‘मदरसे पैदा करते हैं आतंकी, मौका मिला तो बैन करूँगा’: यूपी के मंत्री रघुराज सिंह ने कहा- राज्य में 250 से 22000 हो गए मदरसे

'मदरसे पैदा करते हैं आतंकी, मौका मिला तो बैन करूँगा': यूपी के मंत्री रघुराज सिंह

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के मंत्रिमंडल में राज्यमंत्री (MoS) ठाकुर रघुराज सिंह ने मदरसों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि देश भर में जितने भी मदरसे चल रहे हैं, वहीं से आतंकवाद पनप रहा है। इसलिए सभी मदरसों को बंद कर देना चाहिए। उनके इस बयान का वीडियो वायरल हो रहा है।

इस वीडियो में मंत्री को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि मदरसे आतंकी गतिविधियों के केंद्र बने हुए हैं और सभी आतंकवादी मदरसों से ही पढ़कर निकले हैं। मंत्री ने कहा कि अगर भगवान ने उन्हें मौका दिया तो वे देश भर में चल रहे सभी मदरसों को बंद कर देंगे। उन्होंने ये भी कहा कि जैसे सर्प का फन कुचल दिया जाता है, वैसे ही आतंकवाद का सिर कुचलना है।

मंत्री का बयान

राज्यमंत्री ठाकुर रघुराज सिंह ने कहा है कि मदरसों से केवल और केवल आतंकवादी पैदा होते हैं। ये जितने भी मजहबी स्कूल हैं, ये इस्लामिक कट्टरपंथ और चरमपंथ को बढ़ावा देते हैं। मदरसों में इन आतंकियों को ट्रेनिंग दी जाती है। उन्होंने कहा कि देश से आतंकवाद को खत्म करने के लिए पहले सभी मदरसों को बंद करना होगा। मंत्री ने कहा, “हमें देश से आतंकवाद को खत्म करना है। भगवान मुझे देश भर में चल रहे सभी मदरसों को बंद करने का मौका दें।”

मंत्री रघुराज सिंह ने दावा किया है कि उत्तर प्रदेश में मदरसों की संख्या बहुत ही तेजी से बढ़ रही है। राज्य में मदरसों की संख्या कभी 250 थी, लेकिन ये आज बढ़कर 22,000 हो गई हैं। उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार से इन मदरसों पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया।

मंत्री से जब पूछा गया कि वो ऐसे कैसे कह सकते हैं कि मदरसे से केवल आतंकवादी ही निकलते हैं तो उन्होंने हिजबुल मुजाहिदीन के मारे गए आतंकवादी मन्नान वानी का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से पास आउट वानी ने जम्मू-कश्मीर के एक मदरसे में पढ़ाई की थी। सच्चाई ये है कि ISI एजेंट किसी न किसी मदरसे से ही निकलते हैं।

इतना ही नहीं, योगी के मंत्री ने केरल में फैल रहे इस्लामिक कट्टरपंथ का भी हवाला देते हुए कहा कि केरल में कट्टरपंथी इस्लामवादी राज्य में महिलाओं का शोषण कर रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि कम्युनिस्ट सरकार में केरल ISIS का केंद्र बन गया है।

गौरतलब है कि केरल से ‘लव जिहाद’ की कई घटनाएँ सामने आई हैं, जहाँ हिंदू महिलाओं को निशाना बनाया जाता है। इन महिलाओं का धर्म परिवर्तन कराने के बाद उनका ब्रेनवॉश कर ISIS में शामिल कराया जाता है। ऐसे मामलों की कुल संख्या राज्य में 92 से अधिक बताई जा रही हैं। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई करते हुए एनआईए पहले ही लव जिहाद के 32 मामलों की जाँच कर रही है। केरल के लव जिहाद के अधिकतर मामलों का किसी न किसी तरह से आतंकी संगठन ISIS से जुड़ाव रहा है।

मदरसों से इस्लामिक आंतक के कई मामले सामने आए

मदरसों में इस्लामिक आतंक के पनपने के मंत्री के बयान को इस बात से बल मिलता है कि इससे पहले भी ऐसी कई रिपोर्ट सामने आ चुकी हैं, जिनमें कहा गया है कि आतंकवादी संगठनों द्वारा मदरसों का बड़े पैमाने पर कट्टरपंथ विचारधारा को फैलाने और आतंकी भर्ती गतिविधियों के लिए उपयोग किया जाता है।

पिछले साल ही केरल और पश्चिम बंगाल में फैले अल-कायदा के टेरर मॉड्यूल का भंडाफोड़ करते हुए NIA ने मदरसा शिक्षक अब्दुल मोमिन मंडल को गिरफ्तार किया था। आरोपित के पास से जाँच एजेंसी ने कई डिजिटल डिवाइस, दस्तावेज, जिहादी साहित्य, धारदार हथियार, देसी हथियार, स्थानीय स्तर पर बनाए गए बॉडी आर्मर और घर विस्फोटक बनाने संबंधी साहित्य समेत कई आपत्तिजनक सामग्री जब्त किए थे। उसकी गिरफ्तारी के बाद NIA ने खुलासा किया था कि मॉड्यूल से जुड़े नौ आतंकवादियों को पकड़ने के बाद सितंबर 2020 के बाद यह 11वीं गिरफ्तारी है।

खुद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साल 2019 में आतंकवादी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) द्वारा पश्चिम बंगाल के बर्दवान और मुर्शिदाबाद में कट्टरपंथ और भर्ती गतिविधियों को चलाने के लिए मदरसों के इस्तेमाल किए जाने की पुष्टि की थी। आतंकी इन इलाकों को न सिर्फ ठिकाने के तौर पर इस्तेमाल कर रहे थे, बल्कि सीमावर्ती इलाकों में भर्तियाँ भी कर रहे थे। ये भर्तियाँ मदरसों और मस्जिदों के जरिए की जाती हैं। आतंकियों का यह नेटवर्क पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद, मालदा और नदिया जिलों और असम में मुस्लिम बहुल जिलों के कुछ हिस्सों में सक्रिय है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया