बॉलीवुड पर मुंबई पुलिस मेहरबान, यूपी पुलिस को फरहान अख्तर से नहीं करने दी पूछताछ

'मिर्जापुर' प्रकरण की जाँच करने पहुँची यूपी पुलिस को मुंबई पुलिस ने नहीं दी पूछताछ की अनुमति (साभार: Indian Express)

वेब सीरीज ‘मिर्जापुर’ के निर्माताओं खिलाफ दर्ज मामले की जाँच करने गुरुवार (जनवरी 21, 2021) को मुंबई पहुँची उत्तर प्रदेश पुलिस को मुंबई पुलिस का सहयोग नहीं मिल रहा है। उत्तर प्रदेश पुलिस टीम ने यह शिकायत की है। 

यूपी पुलिस की तीन सदस्यीय टीम उत्तर प्रदेश में मिर्जापुर जिले के कोतवाली देहात थाने में दर्ज मुकदमे की जाँच कर रही है। उन्होंने मुंबई पुलिस पर जाँच प्रक्रिया में सहयोग न करने का आरोप लगाया है। बता दें कि नियमों के मुताबिक मुंबई में किसी भी केस की जाँच के लिए मुंबई पुलिस के नोडल ऑफिसर (क्राइम ब्रांच DCP) की इजाजत यूपी पुलिस को हासिल करनी होगी।

यूपी पुलिस पिछले 2 दिनों से क्राइम ब्रांच के डीसीपी अकबर पठान के दफ्तर के चक्कर लगा रही है। लेकिन डीसीपी अकबर पठान के उपलब्ध नहीं होने से मिर्जापुर पुलिस को जाँच की इजाजत नहीं मिल रही है। गुरुवार सुबह भी मिर्जापुर पुलिस अंधेरी स्थित क्राइम ब्रांच डीसीपी के दफ्तर पहुँची थी, लेकिन मुंबई पुलिस से कोई सहयोग नहीं मिला। 

इसके बाद यूपी पुलिस अंधेरी से निकलकर खार इलाके में पहुँची और फरहान अख्तर से पूछताछ करने पहुँच गई। मुंबई पुलिस को तत्काल इसकी भनक लग गई और इसकी सूचना स्थानीय खार पुलिस स्टेशन को दी गई। खार पुलिस स्टेशन के पुलिसकर्मी फरहान अख्तर के घर पहुँचे और फरहान अख्तर के घर के दरवाजे पर यूपी पुलिस और मुंबई पुलिस के बीच जमकर नोकझोंक हुई। मुंबई पुलिस ने चेतावनी देते हुए कहा कि नियमों का पालन करते हुए उचित इजाजत लेकर आएँ और फिर पूछताछ करें। इस हंगामे और नोकझोंक के बाद यूपी पुलिस फरहान अख्तर के घर से बाहर निकली।

धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए FIR

उत्तर प्रदेश पुलिस की एक टीम गुरुवार को ‘मिर्जापुर’ के खिलाफ दर्ज एफआईआर की जाँच करने मुंबई पहुँची। अरविंद चतुर्वेदी की शिकायत के बाद मामला दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता ने कहा कि वेब सीरीज ने उनकी धार्मिक, सामाजिक और क्षेत्रीय भावनाओं को चोट पहुँचाई है और यह मिर्जापुर शहर की छवि को धूमिल करता है। इसके अलावा, शिकायतकर्ता ने कहा कि वेब सीरीज मिर्ज़ापुर अपमानजनक सामग्री, अनाचार और अवैध संबंधों को भी दिखाती है।

कथित तौर पर, फरहान अख्तर, भौमिक गोंदालिया और रितेश सिधवानी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। उत्तर प्रदेश पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 295 ए, 504, 505 और आईटी अधिनियम के संबंधित धाराओं के तहत तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।

SC ने मिर्जापुर के निर्माताओं को नोटिस जारी किया

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को वेब सीरीज़ मिर्जापुर (Mirzapur) और अमेजन प्राइम वीडियो (Amazon Prime Video) के निर्माताओं को नोटिस भेजा। इस नोटिस में कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के जिला मिर्ज़ापुर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक छवि खराब करने के संबंध में ओवर-द-टॉप (OTT) प्लेटफॉर्म और शो के निर्माताओं से जवाब माँगा।

यह नोटिस मिर्जापुर जिले के निवासी एसके कुमार की एक याचिका पर जारी किया गया। याचिकाकर्ता ने निर्माताओं पर उत्तर प्रदेश की छवि खराब करने का आरोप लगाया था। शिकायतकर्ता कुमार ने कहा था कि वेब सीरीज में मिर्ज़ापुर को ‘आतंक और अवैध गतिविधियों का केंद्र’ के रूप में चित्रित किया गया है।

सुशांत सिंह मामले में भी नहीं किया था बिहार पुलिस का सहयोग

गौरतलब है कि बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या मामले में भी मुंबई पुलिस का रवैया ऐसा ही था। उन्होंने मुंबई पहुँची बिहार पुलिस का सहयोग नहीं किया था। सुशांत सिंह आत्महत्या की जाँच करने मुंबई पहुँचे पटना के एसपी विनय तिवारी को बीएमसी के अधिकारियों ने 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन कर दिया था। बिहार के तत्कालीन डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने बताया था कि मुंबई पुलिस ने बिहार पुलिस के साथ सुशांत सिंह राजपूत की ऑटोप्सी रिपोर्ट शेयर करने से इनकार कर दिया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया