केरल: गर्भवती हथिनी की हत्या मामले में एक गिरफ्तार, अनानास में पटाखे रखकर खिला दिया था

हथिनी हत्या मामले में एक गिरफ्तार (प्रतीकात्मक तस्वीर)

केरल में एक गर्भवती हथिनी को पटाखों से भरा अनानास खिलाने के मामले में एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उससे पूछताछ की जा रही है। उसके नाम का खुलासा फिलहाल नहीं किया गया है।

गर्भवती हथिनी की हत्या को लेकर वेबसाइट चेंज डॉट ओआरजी पर 24 घंटे में 927 लोगों ने पिटीशन डाली है। यहाँ 13 लाख से ज्यादा लोगों ने दोषियों को कड़ी सजा दिलाने की माँग के साथ पिटीशन को समर्थन दिया है।

पूरे देश में लोगों ने इंसान की इस हैवानियत पर नाराजगी जताई है। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने घटना में दोषी पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया है। सोशल मीडिया पर लोग दोषियों को सख्त सजा देने की माँग कर रहे हैं। बढ़ते आक्रोश को देखते हुए केरल सरकार ने वन विभाग की विशेष जाँच टीम गठित की है।

वन विभाग की टीम ने भी लोगों के गुस्से को शांत करने के लिए ट्वीट कर कहा कि “हथिनी की मौत के मामले में वन्यजीव संरक्षण कानून की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। कई संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है। विशेष जाँच दल का गठन किया गया है। दोषियों को सजा दिलाने में वन विभाग कोई कसर नहीं छोड़ेगा।”

वहीं केंद्र ने भी इस घटना पर संज्ञान लेते हुए केरल सरकार से पूरी रिपोर्ट माँगते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया था। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने अपनी नाराजगी जताते हुए माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर लिखा, “केंद्र सरकार ने मल्लापुरम, केरल में एक हथिनी की हत्या के मामले पर बहुत गंभीरता से ध्यान दिया है। हम सही तरीके से जाँच करने और अपराधी को पकड़ने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। पटाखे खिलाना और मारना भारतीय संस्कृति नहीं है।”

दरअसल, 27 मई को मल्लपुरम से एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई। एक 15 वर्षीय गर्भवती हथिनी एक अमानवीय कृत्य का शिकार हो गई। उसे किसी उपद्रवी शख्स ने एक पटाखों से भरा अनानास खिलाया, जिससे हथिनी के मुँह में विस्फोट हो गया और वह बुरी तरह जख्मी हो गई। हथिनी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि वह गर्भवती थी। उसका जबड़ा टूट गया था और मुँह में विस्फोट के कारण वह अनानास चबाने के बाद कुछ खा नहीं पा रही थी। इस विस्फोट से उसकी जीभ और मुँह पर गंभीर चोटें आईं। इसके बाद वह एक नदी में चली गई और तीन दिनों के बाद आखिर में उसने प्राण त्याग दिए।

इस घटना को नीलांबुर के सेक्शन फारेस्ट ऑफिसर मोहन कृष्णन ने जनता के साथ साझा किया। हाथी को बचाने के लिए जो रैपिड एक्शन टीम गई थी, उसका नेतृत्व वही कर रहे थे। उन्होंने भावुक होकर मलयाली में फेसबुक पर लिखा:

“वो 20 महीने बाद अपने बच्चे को जन्म देने वाली थी। उसे भूख लगी थी, उसे क्या पता था कि क्रूर इंसानों के जिस भोजन को वो उनका प्यार समझ कर ग्रहण करेगी, वो सिर्फ़ एक छलावा है, जो दोहरी जिंदगियों का भक्षक बन जाएगा। मेरे सामने अब भी उसका चेहरा घूम रहा है। उसने पानी में ही कब्र बना ली। अब हम उसे लेकर जा रहे हैं, दफनाने के लिए। वो उसी ज़मीन के नीच हमेशा के लिए सोएगी, जहाँ उसने बचपन से हँसा-खेला था। मैं और क्या कर सकता हूँ? स्वार्थी मानव जाति की तरफ से उसे कहता हूँ- बहन, क्षमा करो।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया