मंदिर पर हर तरफ से हो रहा था हमला, 4000 फँसे भक्त जान बचाने को भाग रहे थे इधर-उधर: पुलिस भी छिपने को हुई थी मजबूर, सामने आए कई वीडियो

नूहं में सड़कों पर 'अल्लाह हू अकबर' चिल्लाते दंगाई (साभार: स्क्रीनशॉट)

हरियाणा के नूहं में 31 जुलाई 2023 को ब्रिजमंडल जलाभिषेक यात्रा पर कट्टरपंथी मुस्लिमों की भीड़ द्वारा किए गए हमले के डरावने वीडियो सामने आने लगे हैं। नल्हड़ के महादेव मंदिर में छिपे लगभग 4-5000 स्त्री-पुरुष और बच्चों पर चारों तरफ से फायरिंग की गई थी। यहीं पर महिलाओं को बचाने की कोशिश करने वाले अभिषेक चौहान उर्फ अभिषेक राजपूत की हत्या कर दी गई थी।

सामने आए वीडियो में दिख रहा है कि मंदिर के तीन ओर पहाड़ हैं। इन पहाड़ों पर से कट्टरपंथियों द्वारा मंदिर में आए श्रद्धालुओं पर गोलियाँ बरसाई जा रही हैं। गोली से बचने के लिए लोग कारों के पीछे छिपते नजर आ रहे हैं। वहीं, हरियाणा पुलिस का का एक जवान भी छिपने की कोशिश करता हुआ नजर आ रहा है।

मंदिर पर हमले और लोगों द्वारा बचने की कोशिश करते हुए कई वीडियो सामने आए हैं। इसी तरह एक और वीडियो सामने आया है, जिसमें एक दर्शनार्थी को गोली लगी है और वह मंदिर की फर्श पर गिरा हुआ है। लोग उसके घाव पर कपड़े बाँधने की कोशिश कर रहे हैं।

इसके साथ ही एक और वीडियो सामने आया जिसमें एक सफेद रंग की हुंडई वेन्यू कार दंगाइयों की भीड़ को लीड कर रही है। इस कार का नंबर PB 31 W 4831 है। कार के पीछे भीड़ आपत्तिजनक नारे नारे लगा रही है। भीड़ ‘नारा एक तकबीर अल्लाह हू अकबर’ चिल्ला रही है। वहीं, कार में मौजूद शख्स भीड़ को गाइड कर रहा है। इस दौरान पुलिस की गाड़ी भी दिख रही है, लेकिन भीड़ को इससे डर नहीं है।

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, यह वीडियो दिल्ली-अलवर हाईवे का है। यह हाइवे हरियाणा नूहं शहर के बीच से होकर गुजरता है। हिंसा वाले दिन दोपहर 12 बजे दंगाई होडल चौक पर इकट्ठा हुए और फिर हाईवे पर लगभग 2 किलोमीटर चलते हुए तिरंगा पार्क पहुँचे थे। इस तरह 20-25 की संख्या सैकड़ों में बदल गई।

मंदिर के सेवादार अमरपाल का कहना है कि मंदिर में आए यात्री वापस जा रहे थे। तभी मंदिर के गेट के आगे पहाड़ पर से फायरिंग की जाने लगी। कुछ यात्रियों की गाड़ियों को आग लगा दी गई। वे गाड़ी छोड़कर वापस मंदिर में आने लगे। इस तरह मंदिर में लगभग 4000 लोग इकट्ठा हो गए। अमरपाल के मुताबिक, उस दौरान मंदिर में गिने-चुने पुलिसवाले थे।

पहाड़ियों से गोलीबारी और सीमित संख्या में मौजूद पुलिसवाले स्थिति को नहीं संभाल पा रहे थे। वे फोन पर अधिकारियों से लगातार मदद माँगते रहे। हालाँकि मंदिर के पास फोर्स पहुँचने में 6 घंटे लग गए। शाम को 6 बजे वहाँ फोर्स पहुँची। इस बीच एक पुलिस वाला लोगों की जान बचाने के लिए पहाड़ों की तरफ हवाई फायरिंग करके हमलावरों को डराने की कोशिश कर रहा है, लेकिन हमलावरों को इससे फर्क नहीं पड़ा।

मंदिर से जुड़े लोगों का कहना है कि यात्रा के वक्त मंदिर में फोर्स तैनात थी, लेकिन यात्रा जैसे ही आगे बढ़ी फोर्स भी उनके साथ आगे बढ़ गई। शहर के तिरंगा चौक पर दंगे के बाद यात्रा में शामिल लोग जान बचाकर वापस मंदिर आ गए, लेकिन उनके साथ फोर्स नहीं लौटी। संभवत: वह अपनी जान बचाने की जुगत में लग गई।

इस हमले में अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 100 से अधिक लोग घायल हैं, जिनमें कुछ पुलिस वाले भी शामिल हैं। तनाव को देखते हुए 5 अगस्त की आधी रात तक नूहं, फरीदाबाद, पलवल, गुरुग्राम में मानेसर, पटोदी और सोहना इलाके में इंटरनेट बंद कर दिया गया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया