है?”

अपने बचपन के इस घटना को याद करते हुए लड़के ने कहा, “मुझे याद है कि पाकिस्तान और भारत के बीच का मैच था और पाकिस्तान ने मैच जीत लिया था। मैं सड़कों से गुजर रहा था और भीड़ ने मुझे घेर लिया। जेब में कुछ पैसे थे। उन्होंने पटाखे खरीदने के लिए पैसे ले लिए।”

उस लड़के को सांत्वना दे रही एक महिला ने कहा, “जो वीभत्स घटना हुई है, उसे दिखाना संभव नहीं है। कश्मीरी पंडितों के साथ जो हुआ है, उसे चित्रित करने का यह शायद सबसे हल्का तरीका था। वास्तविक कहानियाँ कहीं अधिक भयावह हैं।”

1990 में हुए कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार को बताती है ‘कश्मीर फाइल्स’ फिल्म

‘द कश्मीर फाइल्स’ कश्मीरी पंडितों के साथ घटित सच्ची घटनाओं पर आधारित है। यह फिल्म दर्शकों को 1989 के दौर में ले जाती है, जब इस्लामिक जिहाद के बढ़ने के कारण कश्मीर में संघर्ष छिड़ गया था। इसके कारण अधिकांश हिंदुओं को घाटी से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा।

एक अनुमान के मुताबिक, घाटी के कुल 1,40,000 कश्मीरी पंडित निवासियों में से लगभग 1,00,000 लोग 1990 के फरवरी और मार्च के बीच पलायन कर गए। उनमें से अधिकांश उसी साल घाटी को छोड़ दिया, जबकि उसके बाद भी यह सिलसिला जारी रहा। साल 2011 तक लगभग 3,000 कश्मीरी पंडित परिवार घाटी में बचे रह गए।

यह फिल्म कश्मीर से विस्थापित परिवारों के साक्षात्कार और वहाँ के हालात पर गहन रिसर्च करने के बाद बनाई गई है। यह फिल्म 11 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया