‘आप तो अभी तक गिरफ्तार नहीं हुईं?’ द वायर वाली आरफा के मुस्लिम कार्ड पर नेटिजन्स ने पूछे सवाल, सिद्दीक कप्पन की रिहाई पर किया था ट्वीट

आरफा खानम शेरवानी और सिद्दीक कप्पन (फोटो साभार आरफा खानम फेसबुक और एएनआई)

वामपंथियों के प्रोपेगंडा पोर्टल ‘द वायर’ (The Wire) की सीनियर संपादक आरफा खानम शेरवानी (Arfa Khanum Sherwani) को नेटिजन्स जमकर ट्रोल कर रहे हैं। दरअसल, आरफा खानम ने केरल के तथाकथित पत्रकार सिद्दीक कप्पन को बेल मिलने के बाद ट्वीट करते हुए मुस्लिम पत्रकार कार्ड खेलने की कोशिश की।

हाथरस में साजिश रचने और प्रतिबंधित चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के साथ संबंधों को लेकर कप्पन 28 महीनों से जेल में बंद था। विभिन्न मामलों में उसे जमानत मिलने के बाद गुरुवार (02 फरवरी 2023) को उसे जेल से जमानत पर रिहा कर दिया गया।

इसको लेकर आरफा ने मुस्लिम कार्ड खेला और दावा किया कि कप्पन सिर्फ इसलिए गिरफ्तार किया गया, क्योंकि वह ‘मुस्लिम पत्रकार’ हैं। आरफा ने ट्विटर पर लिखा, “तकरीबन 2 साल बाद पत्रकार सिद्दीक कप्पन यूपी की जेल से रिहा हुए। सिद्दीक को एक ऐसे अपराध के लिए कैद किया गया जो उन्होंने किया ही नहीं था। उनका गुनाह सिर्फ इतना था कि वे एक पत्रकार हैं, ऊपर से मुस्लिम।”

उनके इस ट्वीट के बाद नेटिजन्स ने कमेंट्स की बरसात कर दी। ट्विटर यूजर @singpuri ने पूछा कि अगर भारत की मौजूदा सरकार मुस्लिम पत्रकारों को चुन-चुनकर निशाना बनाती है तो उन्हें क्यों छोड़ दिया। उन्होंने लिखा, “आपको अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? सरकार आपको स्पेशल ट्रीटमेंट क्यों दे रही है। आपमें क्या अलग है?”

ट्विटर यूजर @Spoof Junkey ने आरफा के पोस्ट का मजाक उड़ाते हुए लिखा, “अगर मुस्लिम पत्रकारों को निशाना बनाया जा रहा है तो आप जेल में क्यों नहीं हो? ओह सॉरी… मैं भूल गया था कि आप पत्रकार नहीं बल्कि एक यूट्यूबर हैं।”

राना अय्यूब और सबा नकवी जैसे अन्य विवादित मुस्लिम पत्रकारों पर कटाक्ष करते हुए @AlpaKanya ने ट्वीट किया, “गिरफ्तारी के लिए आपके मानदंड (criteria) को देखते हुए आश्चर्य है कि आप राना और सबा खुलेआम कैसे घूम रहे हैं?”

सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज मार्कंडेय काटजू ने भी मुस्लिम विक्टिम कार्ड खेलने पर आरफा को फटकार लगाई। उन्होंने लिखा, “मुस्लिम… मुस्लिम… मुस्लिम! हमेशा बचाव में आप मुस्लिम पहचान को आगे करती हैं। आपको नहीं लगता कि इस तरह की बातों से समाज का ध्रुवीकरण हो रहा है और सत्ता पक्ष को इसका फायदा मिल रहा है? लेकिन अपने जुनून की वजह से शायद आप इसकी परवाह नहीं करतीं।”

बता दें कि सिद्दीक कप्पन की गिरफ्तारी प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) में हुई थी। उस पर UAPA भी लगाया गया था। यूपी पुलिस ने कप्पन को 5 अक्टूबर 2020 को तब गिरफ्तार किया गया था, जब वह अपने साथियों के साथ हाथरस जा रहा था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया