कालिंदी एक्सप्रेस विस्फोट स्थल पर मिला पत्र, PM मोदी की रैली में RDX से विस्फोट करने की थी योजना

आख़िर कब थमेगा पीएम मोदी पर व्यक्तिगत हमलों का सिलसिला

बुधवार (21 फ़रवरी 2019) को कानपुर-भिवानी कालिंदी एक्सप्रेस में बम विस्फोट हुआ, जिसमें अभी तक किसी के हताहत होने की ख़बर नहीं मिली। लेकिन विस्फोट की जाँच करते समय सुरक्षा एजेंसियों को जैश-ए-मोहम्मद के संचालक द्वारा लिखा गया एक पत्र मिला है।


पत्र की शुरुआत में लिखा है कि मीटिंग कर इस बारे में सभी को अवगत कराया जा चुका है। उसके बाद लिखा है कि मोदी के मंच को बम से उड़ाना है।

सुरक्षा एजेंसियों को मिले इस पत्र में RDX के प्रयोग से रैली के दौरान पीएम मोदी पर एक सुनियोजित हमला करने की साज़िश का विवरण है। इस पत्र में शताब्दी एक्सप्रेस और दिल्ली-कानपुर मार्ग पर बने एक पुल पर हमला करने के बारे में भी लिखा है।

कालिंदी एक्सप्रेस ने शाम 5:30 बजे कानपुर सेंट्रल स्टेशन से भिवानी, हरियाणा की ओर यात्रा शुरू की। ट्रेन कानपुर से 40 किमी दूर, बर्राजपुर स्टेशन पर शाम करीब 6:40 बजे पहुँची। बम धमाका सामान्य डिब्बे के टॉयलेट में हुआ। राजकीय रेलवे पुलिस ने सबसे पहले विस्फोट की जानकारी दी और बाद में आतंकवाद निरोधी दस्ते ने जाँच अपने हाथों ली।

पत्र के मुताबिक कानपुर से 30 किमी दूर, 27 फरवरी को एक पुल पर एक विस्फोट होना निर्धारित किया गया था। फिर, डेढ़ किलो RDX का उपयोग करके, कानपुर-दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस पर हमला किया जाना था। हमले से एक दिन पहले विस्फोटकों को दिल्ली के आनंद विहार बस टर्मिनल पर सौंप दिया जाना था। पत्र के ऊपरी भाग पर 786 और शब्द “पैगाम” लिखा है।


पत्र के ऊपरी भाग पर 786 और शब्द “पैगाम” लिखा है

इसके बाद पत्र में आगामी पीएम मोदी की रैली का विवरण है, इस रैली के दौरान दो किलो RDX के इस्तेमाल से धमाका करने का मक़सद था। पत्र में इस बात का भी ज़िक्र है कि इन हमलों के लिए लगभग 5 करोड़ रुपये लगाए गए हैं।

पत्र के अलावा एजेंसियों को एक डायरी भी मिली है, इसमें कानपुर के मक्कड़पुर शहर के निवासियों के कई गुप्त कोड और नाम दर्ज हैं। फ़िलहाल, एजेंसियों द्वारा इन गुप्त ​​कोडों को क्रैक करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा घटना स्थल पर आधा किलो माँस से भरा बैग भी बरामद किया गया।

SSP अनंत देव तिवारी के मुताबिक, पत्र और डायरी की जाँच हो रही है और मामले को गंभीरता से लिया गया है। ट्रेन विस्फोट के गुर्गों का पता लगाने के लिए एक अलग टीम का गठन भी किया गया है। अपराधियों की धर-पकड़ के लिए जाँच एजेंसियाँ ​​सीसीटीवी कैमरों की मदद ले रही हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया