पुलिस वालों को जिंदा जलाने आई थी मुस्लिम भीड़, थाने को घेर चिल्ला रहे थे – ‘उन्हें जिंदा जला दो’: नूहं मंदिर पुलिस उप-निरीक्षक की FIR में हर डिटेल

इस्लामिक भीड़ ने साइबर थाने पर हमला कर पुलिसकर्मियों को जिंदा जलाने के नारे लगाए (फोटो साभार: Haryana Tak/ Swarajya)

हरियाणा के मेवात के नूहं में 31 जुलाई को मुस्लिम भीड़ ने श्रावण सोमवार पर जलाभिषेक यात्रा में भाग लेने गए हजारों हिंदू भक्तों पर हमला किया। ऑपइंडिया को इस मामले में दर्ज कई एफआईआर मिली हैं। पुलिस उप-निरीक्षक (PSI) सूरज की शिकायत पर दर्ज FIR में इस्लामिक दंगाइयों द्वारा साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन नूहं पर हमले और पुलिस कर्मियों को जलाने की कोशिश के बारे में बताया गया है।

एफआईआर में बताया पूरा घटनाक्रम

पुलिस उप-निरीक्षक (PSI) की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 148, 149, 332, 353, 186, 427, 435, 436, 395 और 397 और शस्त्र अधिनियम की धारा 25 के तहत FIR दर्ज की गई है। अपनी शिकायत में PSI सूरज ने बताया है कि वह साइबर क्राइम सेल नूहं में PSI सुधीर, हेड कॉन्स्टेबल गुलशन, कॉन्स्टेबल रघुबीर सिंह, कॉन्स्टेबल रविकांत और कॉन्स्टेबल शुभम के साथ थे।

पुलिस उप-निरीक्षक (PSI) सूरज के अनुसार हजारों दंगाइयों की भीड़ ने अचानक पुलिस स्टेशन का घेराव किया और पथराव शुरू कर दिया। भीड़ ‘उन्हें जिंदा जला दो’ के नारे लगा रही थी। हमले के समय एसआई दिग्विजय सिंह सदर तावडू और उनके साथी बोलेरो में बैठे थे। वे किसी तरह भागने में कामयाब रहे और पुलिस स्टेशन के अंदर आकर छिप गए। इस दौरान दंगाई पत्थरबाजी करते रहे।

नूहं दंगे की एफआईआर का एक हिस्सा

दंगाइयों ने पुलिस स्टेशन की दीवारों और मुख्य द्वार को तोड़ने के लिए पीले रंग की एक बस (कथित तौर पर अपहृत बस) का इस्तेमाल किया। फिर वे पुलिस स्टेशन की दीवारों और छत पर चढ़ गए और अवैध हथियारों का उपयोग कर पुलिसकर्मियों को मारने के उद्देश्य से उन पर गोलियाँ बरसानी शुरू कर दीं।

नूहं दंगे में दर्ज एक एफआईआर

पीएसआई सूरज और उनके साथी खुद को बचाने के लिए दीवार के पीछे छिप गए। कॉन्स्टेबल प्रदीप ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आँसू गैस के गोले का इस्तेमाल किया, लेकिन इस्लामिक भीड़ हमला करती जा रही थी। पुलिसकर्मियों को आत्मरक्षा में सरकार द्वारा अनुमति प्राप्त हथियारों का उपयोग करके हवाई फायर करना पड़ा। पुलिस ने कुल 105 राउंड फायरिंग की।

पीएसआई सूरज ने 20 राउंड फायर किए, जिसमें से दस राउंड अपनी बंदूक से और दस राउंड एएसआई संजय की बंदूक से दागे गए। पीएसआई सुधीर ने भी 20 गोलियाँ चलाईं। इसमें से दस गोलियाँ उनकी बंदूक से व 10 पीएसआई भजनलाल की सरकारी बंदूक से थीं। एएसआई सुरेश ने दस राउंड फायरिंग की। हेड कॉन्स्टेबल ने एसएलआर से 25 राउंड फायरिंग की। कॉन्स्टेबल रघुवीर ने एसएलआर का इस्तेमाल कर 25 राउंड फायरिंग की। कॉन्स्टेबल शुभम ने कार्बाइन से 15 राउंड फायरिंग की।

फायरिंग के बाद भी दंगाई पुलिस स्टेशन पर लगातार हमले कर रहे थे। कुछ देर बाद भीड़ ने वाहनों को जलाना शुरू कर दिया। पेट्रोल का उपयोग करके सरकारी और निजी दोनों वाहनों को जला दिया गया। दंगाइयों ने पुलिस स्टेशन परिसर के अंदर खड़े वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया।

इस दौरान एक बाइक सहित पाँच वाहन जल गए। वहीं दस वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। दंगाई एक प्लास्टिक कूलर, एक इन्वर्टर, एक बैटरी, एक लैपटॉप और एएसआई सुरेश का वॉलेट भी लूट कर ले गए। वॉलेट में 5,000 रुपए नकद और कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज थे। दंगाइयों ने मेस की दीवारों, पुलिस स्टेशन और वॉशरूम की छतों पर पानी की टंकियों को भी नुकसान पहुँचाया।

जैसा ही अतिरिक्त पुलिस बल थाने पहुँचा वैसे ही दंगाई पुलिसकर्मियों को जान से मारने की धमकी देकर भाग गए। इस हमले में हेड कॉन्स्टेबल सुरेंद्र और कॉन्स्टेबल शुभम घायल हुए हैं।

मेवात के नूहं में शोभा यात्रा पर हुए हमले को ऑपइंडिया बड़े पैमाने पर कवरेज कर रहा है। पूरा कवरेज देखने के लिए यहाँ क्लिक करें।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया