मुंबई के मीरा रोड स्थित जेपी इंफ्रा हाउसिंग सोसायटी में बकरीद से पहले बकरों के लाने पर विवाद खड़ा हो गया। हाउसिंग सोसायटी के निवासियों ने ऐसा करने वाले मुस्लिम जोड़े के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने मुस्लिम परिवार पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है।
इस मामले की शुरुआत मंगलवार (27 जून 2023) को हुई। इस दिन मोहसिन शेख और उसकी बीवी यास्मीन खान बकरीद से पहले कुर्बानी के लिए दो सफेद बकरे अपार्टमेंट में ले जाते दिखे थे। CCTV में कैद इसका फुटेज सोशल मीडिया में वायरल भी है।
सोसायटी के निवासियों ने बकरियों को आवासीय परिसर से हटाने की माँग की। उनका कहना था कि वे आवासीय परिसर में बकरों की कुर्बानी नहीं होने देंगे। लेकिन मोहसिन और उसकी बीवी पर इस अपील का कोई असर नहीं पड़ा। मामले की सूचना पुलिस को दी गई, जिसने मौके पर पहुँचकर हालात को सँभाला। पुलिस ने सोसायटी निवासियों को समझाया कि ऐसा कोई कानून नहीं है जिसके तहत किसी को अपने घर में बकरे ले जाने से रोका जा सके। हालाँकि उन्होंने इतना जरूर कहा कहा कि अगर इन बकरों को सोसायटी या आपर्टमेंट के अंदर काटा गया तो आरोपित दम्पति पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मोहसिन के दुर्व्यवहार पर हुआ प्रदर्शन
मोहसिन और उसकी बीवी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पुलिस को बताया कि उन्हें न सिर्फ गालियाँ दी गईं, बल्कि महिलाओं के लिए भी अपमानजनक शब्द बोले गए। ऑपइंडिया से बात करते हुए निवासियों ने मोहसिन की हरकतों को सोसायटी के लिए समस्या बताया। उन्होंने कहा कि मोहसिन ने सोसायटी के कई नियमों को तोड़ा है। पहले आम सहमति थी कि कुर्बानी के लिए कोई भी पशु को लेकर बिल्डिंग में नहीं आएगा। निवासियों ने खुद को पीड़ित बताते हुए मुस्लिम दम्पति पर कानूनी कार्रवाई की माँग की।
मोहसिन ने तोड़े सोसायटी के नियम
सोसायटी के एक अन्य निवासी ने बताया कि बकरों को जान बूझकर बिल्डिंग में लाया गया। उनका दावा है कि ऐसा कर मोहसिन बाकी लोगों को अपनी ताकत दिखाना चाह रहा था। स्थानीय निवासी का दावा है कि सोसायटी में और भी मुस्लिम रहते हैं, लेकिन उन्होंने ऐसी हरकत नहीं की। उन्होंने सोसायटी के उस नियम का पालन किया जिसके तहत आवासीय परिसर में जानवर लाने की मनाही है। लोगों का कहना है कि जेपी इंफ़्रा सोसायटी ने जानवरों को रखने के लिए पास में ही अलग से जमीन आवंटित कर रखी है। लेकिन मोहसिन बकरों को वहाँ नहीं रखना चाहता।
मोहसिन की बीवी ने दर्ज कराई FIR
मोहसिन ने सोसायटी वालों पर मारपीट का आरोप लगाया है। उसकी बीवी यास्मीन खान ने सोसायटी के 8 लोगों को नामजद किया है। इनके नाम आशीष त्रिपाठी, लाल सिंह, चंद्र सेन, अमित तिवारी, धर्मेंद्र सिंह, राम लखन सिंह, आनंद पटवारी और श्रीमंत शेखर हैं। इन सभी पर IPC की धारा 143, 147, 149, 354, 323, 341 और 504 के तहत FIR दर्ज हुई है। FIR में यास्मीन ने आरोप लगाया है कि सोसायटी के नामजद निवासियों ने उनके शौहर की गर्दन पड़की, छाती पर घूँसे मारे और धक्का दिया। यास्मीन ने आरोपित किए गए लोगों पर अपने कपड़ों को भी फाड़ने का आरोप लगाया।
वीडियो फुटेज में नहीं दिखी मारपीट
मोहसिन और उसकी बीवी यास्मीन के आरोपों को सोसायटी के अन्य निवासियों ने मनगढ़ंत करार दिया है। इस घटनाक्रम का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा। वीडियो में यास्मीन फोन पर किसी से बातचीत में मॉब लिंचिंग का आरोप लगा रही है। वीडियो में स्थानीय निवासी मुस्लिम दम्पति से सोसायटी में बकरों को लाने पर सवाल-जवाब करते दिख रहे हैं। इसी वीडियो में मोहसिन सोसायटी के लोगों को गालियाँ देता सुनाई दे रहा है।
सोसायटी वालों ने यास्मीन के आरोपों को मनगढ़ंत बताया
ऑपइंडिया से बात करते हुए सोसायटी के लोगों ने यास्मीन द्वारा FIR में लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताया। एक हिन्दू महिला ने बताया कि यास्मीन को किसी ने नहीं पीटा और उसके आरोप झूठे हैं। महिला ने सबूत के तौर पर CCTV फुटेज होने का दावा करते हुए कहा कि यास्मीन को किसी ने हाथ भी नहीं लगाया है। उन्होंने खुद को पीड़ित बताते हुए मोहसिन पर महिलाओं संग दुर्व्यवहार करने और गालियाँ देने का आरोप लगाया। स्थानीय निवासियों के मुताबिक मोहसिन शिव सेना पार्टी से जुड़ा था, जिसे इस घटना के बाद से निकाल दिया गया है।
मुस्लिमों ने दे रखी थी बकरों को सोसायटी के अंदर बाँधने की चेतावनी
ऑपइंडिया के पास वो कॉपी मौजूद है जिसमें मोहसिन ने खुद माना है कि उसे जेपी इंफ्रा हाउसिंग सोसाइटी से बकरे रखने की अलग जगह मिली हुई थी। साल 2022 के बाद सोसायटी के एक नया प्रोजेक्ट बनने के कारण मुस्लिमों के लिए बकरे रखने की वो जगह नहीं बच पाई। थोड़े समय बाद सोसायटी के बगल जानवरों को रखने की एक और जगह आवंटित हुई। सोसायटी के मुस्लिमों ने बाहर जगह लेने से इनकार करते हुए कैम्पस के भीतर जगह माँगी थी। मुस्लिम निवासियों की तरफ से सोसायटी के अधिकारियों को यह धमकी मिली थी कि अगर उन्हें अंदर जगह नहीं दी गई तो वे बकरों को अपने आपर्टमेंट में ले जाएँगे।
भ्रम फ़ैलाने वालों में मोहम्मद जुबैर भी शामिल
इससे पहले कई वामपंथी संस्थानों की कुछ रिपोर्टों में मोहसिन का समर्थन करते हुए उसकी हरकत का विरोध करने वाले सोसायटी के निवासियों के लिए ‘असभ्य’ जैसे शब्द इस्तेमाल किए गए थे। कुछ इस्लामी समूहों ने यह भी दावा किया था कि बकरों को आपर्टमेंट में कुर्बानी के लिए नहीं लाया गया था। ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर ने भी सोसायटी को ही दोषी ठहरा दिया था।
जेपी इंफ़्रा ने दी बकरे बाँधने के लिए अलग से जमीन
ऑपइंडिया से बात करते हुए जेपी इंफ्रा सोसायटी के निवासी गीगराज कुमावत ने मोहसिन और उसकी बीवी यास्मीन पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। उन्होंने मारपीट किए जाने के मुस्लिम जोड़े के दावों को मनगढ़ंत करार दिया। कुमावत के मुताबिक बिल्डर ने बकरों को रखने के लिए किराए पर एक जमीन ली थी। लेकिन मोहसिन की जिद उन्हें सोसायटी के अंदर रखने की थी। उन्होंने दावा किया कि मोहसिन ने पहले से बिल्डर को धमकी दे रखी थी कि वो बकरों को सोसाइटी में ही लाएगा।
गीगराज कुमावत ने हमें आगे बताया कि सोसायटी के बाकी लोग मोहसिन और उसकी बीवी द्वारा लगाए जा रहे झूठे आरोपों और दर्ज करवाई गई FIR से परेशान हैं। उन्होंने कहा कि यास्मीन और उसके शौहर की हरकत से न सिर्फ सोसायटी की शांति भंग हुई है, बल्कि स्थानीय लोग यहाँ तक सोचने पर मजबूर हो गए हैं कि वे भारत में हैं या पाकिस्तान में। पुलिस के मुताबिक मामले की जाँच की जा रही है और सोसायटी परिसर में बकरों की कुर्बानी नहीं होने दी जाएगी। लोगों से शांति और सौहार्द बनाए रखने की भी अपील की गई है।