आलम,अशरफ, इरफान, फुरकान… रामनवमी हिंसा में NIA ने 16 को पकड़ा, फुटेज से हुई पहचान: बंगाल में छतों से शोभा यात्रा पर बरसाए थे पत्थर

NIA ने बंगाल में राम नवमी जुलूस हिंसा मामले में 16 को पकड़ा (साभार: TOI)

पश्चिम बंगाल में राम नवमी हिंसा मामले की जाँच के दौरान राष्ट्रीय जाँच एजेंसी ने 16 लोगों को गिरफ्तार किया है। यह जानकारी NIA इंडिया ने अपने एक्स पर प्रेस रिलीज जारी करके साझा की है। इसमें एनआईए ने बताया कि राम नवमी के दिन जिस प्रकार से शोभा यात्रा पर साजिश के तहत सांप्रदायिक हमला हुआ उस बाबत 16 आरोपित गिरफ्तार किए गए हैं।

ये गिरफ्तारी जाँच के दौरान मिले सबूतों के आधार पर हुई। वीडियोज से जो फुटेज निकाले गए उनसे हुई। पूरा मामला 30 मार्च 2023 का है। उत्तर दिनाजपुर के दालखोला में राम नवमी के दिन शोभा यात्रा निकाली जा रही थी, तभी एक समुदाय के लोग वहाँ आए और शोभा यात्रा में शामिल लोगों पर हमला कर दिया।

पुलिस ने शुरू में इस मामले में 162 लोगों के विरुद्ध केस को दर्ज किया था। बाद में ये केस 27 अप्रैल 2023 को हाई कोर्ट के ऑर्डर पर एनआईए को ट्रांसफर किया गया। एनआईए ने इस मामले की जाँच पड़ताल के बाद बताया कि उन्होंने अब 16 लोगों को गिरफ्तार किया।

इन लोगों के नाम अफरोज आलम, मोहम्मद अशरफ, मोहम्मद इम्तियाज आलम, मोहम्मद इरफान आलम, कैसर, मोहम्मद फरीद आलम, मोहम्मद फुरकान आलम, मोहम्मद पप्पू, मोहम्मद सुलेमान, मोहम्मद सरजान, मोहम्मद नुरूल हुडा, वसीम आर्या, मोहम्मद सलाऊद्दीन, मोहम्मद जन्नथ, वसीम अकरम, मोहम्मद तनवीर आलम है। ये सारे लोग दारखोला के रहने वाले हैं।

HC ने भी माना कि हिंसा की तैयारी पहले से थी

गौरतलब है कि बंगाल में पिछले साल राम नवमी पर जो हिंसा हुई थी उसके बाद कोर्ट ने भी रिपोर्ट देख कहा था हिंसा के लिए पहले से तैयारी की गई थी। हाई कोर्ट ने कहा था– “आरोप है कि छतों से पत्थर फेंके थे। जाहिर है कि पत्थर 10-15 मिनट में छत पर नहीं ले जाया जा सकता। यह खुफिया तंत्र की विफलता है। यहाँ समस्या दो समस्याएँ हैं। पहली यह है कि हिंसा दो समूहों के बीच हुई है। दूसरी समस्या यह है कि एक तीसरा समूह इस हिंसा का लाभ उठा सकता है। ऐसी स्थिति में इसकी जाँच केंद्रीय जाँच एजेंसी द्वारा की जानी चाहिए। यदि राज्य पुलिस इस मामले की जाँच करती है तो उसके लिए यह पता लगाना मुश्किल होगा कि इस हिंसा से किसको लाभ हो रहा।”

ममता बनर्जी ने हिंदुओं को दी थी मुस्लिम इलाके में न जाने की सलाह

इसी हिंसा मामले से पहले ममता बनर्जी ने रामनवमी के अवसर पर हिंदुओं को मुस्लिम इलाकों में न जाने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा था कि ये रमजान का महीना है। ऐसे में मुस्लिम इलाकों में राम नवमी का जुलूस न निकालें। उन्होंने ये भी कहा था कि अगर ऐसा हुआ तो फिर आरोपितों को कोर्ट छोड़ेगा नहीं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया