अकाली नेता ने सिख लड़कियों को ‘लव जिहाद’ से बचाने के लिए माँगा धर्मांतरण विरोधी कानून, हिन्दू धर्म को कहा था ‘कमजोर’

अकाली नेता ने सिख लड़कियों को 'लव जिहाद' से बचाने के लिए माँगा धर्मान्तरण विरोधी कानून

जम्मू और कश्मीर से यह खबर आई कि वहाँ दो सिख लड़कियों का अपहरण करके जबरन उनका निकाह और इस्लामी धर्मांतरण करा दिया गया। इस मामले में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष और अकाली दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनजिंदर सिंह सिरसा सक्रिय रूप से अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं और लगातार यह माँग कर रहे हैं कि जम्मू और कश्मीर में इस प्रकार के धर्मांतरण और निकाह को रोकने के लिए सख्त कानून बनाया जाए।

उनकी यह माँग बिल्कुल जायज है लेकिन सिरसा ने ही लव जिहाद पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा कानून बनाए जाने पर हिन्दू धर्म को यह कहते हुए एक ‘कमजोर धर्म’ कहा था कि अगर किसी धर्म को अपनी रक्षा करने के लिए कानून की जरूरत पड़े तो वह धर्म पाप है।

मनजिंदर सिंह सिरसा ने ट्वीट करके गृह मंत्री अमित शाह से माँग की कि जम्मू और कश्मीर में सिख नाबालिग लड़कियों के जबरन निकाह को रोकने के लिए ‘उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश’ की तरह कानून लागू किया जाए जिसके तहत अंतरधार्मिक विवाह के लिए अभिभावक की मंजूरी आवश्यक हो।

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मनजिंदर सिंह सिरसा ने इस पूरे मामले में कहा, “यह किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अपने भाईचारे को कायम रखने के लिए इतनी बड़ी कीमत चुकानी पड़े कि लगातार बेटियाँ अगवा हो रही हैं, लगातार उनका जबरन निकाह हो रहा है, धर्म परिवर्तन हो रहा है। सरकार इसके लिए अपनी जिम्मेदारी समझते हुए तुरंत उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की तरह कानून लागू करे। जब तक यह कानून लागू नहीं होता, हमारी बच्चियाँ यहाँ सुरक्षित नहीं हैं।“

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उन्होंने यह भी कहा, “पिछले 7 दिनों में 4 बच्चियाँ अगवा की जा चुकी हैं और 45-50 साल के लोगों के साथ उनका जबरन निकाह कराया जा चुका है। जिस धर्म के लोगों ने यह काम किया है उनका भी बहिष्कार किया जाना चाहिए। ये कौन सा धर्म है जो सिखाता है कि 18 साल की लड़की का निकाह एक 50 साल के आदमी से करा दिया जाए। हमारे धर्म के लोगों ने ऐसा किया होता हम जूतों के हार डाल देते, ऐसे आदमी के ऊपर। क्या मजबूरी है कि उस धर्म के लोग चुप हैं। क्या ऐसे निभाया जाएगा भाईचारा?”

कुछ महीनों पहले मनजिंदर सिंह सिरसा ने धर्म परिवर्तन पर भाजपा शासित राज्यों में बनाए गए कानूनों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि किसी का धर्म इतना कमजोर क्यों है कि उसे बचाने के लिए कानून का सहारा लेना पड़े। यहाँ वह वीडियो दिया जा रहा है जिसमें सिरसा ने हिन्दू धर्म की निंदा की थी। वीडियो में 15:20 से लेकर 16:33 तक सिरसा का बयान सुना जा सकता है जहाँ वह धर्मांतरण कानून को लेकर हिन्दू धर्म की आलोचना कर रहे हैं।

वीडियो : नेशनल दस्तक

वीडियो के इस भाग में सिरसा कह रहे हैं, “अक्सर यह बात कही जाती है कि धर्म परिवर्तन करने पर मुकदमा दर्ज होगा लेकिन किसी का धर्म इतना कमजोर क्यों हो कि उसे बचाने के लिए कानून का सहारा लेना पड़े। ऐसा धर्म है ही क्यों? ऐसा धर्म होना ही पाप है। इसका मतलब यह हुआ कि उस धर्म में कमियाँ हैं, उन कमियों को निकालो। धर्म के संचालन करने वालों में जो कमियाँ हैं उनको निकालो।“

सिरसा ने सिखों के गुरु, गुरु गोविंद सिंह के चार साहिबजादों का उदाहरण देते हुए कहा कि उनको लालच दिया गया, डराया गया लेकिन उन्होंने अपना धर्म नहीं छोड़ा लेकिन अगर किसी का धर्म इतना कमजोर है कि उसे पुलिस का सहारा लेना पड़ रहा है तो यह अच्छी बात नहीं है।

सिरसा ने यह भी कहा, “मैं श्रीनगर के नेताओं, मौलानाओं और मुफ्तियों से सिख बेटियों के समर्थन में आने का अनुरोध करता हूँ। सीएए के विरोध के दौरान मुस्लिम बेटियों को सुरक्षित घर पहुँचाने में सिख सबसे आगे थे, लेकिन कोई भी मुस्लिम नेता सिख लड़कियों के जबरन धर्मांतरण के खिलाफ आवाज उठाने नहीं आया है।” हालाँकि तत्कालीन भाजपा सहयोगी शिरोमणि अकाली दल ने सीएए का विरोध किया था, जिसमें पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से सताए गए धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान था जिसमें सिख भी शामिल हैं।

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ज्ञात हो कि जम्मू और कश्मीर से दो सिख लड़कियों के जबरन अपहरण और उनके इस्लामी धर्मांतरण की खबर आई। इनमें से एक लड़की के बारे में कहा जा रहा है कि उसकी शादी जबरन एक मुस्लिम से करा दी गई है और उस लड़की का अब तक पता नहीं चल सका है। यह घटना बड़गाम की बताई जा रही है।

वहीं दूसरी घटना राजधानी श्रीनगर के महजूर नगर की है। जहाँ एक लड़की अपनी एक मुस्लिम दोस्त की शादी अटेंड करने गई थी। ये लड़की नाबालिग नहीं थी। इस लड़की की वहीं शादी समारोह में आए एक अन्य मुस्लिम लड़के से जबरन शादी करा दी गई।

मनजिंदर सिंह सिरसा समेत कई सिख नेता लगातार इन मामलों को लव जिहाद बता रहे हैं और सरकार से कड़ी कार्रवाई की माँग कर रहे हैं। इसके अलावा सिरसा भी मुस्लिमों से अपील कर रहे हैं कि वो आगे आएँ और उनका समर्थन करें क्योंकि कश्मीर की घाटी में भाईचारा कायम रखने के लिए ये आवश्यक है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया