बिहार में सरकार बदलते लालू यादव के साले के घर पर चला बुलडोजर, भागे-भागे कोर्ट पहुँच कर किया सरेंडर: CM नीतीश के ‘जनता दरबार’ में पहुँची थी जमीन कब्जाने की शिकायत

लालू यादव के साले सुभाष यादव के घर पर चला बुलडोजर, किया आत्म-समर्पण

राजद सुप्रीमो लालू यादव के साले सुभाष यादव ने आत्म-समर्पण कर दिया है। हाल ही में बिहार में राजद सत्ता से विपक्ष में भी गई है, क्योंकि नीतीश कुमार ने राजद को छोड़ कर भाजपा का दामन थाम लिया। सुभाष यादव के खिलाफ रंगदारी के एक मामले में कुर्की के आदेश का इश्तिहार जारी किया गया था। मामला बिहटा थाने का है। मंगलवार (13 फरवरी, 2024) को बिहार पुलिस बुलडोजर लेकर सुभाष यादव के आवास पर पहुँची थी, जिसके बाद उन्होंने सरेंडर किया।

बिहार में सरकार बदलने के असर के रूप में भी इसे देखा जा रहा है। एक दिन पहले ही विश्वास-मत प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान बिहार के नए उप-मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा था कि वो एक-एक की फ़ाइल खुलवाएँगे। सुभाष यादव, लालू यादव के छोटे साले हैं। साधु यादव उनके बड़े भाई हैं। साधु यादव लोकसभा सांसद और विधायक रहे हैं, जबकि सुभाष यादव राज्यसभा सांसद और विधान पार्षद। जब राबड़ी देवी मुख्यमंत्री थीं, तब इन दोनों भाइयों की तूती बोलती थी।

दोनों को लालू-राबड़ी काल में बिहार के माफिया के रूप में देखा जाता रहा है। सुभाष यादव ने अब कुर्की के डर से आत्म-समर्पण किया है। कुर्की की कार्रवाई के लिए पहुँची महिला पुलिस अधिकारी ने कहा कि एक पुराने मामले को लेकर कोर्ट ने कुर्की-जब्ती के कार्रवाई का आदेश दिया था, लेकिन रंगदारी और जमीन की धोखाधड़ी के इस मामले में सुभाष यादव ने इससे पहले ही कोर्ट में सरेंडर कर दिया। इसके बाद कुर्की-जब्ती की कार्रवाई रोक दी गई।

लालू यादव के साले जिस तरह से भागे-भागे कोर्ट पहुँचे, उसे ‘सम्राट इम्पैक्ट’ के रूप में भी देखा जा रहा है। सुभाष यादव ने MP-MLA कोर्ट में आत्म-समर्पण किया है। मामला नेउरा के बेला गाँव निवासी भीम वर्मा से जुड़ा है और 7 कट्ठा जमीन का है। इस मामले में सुभाष यादव की पत्नी रेणु देवी, बेटे और बेला के पूर्व सरपंच भी आरोपित हैं। बिहटा सर्किल इंस्पेक्टर कमलेश्वर प्रसाद सिंह ने अपनी टीम और एयरपोर्ट थाने की पुलिस के साथ मिल कर नोटिस चस्पाया था। सुभाष यादव का ये घर कौटिल्य नगर स्थित विधायक कॉलोनी में स्थित है।

ये मामला चर्चा में 27 फरवरी, 2021 को आया था। भीम वर्मा नेउरा थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं। उन्होंने आरोप लगाया था कि सुभाष यादव के परिवार ने उनकी जमीन पर अवैध कब्ज़ा कर रखा है। उन्होंने बताया कि 96 लाख रुपए की जमीन रजिस्ट्री करवा ली गई। जमीन पर कब्ज़ा भी कर लिया गया। शुरू में 60.50 लाख रुपए दिए गए, लेकिन बाद में मारपीट कर वो भी छीन ली गई। 18 अप्रैल, 2022 को भीम वर्मा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ‘जनता दरबार’ में पहुँचे थे और अपना दर्द साझा किया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया