जुमे के दिन जामा मस्जिद में मौलवियों से शास्त्रार्थ करेंगे महंत यति नरसिंहानंद, कहा – ‘उनकी किताब में लिखा है, बताने पर सर तन से जुदा का फतवा’

महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा - जामा मस्जिद में जुटें दुनिया के सारे मौलाना

गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर के महंत और जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी (Yati Narsinghanand) ने नूपुर शर्मा मामले में जामा मस्जिद जाने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि वे अगले जुमे पर कुरान और इस्लाम की अन्य किताबें लेकर जामा मस्जिद मस्जिद जाएँगे और वहाँ सभी मौलानाओं को इन्हें दिखाकर उनसे सर तन से जुदा करने की वजह पूछेंगे। नरसिंहानंद गिरी ने कहा किबीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) द्वारा कही गई बातें उन्हीं की हदीस और कुरान में लिखी हुई हैं।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में वह कह रहे हैं, “लाखों लोग जामा मस्जिद में नमाज के लिए इकट्ठे होते हैं। मैं वहाँ उन लोगों को दिखाना चाहता हूँ कि जिस बात के लिए वह हम पर ​सर तन से जुदा का फतवा जारी करते हैं, वो सारी की सारी बातें उनकी अपनी किताबों में लिखी हुई हैं।”

उन्होंने कहा, “हाल ही में जो नूपुर शर्मा के साथ किया गया, इसमें उनकी गलती नहीं है। ये भारत के कायर नेता हैं, कुछ उस बात को लेकर डर रहे हैं और कुछ बिगड़ रहे हैं। उन्हीं के कारण आज हमारी ये दुर्दशा है। हम कुछ भी गलत या झूठ नहीं बोल रहे हैं। हम तो केवल वही बातें बोल रहे हैं, जो इस्लामी किताबों में लिखी हुई हैं। उनकी किताबें हमने नहीं लिखी हैं। उन्होंने अपनी किताबें खुद लिखी हैं, मुहम्मद के बारे में, इस्लाम के बारे में और कुरान के बारे में। हम जब उन बातों को ​कहते हैं, तो वे कहते हैं कि वे हमारा सिर काट देंगे।”

गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर के महंत ने आगे कहा, “जिस तरह से वे पूरी दुनिया में जिहाद यानी इस्लामिक आतंकवाद फैला रहे हैं, ये उनकी किताबों में लिखा है। मैं पूरी दुनिया के मौलानाओं को चुनौती देता हूँ कि वे 17 जून, 2022 को दिल्ली की जामा मस्जिद में आएँ। मैं वहाँ बिल्कुल अकेला आऊँगा। केवल मोबाइल, किताबें और कुछ सी​डी लेकर आऊँगा, ताकि मैं उन्हें दिखा सकूँ कि उनके मौलाना क्या बोलते हैं। मैं उन्हें दिखा सकूँ कि मुसलमान क्या बोलते हैं। उन बातों के बारे में जिनको लेकर वो आप पर फतवा लगा रहे हैं।”

उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा, “ऐसा लगता है कि इस देश में इस्लाम की गुलामी आ गई है। कोई भी इसे स्वीकार कर सकता है, लेकिन मैं नरसिंहानंद गिरी इसे स्वीकार नहीं करूँगा। मैं जानता हूँ कि वो मुझे वहाँ जान से मार देंगे, लेकिन इस अपमानजनक जीवन जीने से अच्छा वहाँ जाकर मर जाना है। ताकि लोगों को समझ आ सके कि नूपुर शर्मा और हम जैसे लोग सच बोल रहे हैं। हिंदुओं मैं तुम्हारा साथ नहीं चाहता हूँ। मैं वहाँ अकेला ही जाऊँगा। अगर मैं अकेला नहीं गया तो ये सरकारें हम पर झूठा मुकदमा लगा देंगी। मैं वहाँ शांतिपूर्वक तरीके से अपनी बात रखूँगा और उनकी बात सुनूँगा, जो भी होगा देखा जाएगा।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया