‘हिजड़ों की रुकावट हो, कुत्तों का जुलुम जब हो – इस्लामी फराइज में…’: कॉलेज में बुर्कानशीं लड़कियों का तालिबानी प्रदर्शन, कट्टरपंथी कृत्य का प्रिंसिपल रफत ने किया बचाव

बुर्कानशीं महिलाओं का भड़काऊ प्रदर्शन (फोटो साभार: ट्विटर/स्वाती गोयल शर्मा)

मऊ के कॉलेज का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें बुर्का पहनी छात्राएँ कट्टर मजहबी गाने पर डांस कर रही है। ये गाना भी आपत्तिजनक है। इस गाने में इस्लाम की दुहाई देकर पर्दे में रहने की अपील की जा रही है। साथ ही इसमें ‘गैर मुस्लिमों’ की तुलना ‘हिजड़ों’ और ‘कुत्तों’ से की गई है। खास बात ये है कि ये वीडियो उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में स्थित पहाड़पुरा के तालीमुद्दीन निस्वा गर्ल्स डिग्री कॉलेज का है।

हिंदू संगठनों ने की प्रशासन से शिकायत

जानकारी के मुताबिक, ये वीडियो 15 अगस्त के दिन आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान का है, जिसमें समुदाय विशेष की छात्राओं ने धर्म आधारित एक गीत पर डांस किया। इस मामले में ‘हिंदू जागरण मंच‘ के जिला अध्यक्ष अतुल राय ने लिखित शिकायत की है, जिसके बाद पुलिस ने कॉलेज के प्रबंधक और प्राचार्य समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

‘गैर मजहबी लोग कुत्ते-हिजड़े’

इस वीडियो को ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर स्वराज्य की पत्रकार स्वाति गोयल शर्मा ने पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा है, “ब्रेन वॉशिंग और कट्टरपंथ का छोटा सा नमूना, जिसमें अल्पसंख्यक मजहबी संस्थान में सिर से पैर तक ढँकी और बुर्का पहनी लड़कियाँ अपने धर्म का बखान कर रही हैं। गाने में गैर-मुस्लिमों के लिए ‘हिजड़ा’ और कुत्ता जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर उन्हें दुश्मन घोषित किया गया है। कोई भी पर्दा प्रथा को बंद करने की कोशिश करता है, तो उसे ‘इस्लाम के खात्मे की कोशिश’ घोषित कर दिया जाता है।

ये वीडियो तालीमुद्दीन निसवान महिला डिग्री कॉलेज का है, जो यूपी के मऊ जिले में है। इस गाने के बोल कैटरीना कैफ पर फिल्माए ‘कमली’ गाने से मिलता जुलता है। वीडियो का स्रोत अज्ञात है।

ये वीडियो वायरल होने के बाद मऊ पुलिस ने कहा है कि उसने मामला दर्ज कर लिया है और संबंधित पक्षों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

वहीं मामला सामने आने के बाद डिग्री कॉलेज प्रशासन ने सफाई भी दी है। ‘दैनिक भास्कर’ ने इस मामले में कॉलेज की प्रधानाध्यापिका डॉ. रफत परवीन ने बातचीत में स्वीकारा कि वीडियो उन्हीं के कॉलेज का है। उनका कहना है कि ये धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने की जगह फातिमा पर हुए अत्याचारों की कहानी बताता है। उन्होंने दावा किया कि 15 अगस्त को वो डिग्री कॉलेज में थी ही नहीं, क्योंकि वो बीमार थी। उन्होंने वीडियो और गाने पर सवाल उठाने वालों की समझ पर ही सवाल उठा दिए।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया