राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने देश के प्रमुख धर्मगुरुओं के साथ बैठक की। इसका मकसद धर्मगुरुओं के साथ संवाद और संपर्क जरिए सभी समुदायों के बीच भाईचारे की भावना को मजबूत बनाना था। धर्मगुरुओं ने दशकों पुराने अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करने का संकल्प लिया।
बता दें कि बैठक में एस्वामी अवधेशानंद गिरी, बाबा रामदेव, स्वामी चिदानंद सरस्वती, स्वामी परमात्मानंद, मौलाना अरशद मदनी, मौलाना कल्बे जव्वाद आदि मौजूद थे। अवधेशानन्द गिरी धर्माचार्य सभा के चेयरमैन हैं। मौलाना कल्बे जव्वाद शिया धर्मगुरु हैं, वहीं मौलाना अरशद मदनी भी अपने समुदाय में ख़ासा रसूख रखते हैं।
https://twitter.com/ANI/status/1193480707395317760?ref_src=twsrc%5Etfwधर्मगुरुओं ने सभी देशवासियों से फैसले का सम्मान करने की अपील की है। साथ ही कहा है कि राष्ट्रहित सर्वोपरि है। धर्मगुरुओं ने शांति, सांप्रदायिक सदभावना बनाए रखने में सरकार को पूरा सहयोग देने की बात भी कही। बैठक में आशंका जताई कि कुछ राष्ट्रविरोधी तत्व माहौल खराब करने की साजिश रच सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट के ऐसी ताकतों को रोकने के लिए धर्मगुरुओं से सहयोग की डोभाल ने अपील की। बैठक के बाद डोभाल ने कहा, ” यह बातचीत सभी समुदायों के बीच भाईचारा और मेलजोल की भावना को बरक़रार रखने की दिशा में मददगार साबित होगा।”
गौरतलब है कि करीब 500 साल पुराना अयोध्या विवाद शनिवार को आए सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले से समाप्त हो गया है। सुप्रीम कोर्ट की पॉंच जजों की पीठ ने 1045 पन्नों के अपने फैसले में विवादित जमीन रामलला को सौंप दी है। साथ ही मुस्लिम पक्ष को मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने का निर्देश भी सरकार को दिया है।