भगवान राम पर अपमानजनक टिप्पणी करते हुए कवि कुमार विश्वास को जान से मारने की धमकी देने वाले व्यक्ति को मध्य प्रदेश के इंदौर से गिरफ्तार किया गया है। आरोपित की पहचान लोकेश शुक्ला के रूप में हुई है। वह आम आदमी पार्टी (AAP) के मुखिया अरविंद केजरीवाल का समर्थक है।
दरअसल, कुमार विश्वास के मैनेजर प्रवीण पाण्डेय ने गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा था कि बीते कुछ दिनों से कवि को जान से मरने की धमकी दी जा रही है। उन्हें यह धमकी ईमेल के माध्यम से दी जा रही थी।
मैनेजर ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में कहा था कि धमकी देने वाला व्यक्ति मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम को बेहद अपमानजनक गंदी एवं अश्लील गालियाँ देते हुए कहा था कि कुमार भगवान राम का महिमामंडन न करें। यही नहीं, आरोपित ने धमकी भरे ईमेल में अरविंद केजरीवाल की भी तारीफ की थी। साथ ही, उसने कहा था, “मैं शहीद ऊधम सिंह की शपथ लेता हूँ कि मैं तुझे मारूँगा।”
पुलिस को दिए शिकायत पत्र के साथ कुमार विश्वास ने ट्वीट कर इस बारे में पूरी जानकारी दी थी। कुमार विश्वास ने ट्वीट कर कहा था, “अब उन्हें और उनके चिंटुओं को मेरे द्वारा मेरे राघवेंद्र सरकार राम का महिमामंडन करना पसंद नहीं। कह रहे हैं कि मार देंगे, ये सब ठीक है पर अपने चिंटुओं को बोलो मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम को गाली न बकें। अपना काम करो, नहीं तो याद रखो रावण तक का वंश नहीं बचा, तुम ऐसे कौन लवणासुर हो?”
इंदौर से गिरफ्तार हुआ आरोपि
पुलिस अधीक्षक द्वितीय ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने कहा है कि भगवान राम को गाली और कुमार विश्वास को धमकी देने वाले व्यक्ति को इंदौर के सुदामा नगर से गिरफ्तार किया गया है। आरोपित की पहचान लोकेश शुक्ला के रूप में हुई है। पुलिस की पूछताछ में आरोपित ने बताया है कि वह अरविंद केजरीवाल से प्रभावित है। इसलिए, कुमार विश्वास द्वारा भगवान राम पर कविता सुनाने या केजरीवाल को लेकर कोई भी बात कहने से वह नाराज होता था।
इस मामले में, इंदिरापुरम थाना प्रभारी देवपाल सिंह पुंडीर ने कहा है कि गिरफ्तार आरोपित लोकेश शुक्ला ने कुमार विश्वास को धमकी भरा पहला मेल 23 अक्टूबर को भेजा था। इसके बाद उसने अगले चार-पाँच दिनों तक कुमार विश्वास को धमकी भरे मेल किए। इन मेल में भगवान राम को गाली दी गई थी। साथ ही, उसने शहीद उधम सिंह की कसम खाते हुए जान से मारने की भी धमकी दी थी। लगातार धमकी भरे मेल मिलने के बाद कुमार विश्वास के कार्यालय ने मामले को गंभीरता से लेता हुए गृह मंत्रालय को इसकी सूचना दी थी।