पंजाब में जबरन धर्म परिवर्तन के पीछे विदेशी ताकतें, चमत्कारी इलाज-फ्रॉड से हिंदू-सिखों को बना रहे ईसाईः अकाल तख्त के जत्थेदार बोले- धर्मांतरण विरोधी कानून जरूरी

जत्थेदार हरप्रीत सिंह और ईसाई मिशनरी (फोटो साभार: इंडियन एक्सप्रेस/टीवी9 भारतवर्ष)

पंजाब (Punjab) में ईसाइयों द्वारा कराए जा रहे जबरन धर्मांतरण (Religious Conversion in Christianity) को लेकर अकाली तख्त (Akal Takht) ने चेतावनी दी है और कहा है कि इस प्रथा अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने पंजाब में धर्मांतरण विरोधी कानून की जरूरत बताई है। सिख समुदाय से

अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि जिस तरह से धर्मांतरण की गतिविधियाँ राज्य में संचालित हो रही हैं, उसको देखते हुए सिख समुदाय के लोगों को धर्मांतरण विरोधी कानून बनाने की माँग करनी चाहिए। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने इस संबंध में 5 सितंबर 2022 को आनंदपुर साहिब में एक बैठक भी बुलाई है।

ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “हमने पंजाब में कभी भी धर्मांतरण विरोधी कानून की माँग नहीं की है। हम नहीं चाहते थे, लेकिन अब ऐसी स्थिति बन गई है कि हमें माँग करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। सिखों को इस कानून की माँग के बारे में गंभीरता से सोचने की जरूरत है।”

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से तथाकथित ईसाई मिशनरी चमत्कारिक इलाज और कपटपूर्ण सिखों का जबरन धर्म परिवर्तन कर रहे हैं। पंजाब के सिखों और हिंदुओं को ईसाई धर्म में धर्मांतरण कराने के लिए उन्हें गुमराह किया जा रहा है और यह सरकार की नाक के नीचे हो रहा है।

अकाल तख्त के जत्थेदार ने कहा कि भारत के कानून में धर्म के नाम पर अंधविश्वास फैलाने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का प्रावधान है, लेकिन वोट बैंक की राजनीति के कारण कोई भी सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए तैयार नहीं है।

राज्य पर आरोप लगाते हुए जत्थेदार सिंह ने कहा कि पिछले छह महीनों से सिखों द्वारा शिकायत दर्ज की गई है मिशनरी जनता को गुमराह करके जबरन धर्म परिवर्तन कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा, “हम अपने धर्म में भी चमत्कारिक इलाज (पाखंडवाद) के खिलाफ हैं। बाइबल भी ऐसे लोगों की निंदा करती है, लेकिन यहाँ इस तरह के अंधविश्वासों का इस्तेमाल सिखों को लुभाने के लिए किया जा रहा है।”

जत्थेदार ने कहा कि पंजाब एक सीमावर्ती राज्य है और यहाँ के गरीब हिंदुओं और सिखों को धर्मांतरित करने के लिए ‘विदेशी ताकतें’ फंडिंग कर रही हैं। उन्होंने इसे चिंताजनक बताते हुए कहा कि अब इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि धर्मांतरण करने वाले लोग आरक्षण का लाभ भी ले रहे हैं। यह कैसे हो रहा है, यह एक प्रश्न है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया