सुबह 3 बजे बैठी अदालत, 5:15 पर जेल भेजे 17 पत्थरबाज: मुरादाबाद में मेडिकल टीम पर हुआ था हमला

मुरादाबाद में हुए हमले में एक डॉक्टर गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे (साभार: ANI)

शायद यह अपनी तरह का पहला मामला है। अल सुबह तीन बजे मजिस्ट्रेट के घर अदालत बैठी। सुनवाई के बाद सवा पॉंच बजते-बजते 17 पत्थरबाज न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिए गए। मामला मुरादाबाद में मेडिकल और पुलिस टीम पर हुए हमले से जुड़ा है।

इस मामले में प्रदेश की योगी सरकार और यूपी पुलिस ने जिस तत्परता से काम किया है उसकी भी भरपूर सराहना हो रही है। अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार थाने पर लोग न उमड़े इसके लिए विशेष सावधानी बरती गई। प्रशासनिक अमला पूरी रात हरकत में रहा। डीएम और एसएसपी भी सुबह के छह बजे सोने गए।

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हमले के बाद सीएम योगी ने दोषियों पर एनएसए के तहत कार्रवाई के निर्देश दिए थे। मुरादाबाद पुलिस ने भी तत्काल कार्रवाई करते हुए सभी आरोपियों को गुरुवार सुबह तीन बजे कोर्ट में पेश कर दिया। हालात देखते हुए मजिस्ट्रेट ने घर में अदालत लगी।

अमर उजाला में प्रकाशित खबर

सुनवाई के बाद सभी 17 आरोपितयों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। जेल भेजे गए आरोपितों में 10 पुरुष जबकि 7 महिलाएँ हैं। आरोपितों को जेल तक पहुँचाने के लिए पुलिस-प्रशासन के अधिकारी पूरी रात नहीं सोए, क्योंकि थाना नागफनी से कुछ कदम की दूरी पर ही यह घटना हुई थी। आशंका थी कि सुबह होने पर स्थानीय लोग थाने का घेराव कर सकते हैं।

पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तार करते ही उन्हें तत्काल कोर्ट में पुेश करने की गुजारिश की। डीएम राकेश कुमार और एसएसपी अमित पाठक पूरी घटना के साथ इलाके पर पैनी नज़र बनाए हुए थे। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स की भी तैनाती की गई थी।

अमर उजाला की खबर के मुताबिक जिला प्रशासन ने पूरी सावधानी बरतते हुए सभी 17 आरोपितों को जेल में क्वारंटाइन किया है। सभी आरोपित नवाबपुर इलाके से हैं, जिसे जिला प्रशासन पहले ही कोरोना संक्रमण का हॉटस्पॉट घोषित कर चुका है। जेल अधीक्षक उमेश सिंह ने बताया कि इन सभी को जेल में ही अलग रखा गया है।

गौरतलब है कि मुरादाबाद के थाना नागफनी के मुहल्ला नवाबपुरा में बुधवार को चिकित्सकीय और पुलिस टीम पर उस समय जमकर पथराव किया गया जब मेडिकल टीम यहाँ के लोगों को क्वारंटाइन करने पहुँची थी। इसी मुहल्ले के एक व्यक्ति की कोरोना से मौत होने के बाद उसके संपर्क के लोगों को क्वारंटाइन किया जाना था। इस पथराव में एक डॉक्टर, फार्मेसिस्ट समेत छह स्वास्थ्य कर्मी घायल हो गए और पुलिसकर्मियों को भी चोटें आईं थी।

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घटना के बाद सोशल मीडिया में भी आरोपितों के खिलाफ आक्रोश दिखाई पड़ा था उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना को लेकर सख्त रवैया अपनाते हुए कहा था कि दोषियों के खिलाफ रासुका (NSA) लगाने और नुकसान की भरपाई आरोपितों की संपत्ति से करने का आदेश जारी किया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया