दिखा लॉकडाउन का व्यापक असर, 3.4 के बजाए अब 7.5 दिन में दोगुने हो रहे केस: स्वास्थ्य मंत्रालय

WHO के इमरजेंसी एक्सपर्ट ने कोरोना से मुकाबले पर जोर दिया है (प्रतीकात्मक चित्र)

भारत में बढ़ रहे कोरोना वायरस के मामलों को लेकर स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के संयुक्‍त सचिव लव अग्रवाल ने अहम जानकारी दी है। लव अग्रवाल ने कहा कि केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री हर्षवर्धन ने राजीव गाँधी स्‍पेशियलिटी हॉस्पिटल का दौरा किया। जिस दौरान उन्होंने स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों के मेहनत और योगदान की प्रशंसा की। लॉकडाउन से पहले और अब की तुलना में उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के मामले आए दिन काम होते नजर आ रहें हैं। जहाँ आँकड़े लॉकडाउन से पहले मरीजों की संख्या 3.4 दिन में दोगुनी हो रही थी। वहीं अब मरीजों की संख्या 7.5 दिन में डबल हो रही हैं।

18 राज्यों मे इसका बेहतर प्रदर्शन देखा गया है। कुछ राज्यों में मामले डबल होने की दर 20-30 दिनों से भी अधिक है। साथ ही ओडिशा और केरल में यह दर 30 दिन से भी ज्‍यादा है। गोवा में अब कोरोना वायरस का कोई भी सक्रिय केस नहीं है। काफी पुराने मरीज अबतक ठीक भी किए जा चुके हैं।

अन्य राज्यों में मरीजों के संख्या

बाकी राज्यों की बात करे तो दिल्‍ली में 8.5 दिन में मामले डबल हो रहे हैं। जबकि कर्नाटक में 9.2 दिन, तेलंगाना में 9.4 दिन में, आंध्र प्रदेश में 10.6 दिन में, जम्मू-कश्मीर में 11.5 दिन, पंजाब में 13.1 दिन, छत्तीसगढ़ में 13.3 दिन, तमिलनाडु में 14 दिन और बिहार 16.4 दिन में मामले डबल हो रहे हैं।

भारत के कई राज्य ऐसे भी, जहाँ 14 दिन से कोई नया केस नही

जानकारी के मुताबिक 59 जिले ऐसे भी हैं, जहाँ 14 दिनों से कोरोना वायरस का एक भी मामला सामने नहीं आया है। और यहीं वजह है कि लॉकडाउन को भारत का सफल कदम बताया जा रहा हैं। 19 अप्रैल तक 18 राज्यों में डबलिंग रेट की औसत देश की औसत से बेहतर है। उन्‍होंने कहा कि कुछ हॉटस्पॉट्स की वजह से कोरोना की स्थिति बिगड़ रही है और बिगड़ती ही जा रही है। जल्द से जल्द इन सभी जगहों की स्थिति का आकलन कर सख्त कदम भी उठाए जा रहें है। साथ ही इस आपदा से जल्द निजात पाने के लिए प्रबंधन अधिनियम 2005 के अंतर्गत गृह मंत्रालय ने 6 इंटर मिनीस्टीरियल सेंट्रल टीमों का गठन किया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया