मुख्तार अंसारी का गुर्गा शकील हैदर 66 करोड़ का लोन डकार गया था, UP पुलिस ने किया गिरफ्तार

मुख्तार अंसारी का गुर्गा शकील हैदर गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश की बाँदा जेल में बंद बसपा के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के करीबी गुर्गे और करोड़ों की ठगी के आरोपित शकील हैदर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि शनिवार (21 अगस्त) देर रात लखनऊ के हजरतगंज के जॉपलिंग रोड से पुलिस ने शकील हैदर को गिरफ्तार किया।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, शकील हैदर मुख्तार का बेहद खास गुर्गा है। वह लोगों को मुख्तार का भय दिखाकर उनसे पैसे वसूलता था। इसके साथ ही शकील लखनऊ में रहकर मुख्तार का नेटवर्क चलाता था। वह यहाँ मुख्तार के करीबियों के आने पर उनके रहने की व्यवस्था करता था। उसके खिलाफ वजीरगंज कोतवाली, अमेठी समेत कई अन्य जनपदों में मुकदमे दर्ज हैं। इसके अलावा उस पर फर्जी दस्तावेज के जरिए अमीनाबाद के एक बैंक से 66 करोड़ का लोन हड़पने करने का भी आरोप है।

बताया जा रहा है कि उसने जेहटा रोड स्थित पाँच बीघे के प्लॉट पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अमीनाबाद स्थित बैंक से 66 करोड़ रुपए का लोन लिया था। इसके बाद उस प्लॉट को 70 से 75 लोगों को बेच दिया था। इस बारे में जब खरीदारों को जानकारी हुई, तो उन्होंने इसका विरोध किया। इस पर शकील और उसके गुंडे उन्हें धमकाने लगे।

इंस्पेक्टर वजीरगंज धनंजय पांडेय ने बताया कि शकील को गिरफ्तार कर लिया गया है। उससे रात भर चली पूछताछ में कई अन्य तथ्यों के बारे में भी जानकारी प्राप्त हुई है। उन्होंने बताया कि शकील के खिलाफ दर्ज जालसाजी के मुकदमे में बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों की भी जाँच की जा रही है, जिन्होंने उसे फर्जी दस्तावेजों पर कर्ज दिया था।

बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार लगातार राज्य के माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है। इसी क्रम में मंगलवार (03 अगस्त 2021) को कुख्यात माफिया और अपराधी मुख्तार अंसारी से जुड़ी लगभग 2 करोड़ 18 लाख रुपए मूल्य की संपत्ति कुर्क की गई थी। यह संपत्ति अंसारी की बीवी और उसके सालों के नाम पर थी।

रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस बताया था कि गाजीपुर जिलाधिकारी के द्वारा बीते 02 अगस्त 2021 को गैंगस्टर एक्ट की धारा 14(1) के अंतर्गत अपराधिक गैंग आईएस-191 के लीडर अंसारी की बीवी आफसा अंसारी और उसके सालों सरजील रजा और अनवर शहजाद की संपत्ति को कुर्क करने का आदेश जारी किया गया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया