पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सोमवार (7 अगस्त, 2023) को अवैध निर्माण के खिलाफ हरियाणा सरकार के बुलडोजर अभियान पर रोक लगा दी है। जिसके बाद नूहं, गुरुग्राम में दंगों के आरोपितों और अतिक्रमणकारियों के खिलाफ चल रहा बुलडोजर अभियान थम गया है। नूहं प्रशासन ने कोर्ट के आदेश के बाद तत्काल प्रभाव से अभियान रोक दिया है। वहीं हाई कोर्ट ने इस मामले में हरियाणा सरकार से जवाब-तलब भी किया है।
बता दें कि नूहं, मेवात और गुरुग्राम में अवैध निर्माण और वन भूमि पर अतिक्रमण हटाओ बुलडोजर अभियान 31 जुलाई को ब्रजमंडल जलाभिषेक शोभायात्रा पर पत्थरबाजी और हिंसा की घटनाओं के बाद शुरू किया गया था। हालाँकि, प्रशासन ने इसे अवैध निर्माण के खिलाफ सामान्य अभियान बताया था।
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, अभियान के दायरे में आए लोगों का पक्ष वकील मोहम्मद अरशद ने हाई कोर्ट ने में रखा। जस्टिस गुरुमीत सिंह संधावालिया की पीठ ने राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए अगले आदेश तक तत्काल प्रभाव से अतिक्रमण अभियान पर रोक लगाने का आदेश दिया। हाई कोर्ट ने प्रभावित पक्षों को कोई नोटिस दिए बिना अवैध निर्माण को गिराने के लिए सरकार के बुलडोजर अभियान पर भी सवाल उठाया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नूहं में अवैध निर्माण के खिलाफ हरियाणा के खट्टर सरकार के बुलडोजर अभियान पर रोक लगाने का उच्च न्यायालय का आदेश तब आया, जब अभियान पाँचवें दिन में प्रवेश कर गया था। ऐसे में यदि बात करें अब तक के अभियान में कितने अवैध निर्माणों पर कार्रवाई हुई तो नूहं प्रशासन ने रविवार को 94 घरों और 212 अन्य अवैध निर्माण को जमींदोज कर दिया था, जिससे पिछले लगभग एक सप्ताह में ध्वस्त की गई इमारतों की कुल संख्या 750 से अधिक हो गई है।
गौरतलब है कि नूहं में 31 जुलाई को हिन्दुओं द्वारा आयोजित जलाभिषेक शोभायात्रा पर मुस्लिम भीड़ द्वारा हमला करने के बाद हरियाणा सरकार द्वारा अवैध निर्माण के खिलाफ अभियान शुरू किया गया था। वहीं नूहं दंगा मामले में अब तक कुल 216 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, 80 को एहतियातन हिरासत में लिया गया है तथा 104 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।