दोषी पर सख्ती ऐसी जो नजीर बने, पीड़ित के घाव पर मरहम ऐसा जो मिसाल बने: यूँ ही नहीं कोई बन जाता है जनता का मामा

सीधी पेशाब कांड पीड़ित के CM शिवराज ने पखारे चरण, किया वृक्षारोपण (फोटो साभार: @ChouhanShivra,ANI)

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता, सहृदयता और प्रशासन चलाने का तरीका ऐसा है कि जनता के लिए वे ‘मामा’ हैं। सीधी पेशाब कांड का जो वीडियो वायरल हुआ है, उस मामले में भी एक तरफ उनके भीतर का सख्त प्रशासक दिखता है, दूसरा ऐसा मुख्यमंत्री जिसके लिए ‘जनता ही भगवान’ है। आरोपित की गिरफ्तारी हुई, एनएसए लगा, घर पर बुलडोजर चला। सजा की ऐसी लीक खींची जा रही है कि अपराधियों के लिए नजीर बन जाए। दूसरी तरफ पीड़ित को मुख्यमंत्री आवास लाए। चरण पखारे। माफी माँगी। शाल ओढ़ाया। साथ मिलकर पेड़ लगाए। सम्मान की ऐसी मिसाल पेश की है कि कोई पीड़ित खुद को कभी अकेला न महसूस करे।

गुरुवार 6 जुलाई 2023 को सीधी पेशाब कांड के पीड़ित दशमत रावत मुख्यमंत्री आवास आए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद हाथ पकड़कर अनुसूचित जनजाति से आने वाले पीड़ित को घर के भीतर ले गए। कुर्सी पर बैठाया। चरण पखारे। आरती उतारी। तिलक लगाया। शाल ओढ़ाया। अपने राज्य में उसके साथ हुई घटना के लिए माफी माँगी। इसका वीडियो साझा करते हुए सीएम ने ट्वीट में लिखा है, “यह वीडियो मैं आपके साथ इसलिए साझा कर रहा हूँ कि सब समझ लें कि मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान है, तो जनता भगवान है। किसी के साथ भी अत्याचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। राज्य के हर नागरिक का सम्मान मेरा सम्मान है।”

इसके बाद दशमत के साथ मुख्यमंत्री राजधानी भोपाल में स्थित स्मार्ट सिटी पार्क पहुँचे। यहाँ दोनों ने मिलकर वृक्षारोपण किया। साथ मिलकर फावड़े से मिट्टी डाली। कहा कि उनके लिए गरीब पूज्य हैं। गरीबों का अपमान सबका अपमान है। 

न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में CM ने कहा, “मेरे लिए दरिद्र ही नारायण है। जनता ही भगवान है। जनता की सेवा हमारे लिए भगवान है। हम ये मानते हैं कि हर इंसान में भगवान निवास करता है। भाई दशमत के साथ अन्याय हुआ। मेरा मन दर्द-पीड़ा और व्यथा से भर गया। इसलिए मैंने इन्हें यहाँ बुलाया। मन गहरी वेदना से भरा हुआ था। मन में बहुत तकलीफ थी। हमारे भाई के साथ एक अमानवीय घटना घटी। मैं अन्तर्रात्मा से मानता हूँ कि गरीब मेरे लिए पूज्य है। उसका अपमान हम सबका अपमान है।”

इस बीच दैनिक भास्कर ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि पेशाब कांड का वीडियो पुलिस के अनुसार एक साल पुराना है। प्रवेश शुक्ला के चाचा विद्याकांत शुक्ला का दावा है कि वीडियो तीन साल पुराना है। इसके जरिए उनके भतीजे को ब्लैकमेल किया जा रहा था। इससे वह मानसिक तौर पर परेशान था। कुबरी गाँव के आदर्श शुक्ला और दीनदयाल साहू पर वीडियो वायरल करने की धमकी देकर पैसा माँगने का आरोप लगाया है। भास्कर ने सीधी की एएसपी अंजूलता पटेल के हवाले से बताया कि वीडियो पुराना है। सोशल मीडिया में इसे वायरल करने वाले लोगों से पूछताछ की जा रही है। सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि पेशाब वाला वीडियो 24 जून 2023 को भी सीधी जिले के कुछ सोशल मीडिया ग्रुप में डाला गया था। बाद में डिलीट कर दिया गया। इस बीच अचानक 29 जून को प्रवेश शुक्ला घर से गायब हो गया। जब परिजनों ने उसका लापता होने की शिकायत पुलिस से की तो 3 जुलाई को फिर से इस वीडियो को वायरल किया गया।

आकाश शर्मा 'नयन': हिन्दू, हिन्दू भाई-भाई