गले में तख्ती और कान पकड़कर मुजफ्फरनगर थाने पहुँचे गौ-तस्कर नईम और नसीम, हिस्ट्रीशीटर भाइयों ने किया अपराध से तौबा

मुजफ्फरनगर में हिस्ट्रीशीटर भाई नईम और नसीम ने किया पुलिस के सामने सरेंडर (फोटो साभार: You Tube)

उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ के शासन में हिस्ट्रीशीटर और अपराधियों का पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने का सिलसिला जारी है। ताजा मामला मुजफ्फरनगर का है, जहाँ दो अपराधी गले में तख्ती डाल, कान पकड़कर पुलिस स्टेशन पहुँचे और आगे से अपराध नहीं करने की बात कही।

मुजफ्फरनगर पुलिस ने बताया कि दोनों अपराधी गौ तस्करी और गौहत्या के मामलों में भी आरोपित थे। आरोपितों का नाम नईम और नसीम है। नईम (हिस्ट्रीशीटर 26ए) और नसीम (हिस्ट्रीशीटर 27ए) दोनों भाई हैं। इनके पिता का नाम नसीर है। ये दोनों मुजफ्फरनगर जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र के बसी कलां गाँव में रहते हैं। वे पहचान पत्र लेकर शाहपुर थाने पहुँचे। दोनों हिस्ट्रीशीटर पर गायों की हत्या का आरोप है। थाना प्रभारी के सामने दोनों ने दोबारा कोई अपराध न करने और आगे अपराध मुक्त शांतिपूर्ण जीवन बिताने की शपथ ली।

नईम शाहपुर थाना क्षेत्र के टॉप टेन अपराधियों में से एक है। इन दोनों के खिलाफ गोहत्या और गैंगस्टर एक्ट के तहत कुल 18 मामले दर्ज हैं। मुठभेड़ के डर से बदमाश गले में तख्तियाँ लटकाए शाहपुर थाने पहुँचे और SHO राधेश्याम यादव के सामने भविष्य में अपराध नहीं करने की शपथ ली। अपराधबोध की बात कहते हुए दोनों भाइयों ने थाना परिसर के अंदर आत्मसमर्पण कर दिया और भविष्य में अपराधों से दूर रहने का वादा किया।

SP (मुजफ्फरनगर-ग्रामीण) अतुल कुमार श्रीवास्तव ने कहा, “दो हिस्ट्रीशीटरों ने शाहपुर थाना प्रभारी के समक्ष आत्मसमर्पण किया। इनमें से एक शाहपुर थाने के टॉप टेन अपराधियों में शामिल है। इन दोनों पर गोहत्या का आरोप है। उन्होंने भविष्य में कोई अपराध नहीं करने की बात स्वीकार की। उन दोनों ने स्वीकार किया कि वे नियमित रूप से पुलिस स्टेशन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएँगे।”

योगी आदित्यनाथ के दूसरे कार्यकाल में भी सरेंडर का सिलसिला जारी

10 मार्च 2022 को उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली भाजपा सरकार के सत्ता में लौटने के 15 दिनों के भीतर कम से कम 50 अपराधियों ने आत्मसमर्पण कर दिया था। दिलचस्प बात यह है कि कई अपराधी अपने वादों की घोषणा करने वाले संदेश के साथ तख्तियाँ लेकर थानों में आए थे। पुलिस कार्रवाई के डर और अवैध संपत्तियों को लेकर चल रहे बुलडोजर ने राज्य में कई अपराधियों को सरेंडर करने के लिए मजबूर कर दिया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया