₹50 लाख के लिए मोइन ने नाबालिग भाई को किया अगवा, मददगार अयाज और मुबारक भी गिरफ्तार

अपने ही भाई का किया अपहरण, पुलिस ने किया गिरफ़्तार (साभार: thenewsminute.com)

बेंगलुरु पुलिस ने रविवार को एक 32 वर्षीय शख़्स को अपने 13 वर्षीय भाई का अपहरण करने और 50 लाख रुपए की फ़िरौती माँगने के आरोप में गिरफ़्तार किया। पुलिस ने फ़िरौती की कॉल के 12 घंटे के भीतर ही नाबालिग लड़के को अपहरणकर्ता के चंगुल से बचाकर मोइन ख़ान को गिरफ़्तार कर लिया।

ख़बर के अनुसार, मोइन ख़ान कथित रूप से अपने पिता और चाचा से परेशान था, क्योंकि वो उसे अपने पारिवारिक रेस्तरां को चलाने की अनुमति नहीं दे रहे थे। इसके बाद उसने फ़िरौती की रक़म से अपना ख़ुद का रेस्तरां खोलने के बारे में विचार किया।  

पुलिस ने मोइन ख़ान के अलावा अपहरण में उसकी मदद करने वाले दो ऑटोरिक्शा चालकों, अयाज़ (35 वर्षीय) और मुबारक (30 वर्षीय) को भी गिरफ़्तार किया है। बचाया गया लड़का मोइन के चाचा जावेद अली का बेटा है।

शनिवार (30 नवंबर) को दोपहर करीब 2.30 बजे मोइन के कहने पर अयाज़ और मुबारक कार लेकर उस गली में पहुँचे जहाँ जावेद अली का घर था। घर के बाहर खेल रहे उनके बेटे से दोनों ने उसके रेस्तरां का रास्ता पूछा। रेस्तरां ले जाने के लिए जावेद का बेटा उनकी गाड़ी में बैठ गया और उसे अयाज़ और मुबारक अगवा कर ले गए।

इसके बाद अयाज़ और मुबारक ने जावेद अली को फोन कर बताया कि उनके बेटे का अपहरण कर लिया गया है और उसे छोड़ने के एवज़ में उनसे 50 लाख रुपए की फ़िरौती माँगी। पुलिस का कहना है कि जावेद अली ने शुरू में फोन कॉल को गंभीरता से नहीं लिया। लेकिन, फोन कॉल के कुछ मिनट बाद जावेद को व्हाट्सएप पर एक संदेश मिला, जिसमें उनके बेटे की तस्वीर और फ़िरौती की माँग की गई थी। संदेश में जावेद को 12 घंटे के भीतर फ़िरौती की रकम देने को कहा गया।

बेबस जावेद मदद के लिए मोइन खान के पास पहुँचा और दोनों ने बनासवाड़ी पुलिस स्टेशन में जाकर शिक़ायत दर्ज कराई। बनासवाड़ी पुलिस ने बताया, “आरोपित जाँच को गुमराह करने की कोशिश कर रहा था। हमें उस पर संदेह न हो जाए इसलिए वो हमें गुमराह करता रहा।”

बनासवाड़ी पुलिस ने एसीपी रवि प्रसाद के नेतृत्व में तीन टीमों का गठन किया और जावेद का कॉल रिकॉर्ड खँगाला। जिस नंबर से फिरौती की रकम माँगी गई थी उसका भी रिकॉर्ड निकाला गया। इससे पता चला कि वे
मोइन के संपर्क में थे।

बनासवाड़ी पुलिस ने तुरंत मोइन ख़ान को हिरासत में ले लिया और संदेह के आधार पर उससे पूछताछ शुरू कर दी। पूछताछ के दौरान उसने क़बूल कर लिया कि उसी ने अपहरण की साज़िश रची थी। इसके बाद शाम 5.30 बजे तक मोइन ने पुलिस को लड़के की लोकेशन बता दी। बनासवाड़ी पुलिस केजी हल्ली में घटनास्थल पर पहुँची, जहाँ लड़के को रखा गया था। मुबारक ने पुलिसकर्मियों पर हमला करने की कोशिश की। लेकिन पुलिस की गोली लगने से वह जख्मी हो गया।

मोइन ने तीन लाख रुपए देने का वादा अयाज और मुबारक से किया था। फिरौती के पैसे से मोइन ने खुद का रेस्तरां शुरू करने की योजना बनाई थी। मोइन, अयाज़ और मुबारक पर आईपीसी की धारा-359 (अपहरण), 186 (एक लोक सेवक को ड्यूटी करने से रोकना) और 34 (आम इरादे) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया