गोरखपुर में मार गिराया गया खान मुबारक गैंग का शूटर परवेज, नेपाल से रंगदारी और नकली नोटों का धंधा चलाता था

शार्प शूटर परवेज गोरखपुर में एक एनकाउंटर में ढेर (फोटो साभार: अमर उजाला)

उत्तर प्रदेश STF ने गोरखपुर में इनामी शार्प शूटर परवेज को एक मुठभेड़ के दौरान ढेर कर दिया। अंबेडकरनगर के माफिया खान मुबारक गैंग के सरगना परवेज और STF की गोरखपुर यूनिट के बीच चिउटहा पुल के पास मुठभेड़ हुई। 1 लाख रुपए के इनामी परवेज ने STF पर फायरिंग कर भागने की कोशिश की, लेकिन उसे घेर लिया गया था। मुठभेड़ के बाद उसे स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया गया।

उसका एक साथ मौके से फरार हो गया, जिसकी तलाश में पुलिस लगी हुई है। STF के प्रभारी निरीक्षक सत्यप्रकाश सिंह को एक मुखबिर के जरिए सूचना मिली थी कि परवेज महराजगंज की तरफ से शहर की ओर आ रहा है। अम्बेडकरनगर के एक व्यापारी से उसे रंगदारी की माँग की और उसी की वसूली के लिए वो यहाँ आया था। उन्होंने अधिकारियों को इसकी सूचना देते हुए घेराबंदी शुरू की। तभी अपराधी अपने साथी के साथ बाइक से आता दिखा।

रोकने पर वो गोलीबारी करते हुए कुदरिया बंधे की तरफ भाग निकला। पीछा करने पर वो अंधाधुंध गोली चलाने लगा, लेकिन पुलिस की जवाबी कार्रवाई में उसके पैर और सीने में गोली लग गई। गंभीर स्थिति में उसे जंगल कौड़िया के CHC पहुँचाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित किया। अलीगंज टांडा थाना क्षेत्र के मकदूमनगर निवासी शूटर परवेज की पुलिस 1 साल से तलाश कर रही थी और ये भी सूचना मिली थी कि गोरखपुर में उसने किसी की हत्या की सुपारी ली है।

उसकी तलाश में मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में भी छापेमारी हुई थी। उसके कुछ करीबियों को जेल भी भेजा गया था। वो नेपाल से अपना आपराधिक कारोबार चला रहा था। नेपाल से ही वो व्यापारियों से वसूली के साथ-साथ नकली नोटों का भी कारोबार चला रहा था। उसके शरणदाताओं के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है, क्योंकि गोरखपुर के कुछ प्रभावशाली लोगों के भी वो संपर्क में था। गोरखपुर में कोई केस दर्ज न होने के कारण वो वहाँ आता-जाता रहता था।

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लेकिन, उसकी गतिविधियों पर पुलिस की नजर थी और कुछ दिन पहले उसके कैंपियरगंज आने की सूचना मिली थी। चिलुआताल इलाके के नकहा में रहने वाले एक सफेदपोश के साथ उसकी मुलाकात तय थी, जिसकी पहचान की जा रही है। मई 2016 में गोरखपुर के डाक्टरों से रंगदारी मांगने वाले मऊ के बदमाश धर्मेंद्र सिंह को भी मार गिराया गया था। पिछले साल बस्ती में कुख्यात बदमाश फिरोज पठान को भी STF की गोरखपुर यूनिट ने ही ढेर किया था।

परवेज की बात करें तो अंबेडकरनगर जिले के बसपा नेता जुरगाम मेहंदी की हत्या में भी वो आरोपित था। उसका आका मुबारक खान पहले से ही हरदोई जेल में बंद है। अब वही उसके गैंग को संभाल रहा था। पीपीगंज थाना क्षेत्र में हुई मुठभेड़ के बाद घटनास्थल से .32 mm पिस्टल, एक 9mm पिस्टल और कुल 8 राउंड कारतूस बरामद हुए। साथ ही 500 रुपए और एक बैग मिला, जिसमें जरूरत के कुछ सामान थे।

इसी तरह जुलाई 2020 में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के ₹50000 का इनामी अपराधी पन्ना यादव उर्फ सुमन यादव उर्फ़ ‘डॉक्टर’ बहराइच जिले के हरदी इलाके में एसटीएफ व पुलिस की संयुक्त मुठभेड़ में मारा गया था। वो हत्या, लूट, डकैती, गैंगस्टर एक्ट सहित तीन दर्जन से अधिक संगीन मामलों में वांछित था। वो एक बार गोरखपुर जेल से भी भाग निकला था और एक जेलर की भी पिटाई की थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया