OBC आरक्षण का 97% लाभ मिला सिर्फ 25% जातियों को, 2633 जातियों में 983 को नहीं मिला एक भी फायदा

ओबीसी आरक्षण में कुछ जातियों को अधिक फायदा (एआई द्वारा निर्मित प्रतीकात्मक तस्वीर)

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि चाहे परमानेंट नौकरियाँ हों या ठेके पर, अगर कम से कम 45 दिन की नौकरी है तो एससी, एसटी, ओबीसी आरक्षण का लाभ मिलेगा। हालाँकि इस बीच रोहिणी आयोग की रिपोर्ट की चर्चा हो रही है।

रोहिणी आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 2633 जातियाँ OBC की श्रेणी में आती हैं। इनमें से 983 जातियों को अभी तक आरक्षण का कोई लाभ नहीं मिला है। यानी, कुल OBC आबादी का लगभग 37% हिस्सा अभी भी आरक्षण के लाभ से पूरी तरह वंचित है।

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो रोहिणी आयोग ने नौकरियों और शिक्षा में 97 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण का लाभ ओबीसी की 25 प्रतिशत जातियाँ उठा रही हैं। शेष 75 प्रतिशत जातियों की भागीदारी सिर्फ 3 प्रतिशत ही है। इसमें भी 983 ओबीसी जातियों की हिस्सेदारी शून्य है।

ओबीसी को चार वर्गों में बाँटने की सिफारिश

रोहिणी आयोग की रिपोर्ट करीब 1100 पन्नों की है, जिसे दो भागों में बाँटा गया है। इस रिपोर्ट के पहले हिस्से में आरक्षण का फायदा पा रही जातियों में उनकी हिस्सेदारी से जुड़ी बातें हैं तो दूसरे हिस्से में मौजूदा समय में ओबीसी में शामिल 2633 पिछड़ी जातियों से संबंधित है।

इसमें 2633 पिछड़ी जातियों की सामाजिक पहचान, जनसंख्या में उनके आनुपातिक प्रतिनिधित्व और अब तक आरक्षण नीतियों से उन्हें मिले लाभों की जानकारी है। हालाँकि कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, 3000 जातियों की जानकारी इस रिपोर्ट में है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, रोहिणी आयोग ने ओबीसी की 3000 जातियों को 4 वर्गों में विभाजित करने का सुझाव दिया है। इन वर्गों में आरक्षण का पूरा लाभ, अधूरा लाभ, बिल्कुल लाभ नहीं ले पाने वाली और एकदम अक्षम जातियों का 4 वर्ग तैयार हो सकता है, जिन्हें 10 प्रतिशत, 5 प्रतिशत, 8 प्रतिशत, जो भी डाटा इस आयोग की सिफारिश के साथ होगा, उन्हें मिल जाएगा।

कोटे के अंदर कोटा सिस्टम से होगा कमजोर वर्गों को लाभ?

ओबीसी में आरक्षण की बात करें तो इसमें शामिल ऐसी कुछ जातियाँ हैं, जो सबसे ज्यादा फायदा उठा रही हैं। ऐसे में अभी ओबीसी जातियों की राजनीति को लेकर मुखर रहने वाली ताकतवर ओबीसी जातियों का कोटा इस सिस्टम की वजह से घट जाएगा। ऐसे में संभव है कि ये जातियाँ अपने पुराने रहनुमाओं को छोड़कर नए विकल्प तलाशें।

वहीं, जिन जातियों को आरक्षण का लाभ अब तक नहीं मिल पाया है, या बहुत कम मिला है, रोहिणी आयोग की सिफारिशों की वजह से उनका कोटा बढ़ जाएगा। चूँकि जातियों की आर्थिक, सामाजिक, शैक्षिक स्थिति का अध्ययन करने और उसी अनुपात में कोटे के अंदर कोटा सिस्टम पर सलाह देने के लिए इस आयोग का गठन किया गया था।

ऐसे में कमजोर वर्ग के लोग आगे बढ़कर अपनी हिस्सेदारी क्लेम भी कर पाएँगे। अभी ओबीसी में सिर्फ दो वर्ग है- एक क्रीमी लेयर और दूसरा गैर-क्रीमी लेयर। इनमें से क्रीमी लेयर वाले आरक्षण का फायदा ज्यादा उठा पाते हैं, क्योंकि वो आर्थिक और शैक्षणिक स्तर पर मजबूत होते हैं।

ऐसे में इन वर्गों का 4 वर्गों में विभाजन होते ही उन कमजोर जातियों का फायदा होगा, जो वंचित हैं। चूँकि इस आयोग के आँकड़े सार्वजनिक नहीं किए गए हैं, इसलिए पक्का नहीं बता सकते कि आयोग ने क्या सिफारिशें की हैं और किस तरह के डाटा का इस्तेमाल किया गया है।

श्रवण शुक्ल: Shravan Kumar Shukla (ePatrakaar) is a multimedia journalist with a strong affinity for digital media. With active involvement in journalism since 2010, Shravan Kumar Shukla has worked across various mediums including agencies, news channels, and print publications. Additionally, he also possesses knowledge of social media, which further enhances his ability to navigate the digital landscape. Ground reporting holds a special place in his heart, making it a preferred mode of work.