रेप की खबर वाले अखबार चुन-चुनकर तैयार किए गए हिंदू देवी-देवताओं के अपमानजनक चित्र: वडोदरा की यूनिवर्सिटी में कला के नाम पर हिंदूघृणा की प्रदर्शनी

गुजरात के वडोदरा में महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी में हिन्दू देवी देवताओं के अपमान करती चित्र प्रदर्शनी लगाने का आरोप

गुजरात के वडोदरा स्थित महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी में फाइन आर्ट फैकेल्टी एक प्रदर्शनी के चलते विवादों में आ गई है। बताया जा रहा है कि इसमें कुछ छात्रों द्वारा लगाई गई हिन्दू देवी – देवताओं की तस्वीरें आपत्तिजनक थीं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) ने इसके विरोध में डीन के इस्तीफे की माँग की है। ABVP ने 5 मई 2022 को इस बावत एक पत्र भी लिखा है।

मिली सूचना के मुताबिक फाइन आर्ट फैकेल्टी की यह सालाना प्रदर्शनी थी। इस दौरान छात्रों ने विभिन्न विषयों पर अपनी तैयारियाँ की थीं। जिसमें कई छात्रों की प्रस्तुति रचनात्मक रही लेकिन कुछ ने इसे हिन्दू देवताओं के विरोध का माध्यम बना लिया। आरोप है कि प्रदर्शनी में हिन्दू देवी-देवताओं और भारत के कुछ राष्ट्रीय चिन्हों के चित्रों को रेप केसों से जोड़ा गया है। आरोप है कि हिन्दू देवी और देवताओं के चित्र बनाने के लिए उन अख़बारों का प्रयोग किया गया है जिन पर रेप की खबरें छपी हुई हैं।

इस पूरे मामले की जानकारी होते ही ABVP के छात्र मौके पर पहुँचे। उन्होंने डीन को हटाने की माँग के साथ नारेबाजी शुरू कर दी। ABVP के छात्र मामले की जाँच करवाते हुए आरोपितों पर कड़ी कार्रवाई की भी माँग कर रहे थे। इस माँग का एक प्रार्थना पत्र भी दिया गया है। कुलपति को दिए गए इस पत्र में ABVP ने लिखा, “बड़े शर्म की बात है कि हिन्दू देवताओं के चित्रों को को रेप जैसे मामलों में प्रयोग किया गया।”

ABVP द्वारा दी गई शिकायत

इस से पहले भी फाइन आर्ट फैकेल्टी हिन्दू भावनाओं को आहत कर चुका है। ऑपइंडिया से बात करते हुए ABVP नेता वज्र भट्ट ने कहा, “फाइन आर्ट फैकेल्टी के कुछ छात्रों ने हिन्दू देवताओं के चित्र बनाने के लिए रेप की क्लिपिंग वाले अख़बारों को चुना। रेप के मामले में बहस होनी चाहिए लेकिन इसके लिए हिन्दू देवी-देवताओं को क्यों चुना गया ? इसीलिए हमारी माँग है कि डीन को निकाला जाए। साथ ही यूनिवर्सिटी प्रशासन हमें निष्पक्ष जाँच का भरोसा दे।”

ABVP ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, “रेप जैसे मामले में हिन्दू देवताओं के चित्र बनाना घृणित है। भारत के राष्ट्रीय सम्मान अशोक स्तम्भ को भी विकृत किया गया है। ऐसा करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।” गौरतबल है कि फैकेल्टी के डीन का नाम जयराम पोडवाल है। उन्होंने दावा किया कि वायरल हो रही तस्वीरें उस प्रदर्शनी की नहीं हैं और न ही उन्हें दिखाया गया है।”

Meghalsinh Parmar: A Journalist. Deputy Editor- OpIndia Gujarati. Not an author but love to write.