‘जो इस्लाम छोड़े उसकी हत्या कर दो’: ऑनलाइन क्लास में बच्चों को भड़काते दिखा मदरसा टीचर, गिरफ्तारी की माँग

छात्रों को भड़काने का काम करते शफी सादी

सोशल मीडिया पर समस्त केरल सुन्नी शिक्षा बोर्ड के एक शिक्षक शफी सादी कुमारमपुत्तूर की एक वीडियो सामने आई है। वीडियो कब की है ये स्पष्ट नहीं हो पाया है। लेकिन इस वीडियो में इस्लामी उलेमा बच्चों को ये पढ़ा रहा है कि जो कोई भी इस्लाम धर्म को छोड़ता है उसे मार दिया जाना चाहिए।

कक्षा 12 के बच्चों की ऑनलाइन क्लास लेते हुए शफी सादी को यह विवादित टिप्पणी करते सुना जा सकता है। वह कहता है, “अगर कोई इस्लाम/धर्म छोड़ देता है तो उसका नसीब ही क्या है? इस्लाम उसे पश्चाताप करने के लिए कहता है, फिर भी, यदि वह पश्चाताप नहीं करता है तो उसे अल्लाह द्वारा मार दिया जाना चाहिए या जो जिम्मेदार व्यक्ति है उसके द्वारा।”

https://twitter.com/Rockumon/status/1406499323584466948?ref_src=twsrc%5Etfw

शफी वीडियो में आगे कहता है, “क्या यह हिंसा है? नहीं। यह इस्लाम के अनुयायियों को याद दिलाने के लिए है कि मजहब छोड़ने का क्या परिणाम होता है और मौत के बाद उसके साथ कैसा बर्ताव किया जाएगा। वह नरक में जाएगा।” सोशल मीडिया पर यूजर्स ने इस वीडियो को देखने के बाद अब शफी सादी की गिरफ्तारी की माँग कर रहे हैं।

मौलवी के विरुद्ध एक्शन की माँग

बता दें कि समस्त केरल सुन्नी विद्याभ्यासा बोर्ड इस्लामिक शिक्षा, केरल में सबसे प्रभावशाली संगठनों में से एक है, जिसका नेतृत्व भारतीय इस्लामी बुद्धिजीवी मुफ्ती मौलाना शेख अबूबकर करते हैं। आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, लगभग दस हजार मदरसे समस्त केरल सुन्नी बोर्ड से संबद्ध हैं। मदरसा के बच्चे सामान्य शिक्षा के लिए स्कूलों में जाने से पहले दो घंटे के लिए धार्मिक शिक्षा प्राप्त करते हैं।

उल्लेखनीय है कि साल 2020 में प्रकाशित एक आर्टिकल के मुताबिक, यूएन ने आतंकवाद पर अपनी रिपोर्ट में चेतावनी दी थी कि केरल और कर्नाटक में ISIS आतंकवादियों की संख्या ज़्यादा है। इसके अलावा पिछले हफ्ते हमने भी एक रिपोर्ट में बताया था कि 2016 में कैसे फातिमा नाम की महिला 19 अन्य लोगों के साथ केरल से अफगानिस्तान गई। लेकिन जब उसके पति को वहाँ आतंकियों ने मार दिया तो उसने अफगान सरकार को सरेंडर कर दिया और अब वह भारत आने की इच्छुक है। फातिमा जैसी कई अन्य लोग हैं जिनका संबंध केरल से हैं और वह ISIS से प्रभावित होकर अफगानिस्तान चले गए।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया