‘कोरोना के कारण चली गई है मेरी याददाश्त’: ED से बोले AAP के मंत्री सत्येंद्र जैन, हवाला के दस्तावेजों पर पूछे गए थे सवाल

सत्येंद्र जैन की जमानत पर 18 जून को आएगा फैसला, तब तक रहेंगे जेल में (फोटो साभार: ANI)

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन (Delhi Health Minister Satyendar Jain) की जमानत याचिका पर कोर्ट ने आज (14 जून 2022) फैसला सुरक्षित रख लिया है। यह जमानत याचिका पिछले सप्ताह ही दायर की गई थी। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट अब 18 जून (शनिवार) को जैन की याचिका पर अपना फैसला सुनाएगी। तब तक ‘आप’ नेता को जेल में ही रहना होगा। वहीं, सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हैरान कर देने वाला दावा भी किया।

अदालत में ईडी ने कहा कि सवाल पूछे जाने के दौरान सत्येंद्र जैन ने कहा कि उनको कोरोना हुआ था, जिसकी वजह से अब उनकी याददाश्त चली गई है। ईडी ने बताया कि सत्येंद्र जैन से कुछ कागजात के बारे में सवाल किए गए थे। जैसे हवाला से पैसा पाने वाले ट्रस्ट से सत्येंद्र जैन का क्या कनेक्शन है, वे उसके मेंबर क्यों हैं?

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता सत्येंद्र कुमार जैन को सोमवार (13 जून, 2022) को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। प्रवर्तन निदेशालय ने जैन को 30 मई की रात को गिरफ्तार किया था। उन पर मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering Case) का आरोप है। 

उल्लेखनीय है कि 6 जून को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ‘आप’ नेता के घर सहित उनके 7 ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की थी। इस दौरान ईडी ने 2.82 करोड़ रुपए की अघोषित नकदी व 1.80 किग्रा सोना बरामद किया था। इसके बाद ईडी ने 9 जून को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जैन को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया था। ईडी ने दावा किया था कि केजरीवाल के मंत्री सत्येंद्र जैन ने पत्नी और बेटियों के नाम पर 16 करोड़ की धोखाधड़ी की है।

क्या है पूरा मामला

गौरतलब है कि साल 2017 में आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में केंद्रीय जाँच ब्यूरो (CBI) ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत सत्येंद्र जैन के खिलाफ FIR दर्ज की थी। इसी शिकायत के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने AAP नेता के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया था। जाँच एजेंसी ने ये आरोप लगाया था कि जैन चार कंपनियों से मिली फंडिंग के स्त्रोत के बारे में नहीं बता सके थे, जबकि वो उसमें शेयर होल्डर थे। इन कंपनियों ने कथित तौर पर 2010 से 2014 तक 16.39 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग की थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया