‘लड़कियों के कपड़े फाड़ कहा – हिंदुओं के खून की होली खेलेंगे’: दिल्ली में दलितों पर हमले में फरमान, शाहरुख सहित 4 गिरफ्तार

सराय काले खाँ की महिलाओं ने सुनाई आपबीती (फोटो साभार: Falana Dikhana)

दिल्ली के सराय काले खाँ में हरिजन बस्ती में घुस कर मुस्लिम भीड़ द्वारा दलितों के साथ मारपीट किए जाने के मामले में 4 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। दक्षिणी-पूर्वी दिल्ली के इस इलाके में सारा बवाल शनिवार (मार्च 20, 2021) को एक दलित युवक और एक मुस्लिम लड़की की शादी के बाद शुरू हुआ। पुलिस ने इस मामले में फरमान (20), शाहरुख़ (23), हसन अली (21) और राजा (19) को गिरफ्तार किया है।

सभी आरोपित पड़ोसी या आपस में रिश्तेदार हैं। पुलिस का कहना है कि शादी के कारण लड़की का परिवार उग्र हो गया और उसने पड़ोसियों और रिश्तेदारों के साथ मिल कर हमला बोल दिया। शादीशुदा जोड़ा फ़िलहाल गाजियाबाद में है। मुस्लिम भीड़ के हमले में कई लोगों को चोटें आईं। ये घटना सुबह के 10-11 बजे हुई। CCTV फुटेज में आरोपितों को दलित बस्ती में घुस कर गमले और कूलर तोड़ते हुए देखा जा सकता है।

स्थानीय महिलाओं ने बताया कि गली में घुस कर लोगों को मारा गया और जम कर तोड़फोड़ की गई। उन्होंने बताया कि पुलिस वाले खड़े-खड़े देख रहे थे और मुस्लिम भीड़ धमकी दे रही थी कि तुम्हारी लड़कियों को उठा लेंगे। महिलाओं ने ये भी कहा कि पुलिसकर्मियों को आरोपितों ने खरीद लिया है। आरोपितों के हाथ में तलवार थी। महिलाओं ने बताया कि उन्होंने पुलिसकर्मियों से कहा कि उन्हें साथ लेकर चलें, वो आरोपितों से लड़ेंगी।

महिलाओं ने बताया, “हम जाने को तैयार हैं। यहाँ बच्चों और महिलाओं को भी मारा गया है। पुलिस वाले उन्हें पकड़ ही नहीं रहे हैं। आरोपितों के हाथों में तलवार और चाकू थे। बच्चों को हमने छत पर चढ़ाया। लड़कियों को घर में छिपाया। जिस मुस्लिम लड़की से शादी हुई, उसे कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने घर के भीतर घुस कर हमें मारा है। हमलावरों ने कहा कि इस बार तुम लोग होली नहीं खेलोगे, हम हिंदुओं के खून की होली खेलेंगे।”

स्थानीय दलित महिलाओं ने डर जताया कि उनके घर के पुरुष दफ्तर जाएँगे या फिर बच्चे स्कूल जाएँगे तो फिर ये लोग उनके साथ कुछ भी कर सकते हैं। साथ ही मुस्लिम भीड़ पर जातिसूचक शब्दों के इस्तेमाल के भी आरोप लगे हैं। महिलाओं के अनुसार, आरोपित कह रहे थे, “शौचालय साफ करने वालों के यहाँ हमारी लड़की नहीं जाएगी।” उन्होंने बताया कि छोटी-छोटी लड़कियों को भी नहीं छोड़ और उनके कपड़े फाड़ दिए। उनके बाल पकड़ कर उन्हें मारा गया।

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आरोपितों ने मुहल्ले में रखी बाइकों और साइकिलों को तोड़ डाला। साथ ही लोगों के दरवाजों को जोर-जोर से पीट कर उन्हें डराया। उन्होंने गाड़ियों को तोड़ने के लिए लोहे की रॉड का इस्तेमाल किया। DCP आरपी मीणा ने बताया कि पुलिस स्टेशन में घटना के बाद एक फ़ोन कॉल आया था। पुलिस ने कहा कि शादी करने वाले लड़का और लड़की बालिग हैं। लड़के की माँ ने कहा कि अगर उसके बेटे की यही मर्जी है, तो उसे कोई दिक्कत नहीं।

सरोज नामक 45 वर्षीय महिला ने बताया कि 25 से भी अधिक संख्या में आरोपित जब आए, तो वो दरवाजे पर ही खड़ी थीं। आरोपितों ने उसे किसी चीज से मारा और वो वहीं गिर कर बेहोश हो गईं। उनकी बेटी ने वहाँ आकर बचाया। महिला ने बताया कि मुस्लिम भीड़ गालियाँ बक रही थीं, अपमानजनक जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल कर रही थी। पीड़ितों ने कहा कि वो अधिकतर आरोपितों को पहचानते हैं। आरोपितों ने जान से मार डालने की भी धमकी दी।

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सराय काले खाँ में रहने वाले एक दलित युवक के एक मुस्लिम लड़की से प्रेम संबंध थे। स्थानीय लोगों के मुताबिक युवक ने करीब छह माह पहले ही चोरी छिपे युवती से प्रेम विवाह कर लिया था। लेकिन कुछ दिन पहले ही मुस्लिम परिवार ने युवती का निकाह किसी अन्य व्यक्ति से तय कर दी थी। अपने परिवार के खिलाफ जाते हुए युवती ने कानून की शरण ली और दो दिन पहले ही सनलाइट कॉलनी थाने में अपना बयान दर्ज कराने के बाद वह दलित युवक के साथ उसके घर चली गई।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया