देश के 80 जिलों में 14 दिन से कोई नया मामला नहीं, लॉकडाउन न होता तो एक लाख पर कर जाता आँकड़ा: स्वास्थ्य मंत्रालय

लॉकडाउन कि वजह से कम हुआ कोरोना वायरस का संक्रमण का आँकड़ा (साभार-ANI)

देशभर में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। वहीं शुक्रवार को स्‍वास्‍थ्‍य और गृह मंत्रालय ने देश में कोरोना वायरस से निपटने और लॉकडाउन की स्थितियों के समाधान के लिए प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया। इस मौके पर स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के संयुक्‍त सचिव लव अग्रवाल ने लॉकडाउन को सही कदम बताते हुए कहा कि देश के 15 जिलों में 28 दिनों में कोराना वायरस का नया मामला नहीं आया है। वहीं देश के 80 जिले हैं जहाँ पिछले 14 दिनों से कोई मामला नहीं आया है।

संक्रमित मरीजों के मामलों पर अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटों में COVID-19 के 1684 पॉजिटिव केस सामने आए हैं, जो कि भारत में कुल 23,077 मामले की पुष्टि करता हैं। वहीं कल से आज तक 491 लोग ठीक हुए हैं, ठीक होने वालों की कुल संख्या 4748 हो गई है, अब हमारा रिकवरी रेट 20.57% है। उन्‍होंने कहा कि हम कोरोना वायरस के कम्‍युनिटी ट्रांसमिशन (सामुदायिक प्रसार) की जाँच करने के लिए जिला, राज्य स्तरों पर सामुदायिक निगरानी को लागू कर रहे हैं।

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फैक्टरियों को दिए गए दिशा-निर्देश

आगे की जानकारी देते हुए गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि 20 अप्रैल से उन क्षेत्रों में कुछ गतिविधियों की अनुमति दी गई है, जो क्षेत्र कंटेंनमेंट या हॉट स्पॉट के दायरे मे नहीं है। लेकिन गलत व्याख्या की वजह से आशंका थी कि फैक्ट्री में कोविड केस मिलने पर फैक्ट्री के CEO को सजा हो सकती है या फैक्ट्री 3 महीने के लिए सील हो सकती है। इसलिए कल गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर स्पष्ट किया है कि 15 अप्रैल को जारी दिशानिर्देशों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।

साथ ही आपदा प्रबंधन अधिनियम के अंतर्गत 6 इंटर-मिनिस्ट्रियल सेंट्रल टीमों (IMCT) का गठन गृह मंत्रालय द्वारा किया गया था। मगर अब कोरोना वायरस की स्थिति को देखते हुए गृह मंत्रालय ने 4 और IMCT का गठन किया है जो अहमदाबाद, सूरत, हैदराबाद और चेन्नई भेजी जा रहीं हैं।

लॉकडाउन की वजह से संक्रमण दर हुआ कम

वहीं रोग नियंत्रण केंद्र के निदेशक डॉ. सुजीत सिंह ने कोरोना वायरस को लेकर एक राहत की खबर देते हुए कहा कि आज हमारा डबलिंग टाइम 9 दिन तक पहुँच गया है, ये दिखाता है कि जो महामारी तेज गति से फैल रही थी, लॉकडाउन कि वजह हम उसे काफी हद तक रोक लगा पाने मे सफल हैं। COVID-19 के खिलाफ लड़ाई में निगरानी हमारा प्राथमिक हथियार है। लगभग 9.45 लाख लोग निगरानी प्रणाली पर हैं।

लॉकडाउन को सफल क़दम और आँकड़ो की जानकारी देते हुए नीति आयोग के सदस्य और अधिकार प्राप्त समूह 1 के अध्यक्ष डॉ. वीके पॉल ने कहा कि हमारे विश्लेषण से पता चलता है कि लॉकडाउन COVID-19 की डबलिंग दर को धीमा करने और जान बचाने में प्रभावी रहा है। लॉकडाउन का निर्णय समय पर था क्योंकि भारत में लगभग 23,000 मामले आज 73,000 हो सकते थे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया