‘गैर मुस्लिम से शादी की सजा मौत है, यही तुझे मिलेगी’: मलाला को मिल रही धमकी, चंडीगढ़ के लड़के से की है शादी

अफगानी लड़की मलाला ने चंडीगढ़ के युवक से रचाई शादी (फोटो साभार: News18)

अफगानिस्तान की मलाला नाम की युवती को चंडीगढ़ के एक लड़के से शादी करने पर धमकी मिल रही है। रिपोर्टों के अनुसार इस दंपती को तालिबान का डर है। पाकिस्तान, ईरान, इराक और अरब देश से भी इन्हें धमकी भरे कॉल आ रहे हैं। शिकायत मिलने के बाद चंडीगढ़ पुलिस ने इन्हें सुरक्षा मुहैया कराई है।

दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार 2018 में मलाला स्कॉलरशिप पर चंडीगढ़ पढ़ने आई थी। यहीं उसकी मुलाकात नीरज मलिक से हुई। साल 2020 में दोनों ने शादी कर ली। उस समय भी मलाला को अपने परिवार के विरोध का सामना करना पड़ा था। लेकिन अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के काबिज होने के बाद से उन्हें धमकी मिलनी शुरू हो गई है।

लेकिन अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के काबिज होने के बाद सेअब मलाला को विरोध का सामना करना पड़ रहा है। उनके परिवार वाले भी इस शादी का विरोध कर रहे हैं। मलाला के मुताबिक, उसके चाचा पूरे परिवार को भड़का रहे हैं। बता दें कि मलाला की शादी बचपन में ही उसके पिता ने अपने छोटे भाई यानी मलाला के चाचा के बेटे के साथ तय कर दी थी। अब जब मलाला ने शादी कर ली है तो उसके विरोध में दोनों को जान से मारने की धमकी मिल रही हैं। 

मलाला और नीरज को अफगानिस्तान से ही नहीं बल्कि पाकिस्तान, ईरान, इराक और कई अरब देशों से भी धमकी मिल रही है। फोन पर मलाला से कहा जा रहा है कि गैर मुस्लिम से शादी करने की सजा मौत है, जो तुम्हें मिलेगी। मलाला ने बताया कि अफगानिस्तान का एक शख्स इन दोनों को ढूँढते हुए चंडीगढ़ स्थित उनके घर तक पहुँच गया। इस शख्स ने दोनों को 1 महीने तक दिल्ली में ढूँढा। वहाँ सुराग नहीं मिलने पर वह चंडीगढ़ आ गया। यहाँ रहने वाले अफगानी मूल के लोगों से जानकारी हासिल कर वह मलाला के घर तक पहुँच गया। इसके बाद से दोनों काफी डर हुए हैं।

नीरज ने बताया कि धमकियों के कारण वह घर से निकलने में भी डरते है। मलाला चंडीगढ़ में नौकरी कर रही थी, लेकिन धमकी मिलने के बाद अब घर में रहती है। दोनों का एक बिजनेस भी था जिसे वह डर के कारण चला नहीं पा रहे और अब वह ठप होने कगार पर है। दोनों चंडीगढ़ के जिस इलाके में रहते हैं, वहाँ पर बहुत से अफगानी लोग रहते हैं। इसलिए उन्हें उन लोगों से भी डर लगा रहता है कि कहीं कोई मजहब के नाम पर उन्हें नुकसान पहुँचाने की कोशिश ना करे।