महाराष्ट्र: BMC अस्पतालों के डॉक्टर कर रहे स्टाइपेंड में बढ़ोतरी का इंतजार, कहा, ‘गंदगी’ भरे वातावरण में काम करने को ‘मजबूर’

'BMC Betrayed Us' कैंपेन चला रहे बीएमसी के अस्पतालों के डॉक्टर (साभार: Twitter/@lata_MIRROR)

महाराष्ट्र में एक तरफ जहाँ कोरोना वायरस संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है और स्वास्थ्य क्षेत्र पर भारी दबाव बना हुआ है वहीं बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) के अस्पतालों में दिन-रात अपनी जान जोखिम में डालकर Covid-19 से संक्रमित मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर अपने रुके हुए स्टाइपेंड की माँग कर रहे हैं और इसके लिए कैंपेन चल रहे हैं।

हाथ में ‘BMC Betrayed Us’, ‘Betrayed, Still Working’ के बैनर लिए हुए कई आवासीय डॉक्टर BMC के अस्पतालों में अपने अधिकारों की माँग कर रहे हैं। इन अस्पतालों में लोकमान्य तिलक म्युनिसिपल जनरल हॉस्पिटल, केईएम हॉस्पिटल, नायर हॉस्पिटल, राजीव गाँधी मेडिकल कॉलेज (RGMC) और छत्रपति शिवाजी महाराज हॉस्पिटल (CSMH) प्रमुख हैं जहाँ डॉक्टर अपने स्टाइपेंड की माँग कर रहे हैं।

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फोटो : मुंबई मिरर

अगस्त 2020 में पास हुआ था स्टाइपेंड बढ़ाने का प्रस्ताव, अब तक नहीं मिला

ज्ञात हो कि महाराष्ट्र कैबिनेट ने अगस्त 2020 में सरकारी अस्पतालों के आवासीय डॉक्टरों के लिए प्रतिमाह 10,000 रुपए स्टाइपेंड बढ़ाने का प्रस्ताव पारित किया था। इसका उद्देश्य था Covid-19 महामारी के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टरों को अतिरिक्त लाभ प्रदान करना लेकिन डॉक्टरों को इस बढ़े हुए स्टाइपेंड का एरियर अभी तक प्राप्त नहीं हुआ।

ठाणे के RGMC और CSMH अस्पताल के डॉक्टरों ने आरोप लगाया है कि उन्हें न तो उनका स्टाइपेंड मिला है और न तो अस्पताल में बेहतर वातावरण मिल रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें लगातार अस्वच्छ वातावरण में काम करना पड़ रहा है। रिपोर्ट के मुताबकि, मेडिकल छात्रों ने भी बताया कि उनके कोविड इन्सेंटिव भी कम किए गए हैं। छात्रों ने बताया कि इस विषय पर ऑफिस सुपरवाइजर से बात की लेकिन छात्रों को बजट की कमी का हवाला देते हुए यह कहा गया कि फिलहाल स्टाइपेंड को रोका गया है।  

डॉक्टरों को मिलने वाले स्टाइपेंड और मेडिकल छात्रों के कोविड इन्सेंटिव को लेकर ठाणे म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के कमिश्नर, एडिशनल कमिश्नर को सूचना दी गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। हालाँकि CSMH के डीन भीमराव जाधव ने कहा कि बजट की कोई कमी नहीं है और डॉक्टरों को उनका स्टाइपेंड देने की प्रक्रिया चल रही है।

डॉक्टरों ने की अस्पताल और हॉस्टल के अस्वच्छ वातावरण की शिकायत

अस्पताल और हॉस्टल के वातावरण और भोजन की गुणवत्ता पर असंतोष व्यक्त करते हुए डॉक्टरों और छात्रों ने शिकायत दर्ज की कि कैंटीन में उपलब्ध भोजन की गुणवत्ता सही नहीं है। इसके अलावा उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अस्पताल में जगह-जगह पर पड़ा हुआ डिस्पोजेबल मैटेरियल और हॉस्टल में पड़ा हुआ कचरा गंदगी का कारण बन रहा है जिससे मच्छरों का संकट भी बना हुआ है।

अस्पताल में बिखरा हुआ कचरा (फोटो : टाइम्स ऑफ इंडिया)

डॉक्टरों ने कहा है कि यदि उनकी माँगे पूरी नहीं की गईं तो वे 10 मई से दौरान भूख हड़ताल करेंगे।

बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) भारत की सबसे धनी नगर पालिका है। इसका सालाना बजट कई बार भारत के छोटे राज्यों से भी कहीं अधिक होता है। वर्तमान में BMC के मेयर और डेप्युटी मेयर दोनों ही शिवसेना से ही हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया