मार्क्सवादी नेता रंजीत परदेशी की मार्क्सवादी पत्नी सरोज कांबले का 5 जून 2023 को महाराष्ट्र के धुले में उनके आवास पर निधन हो गया था। इस बीच 22 जून 2023 को यह पता चला कि उनके बेटे इनायत रंजीत परदेशी ने कथित तौर पर उन्हें पीट-पीटकर मार डाला था।
इनायत रंजीत परदेशी एक कम्युनिस्ट लेखक हैं, जो ‘द इंडी जर्नल’ और अब बंद हो चुके ‘द वायर मराठी’ सहित विभिन्न वामपंथी प्रचार पोर्टलों के लिए लिखते हैं। इनायत परदेशी द्वारा लिखे गए कुछ लेखों के वेब संग्रह लिंक आप यहाँ देख सकते हैं।
धुले में रहने वाली सरोज कांबले का 5 जून 2023 को उनके आवास पर निधन हो गया था। वह धुले में 80 फुट रोड के पास काजी प्लॉट इलाके में अपने पति रंजीत परदेशी और अपने बेटे इनायत के साथ रहती थीं। सरोज कांबले पंजाब नेशनल बैंक में कार्यरत थीं।
अगर उनके पति रंजीत प्रदेश की बात करें तो वह एक यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थे। पति-पत्नी दोनों, पाँच साल पहले ही सेवानिवृत्त हुए थे। दुर्भाग्य से रंजीत परदेशी विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के कारण बिस्तर पर हैं।
इसी दौरान मार्क्सवादी दंपत्ति के बेटे इनायत को पता चला कि उनकी माँ दोबारा शादी करने की योजना बना रही हैं। इनायत परदेशी को अपनी माँ के चरित्र पर संदेह होने लगा। इनायत परदेशी ने यह सोचकर अपनी माँ को परेशान करना शुरू कर दिया कि अगर वह दोबारा शादी करेगी तो शायद उसे पूरी संपत्ति विरासत में नहीं मिलेगी। 5 जून 2023 को इनायत ने कथित तौर पर उन पर हमला कर दिया।
सरोज कांबले और रंजीत परदेशी के सेवानिवृत्त होने के बाद इनायत परदेशी ने उनकी देखभाल की जिम्मेदारी ली, क्योंकि घर का खर्च मार्क्सवादी दंपति को मिलने वाली पेंशन से चलता था। हालाँकि, इनायत परदेशी तब व्यथित हो गए जब उन्हें एहसास हुआ कि उनके माता-पिता की संपत्ति उन्हें नहीं दी जाएगी। संपत्ति के स्वामित्व की माँग करते हुए उन्होंने अपनी माँ से संपर्क किया, लेकिन उन्होंने इनायत की माँगों को मानने से इनकार कर दिया।
माँ द्वारा इनकार करने के बाद इनायत परदेशी ने उन्हें परेशान करना शुरू कर दिया। यह उत्पीड़न तीन महीने तक जारी रहा, जब तक कि सरोज कांबले इससे तंग नहीं आ गईं। अप्रैल में सरोज ने कल्याण में रहने वाली अपनी बहन सुधा काटकर के घर में शरण ली। पीड़ा से बचने के लिए सरोज ने पूरा महीना वहीं बिताया।
इधर, इनायत परदेशी की क्रूरता की कोई सीमा नहीं थी। वह कल्याण गया और अपनी माँ को परेशान करना जारी रखा। परिणामस्वरूप, सरोज कांबले धुले में अपने घर लौट आईं। धुले में भी इनायत अपनी माँ पर अमानवीय अत्याचार करता रहा। वह अक्सर उस पर शारीरिक हमला करता था। उन्हें थप्पड़ मारता था और भयानक चोटें पहुँचाता था।
यह पाया गया कि सरोज कांबले की मृत्यु स्वाभाविक नहीं थी और उनके बेटे इनायत रंजीत परदेशी ने उन्हें प्रताड़ित किया था। 17 जून 2023 को धुले शहर की आज़ाद नगर पुलिस ने 12 दिनों के बाद इनायत परदेशी के खिलाफ IPC की धारा 304 के तहत गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया। यह शिकायत सरोज कांबले की बहन सुधा काटकर ने दर्ज कराई थी।
आजाद नगर पुलिस स्टेशन में दी गई अपनी शिकायत में सुधा ने कहा कि इनायत जानता था कि सरोज कांबले एक बुजुर्ग महिला हैं और अगर उसे पीटा गया तो उसकी मृत्यु हो सकती है। इसके बावजूद इनायत ने अपनी माँ को बार-बार लात और घूंसों से पीटा। उन्होंने कहा कि सरोज कांबले की मौत के लिए इनायत परदेशी जिम्मेदार है।
इनायत परदेशी ने यह दिखाने की कोशिश की थी कि उसकी माँ की मौत स्वाभाविक है। उसे अपनी माँ के शव का अंतिम संस्कार ख़त्म करने की भी जल्दी थी। हालाँकि, वहाँ मौजूद कुछ कार्यकर्ताओं ने सरोज कांबले की मौत पर संदेह जताया और इसे अप्राकृतिक मौत बताया। इसके बाद इन लोगों ने पुलिस को सूचित किया।
इसके बाद पुलिस सरोज कांबले का शव पोस्टमार्टम के लिए ले जाने लगी। हालाँकि, इनायत परदेशी अपनी माँ के शव के पोस्टमार्टम का विरोध कर रहे थे। ऐसे में पुलिस ने सरोज कांबले के शव को शवगृह से जबरन नीचे उतारकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इनायत परदेशी ने रसोई घर में बर्तन को गर्म करता था और उससे अपनी माँ की त्वचा को जला देता था। वह अपने अपाहिज पिता रंजीत परदेशी का मूत्र पीने के लिए भी मजबूर करता था। जब सरोज कांबले की रहस्यमय परिस्थितियों में मृत्यु हो गई तो धुले के नटराज टॉकीज के सामने काजी प्लॉट स्थित अपने घर में अपने पिता के साथ मौजूद था।
इनायत ने कथित तौर पर सरोज कांबले की मौत से पहले और बाद में अपने मोबाइल फोन पर कई लोगों से संपर्क किया था। इसलिए, इनायत परदेशी का मोबाइल सीडीआर इस समग्र मामले में एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो सकता है। इस बीच गंभीर बीमारी से ग्रस्त रंजीत परदेशी को 22 जून 2023 को इलाज के लिए नासिक में भर्ती कराया गया है।
इनायत परदेशी ने 14 जून 2023 को अपने पिता रंजीत परदेशी के साथ धुले छोड़ दिया था। उसे आशंका हो गई थी कि उसके खिलाफ किसी भी समय मामला दर्ज किया जा सकता है और उसे गिरफ्तार किया जा सकता है। उसने बिना किसी को बताए मालेगाँव चला गया। बाद में पता चला कि इनायत परदेशी अपने मामा के पास गया था।
मामला दर्ज होने के बाद धुले पुलिस ने इनायत का पता लगाने के लिए दो टीमें बनाईं। इन टीमों को नासिक और मालेगाँव भेजा गया। हालाँकि, इनायत पुलिस की पकड़ से बचने में कामयाब रहा। बुधवार दोपहर (21 जून 2023) को इनायत परदेशी ने धुले के आज़ाद नगर पुलिस स्टेशन में आत्मसमर्पण कर दिया।
आत्मसमर्पण के बाद आजाद नगर थाने की पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने शाम तक उसकी मेडिकल जाँच कराई और अन्य कानूनी प्रक्रियाएँ पूरी कीं। उसके बाद गुरुवार (22 जून 2023) को उसे धुले की एक अदालत में पेश किया गया।
इनायत परदेशी एक कम्युनिस्ट लेखिक है। उसने वामपंथी प्रोपेगेंडा पोर्टलों के लिए लिखा है। जब ‘द वायर मराठी’ काम कर रहा था, तब वह इसके लिए लिखता था। द वायर मराठी अक्टूबर 2022 में बंद हो गया। इनायत परदेशी मराठी वामपंथी प्रोपेगेंडा पोर्टल द इंडी जर्नल के लिए भी लिखता है।
इनायत तथाकथित ब्राह्मणवादी पितृसत्ता के ख़िलाफ़ अपने विचारों के लिए जाना जाता था। उसने अपने फेसबुक अकाउंट पर कई ऐसी तस्वीरें भी पोस्ट की थीं, जिनमें वह अपनी माँ के साथ नजर आ रहा है। उसने एक फोटो के कैप्शन में लिखा- ‘माँ मेरी जन्नत है’।