सिर्फ मजदूरी माँग रहे थे दिवाकर यादव, मुस्तकीम ने जानलेवा हमला करवा दिया: 4 माह कोमा में रहने के बाद अस्पताल में मौत, 3 जेल में

दिल्ली में मुस्तकीम, मुतरर्फ और मंसूर के हमले में घायल दिवाकर (लाल घेरे में) की मौत

देश की राजधानी दिल्ली में 28 अगस्त 2022 को मुस्तकीम, मुतरर्फ और मंसूर के हमले में घायल मजदूर दिवाकर यादव की मौत हो गई है। तीन माह पहले दिवाकर ने अपनी बकाया मजदूरी माँगी थी जिसके बाद तीनों आरोपितों ने अपने साथियों सहित उसे बेरहमी से पीटा। तब से पीड़ित कोमा में था और अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था। इस मामले में तीनों आरोपित घटना के बाद से ही जेल में हैं। दिवाकर की मौत शुक्रवार (23 दिसंबर 2022) को हुई है।

इस घटना की FIR मृतक के भाई राजकुमार यादव ने दर्ज करवाई थी। उन्होंने बताया था कि मृतक 34 वर्षीय दिवाकर यादव अपने परिवार के साथ दिल्ली में मजदूरी का काम करते थे। वो मूल रूप से बिहार में बाँका जिले के रहने वाले थे। मौत से पहले दिवाकर मालवीय नगर स्थित पंचशील विहार प्रॉपर्टी पर राजमिस्त्री का काम कर रहे थे। यहाँ आसिफ ठेकेदार और मुस्तकीम ने उनका 25 हजार रुपए पैसा बकाया कर दिया। दिवाकर आरोपितों से इसी पैसे की माँग कर रहे थे।

पीड़ित परिजनों का आरोप है कि 28 अगस्त को आसिफ और मुस्तकीम ने दिवाकर को उनके पैसों का हिसाब करने रात 8 बजे बुलाया था। इस दौरान दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई। इसी गर्मागर्मी के बीच पुलिस आ गई। पुलिस दिवाकर को ले कर साईंबाबा मंदिर स्थित पुलिस चौकी पर पहुँची। कुछ देर बाद पुलिस चौकी पर फराद नाम का बिल्डर आया। उसने पुलिस के आगे 2 दिनों में दिवाकर का हिसाब करने का वादा किया। फराद की बात पर विश्वास कर के सभी लोग पुलिस चौकी से वापस लौटने लगे।

शिकायत में आगे बताया गया है कि वापस लौटने के दौरान मुस्तकीम और उसके भाई ने अपने साथियों को दिवाकर पर हमले के लिए उकसाया और मुतरर्फ और मंसूर ने दिवाकर पर हमला बोल दिया। हमले से पहले दिवाकर को ऊपर भेजने की बात हुई। इसके बाद आरोपितों ने सड़क के किनारे पड़े पत्थरों को हथियार बनाया। हमले में दिवाकर बुरी तरह से घायल हो गए जिन्हें मैक्स अस्पताल में भर्ती करवाया गया। ऑपइंडिया के पास FIR कॉपी मौजूद है। इसके अलावा ऑपइंडिया के पास कुछ वीडियो भी मौजूद हैं जिसमें हमले से पहले दिवाकर यादव और आरोपितों के बीच पैसे को ले कर बहस और गाली-गलौज हो रही है।

बताया जा रहा है कि तब से दिवाकर लगातार कोमा में चल रहे थे। डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की काफी कोशिश की पर वो नाकाम रहे। आखिरकार दिवाकर ने 23 दिसंबर को दम तोड़ दिया। दिवाकर की मौत के बाद उनके परिजन अंतिम संस्कार के लिए शव को बिहार ले गए हैं। इस घटना में दिवाकर की तरफ से पैरवी के लिए थाने पहुँचे एडवोकेट राकेश शर्मा ने ऑपइंडिया से बात करते हुए बताया कि पीड़ित परिजनों के अंतिम संस्कार से आने की प्रतीक्षा की जा रही है। इसी के साथ उन्होंने कहा कि केस को IPC की धारा 302 में तरमीम करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं। फिलहाल मामले में 3 आरोपित जेल में बताए जा रहे हैं।

ऑपइंडिया से बात करते हुए दिल्ली पुलिस SHO मालवीय नगर इंस्पेक्टर कुमार कान्त मिश्रा ने बताया कि केस में पहले से ही चार्जशीट फाइल है। SHO के मुताबिक आरोपितों पर IPC की धारा 302 बढ़ाने के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट के साथ कागजात भेज दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि केस में नामजद 3 आरोपित पहले से जेल में हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया