PM मोदी की हुंकार, नहीं छिप सकेंगे आतंकी, सज़ा मिलना तय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाराष्ट्र के दौरे पर हैं। यहाँ उन्होंने यवतमल में कई परियोजनाओं का शिलान्यास किया। पीएम ने एक बार फ़िर पुलवामा में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि गुनहगारों को उनके किए की सज़ा दी जाएगी। “मैं जानता हूँ कि हम सभी किस गहरी वेदना से गुज़र रहे हैं। पुलवामा में जो हुआ, उसको लेकर आपके आक्रोश को मैं समझ रहा हूँ।”

पीएम मोदी ने कहा, “जिन परिवारों ने अपने लाल को खोया है, उनकी पीड़ा मैं अनुभव कर सकता हूँ। इन शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। आतंकी हमसे जितना मर्ज़ी छिप लें, लेकिन उन्हें सज़ा मिलनी तय है। उन्होंने कहा कि सैनिकों में और विशेषकर CRPF में जो ग़ुस्सा है, वो भी देश समझ रहा है। इसलिए सुरक्षाबलों को खूली छूट दी गई है।”

पीएम ने कई परियोजनाओं का किया शिलान्यास

इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कई परियोजनाओं का शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएँ ग़रीबों से जुड़ी, सड़कों से जुड़ी, रेलवे से जुड़ी, रोज़गार से जुड़ी हई हैं। पीएम मोदी ने कहा कि यवतमाल के साढ़े 14 हज़ार से अधिक ग़रीब परिवारों ने आज अपने नए घर में प्रवेश किया है। केंद्र सरकार ने 2022 तक हर बेघर को पक्का घर देने का लक्ष्य रखा है और सरकार तेज़ी से अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ रही है। उन्होंने बातया कि अब तक देश के गाँव और शहरों में 1.5 करोड़ ग़रीबों के घर बनाए जा चुके हैं।

पीएम ने यहाँ सड़क से जुड़े करीब ₹500 करोड़ के प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास किया गया। इसके अलावा पुणे- अजनी-पुणे हमसफर एक्सप्रेस को भी हरी झंडी दिखाई। ये ट्रेन दौंड, मनमाड, भुसावल और बडनेरा होते हुए जाएगी। इससे इन सभी जगहों के लोगों को बहुत सुविधा होने वाली है।

भीख का कटोरा लेकर घूमने वालापाकिस्तान एक विफल राष्ट्र है

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ क़ाफ़िले पर (14 फ़रवरी 2019) हुए आतंकी हमले में पाकिस्तान की भूमिका को लेकर जमकर हमला बोला था। पीएम ने कहा था कि आतंकवाद को जारी रखने वाला पाकिस्तान एक विफल राष्ट्र है।

प्रधानमंत्री ने कहा था कि पाकिस्तान आर्थिक संकट से गुजर रहा है। उसके लिए रोज़मर्रा का ख़र्चा तक चलाना मुश्किल हो गया है, वह दुनिया में भीख का कटोरा लेकर घूम रहा है। दुनिया जान रही है कि पाकिस्तान आतंकवाद का पोषण करता है, यही कारण है कि तमाम देश उसे अलग-थलग कर रहे हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया