‘कुरान की आयत पढ़कर जीतोगे खेल’: ऑनलाइन गेम्स की आड़ में ऐसे होता था गैर-इस्लामी बच्चों का ब्रेनवॉश, मौलवी समेत 2 गिरफ्तार

ऑनलाइन गेम के जरिए नाबालिगों का धर्मांतरण (साभार: हिंदी खबर)

ऑनलाइन गेमिंग एप के जरिए नाबालिगों को इस्लाम में धर्मांतरण का घिनौना खेल बहुत ही शातिर तरीके से अंजाम दिया जा रहा था। गाजियाबाद के एक मामले के सामने आने के बाद पुलिस द्वारा गिरफ्तार गिरफ्तार किए गए मौलवी ने कई खुलासे किए हैं। नाबालिगों को धर्मांतरित करने के लिए गिरोह के सदस्य उन्हें तरह-तरह से धमकाते थे और कोडवर्ड का इस्तेमाल करते थे।

मुंबई का रहने वाला इस गिरोह का सरगना शहनवाज खान उर्फ बद्दो फरार है और उसे गिरफ्तार करने के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। हालाँकि, गाजियाबाद के सेक्टर-23 में स्थित मस्जिद का एक मौलवी और एक अन्य आरोपित अब्दुल रहमान उर्फ नन्नी को गिरफ्तार कर लिया है।

अब्दुल रहमान के मोबाइल फोन से भी पुलिस को कई सबूत मिले हैं। मामला तब सामने आया था, जब 30 मई को राजनगर निवासी एक व्यक्ति ने धर्मांतरण मामले में FIR दर्ज कराई थी। कविनगर पुलिस थाने में दर्ज कराई गई FIR में संजयनगर स्थित सेक्टर-23 की मस्जिद के एक मौलवी अब्दुल रहमान और मुंबई निवासी बद्दो का जिक्र था।

पुलिस के अनुसार, यह गिरोह उन नाबालिग बच्चों को अपना निशाना बनाता था, जो ऑनलाइन गेम खेलने में अपना अधिकतर समय व्यतीत करते थे। अपने झाँसे में लेने के बाद गिरोह उनसे कहता था कि अगर वे कुरान की आयतों को पढ़ेंगे तो अल्लाह उन्हें गेम जिताने में मदद करेगा। चूँकि, इन खेलों का अधिकांश सर्वर गिरोह के पास होता था तो वे बच्चों को खेल में जीता देते थे।

इसके बाद नाबालिगों से एक सोशल मीडिया ऐप डिस्कॉर्ड (Discord) और फोर्ट नाइट (Fort Nite) ज्वॉइन करने के लिए कहा जाता था। इस सोशल मीडिया को ज्वॉइन करने के बाद उन्हें इस्लाम का बखान करने वाले वीडियो दिखाए जाते थे। कट्टरपंथी जाकिर नाइक सहित अन्य कट्टरपंथी मौलानाओं का वीडियो दिखाया जाता था।

इस दौरान उन्हें स्थानीय मौलवी से भी जोड़ दिया जाता था। यह मौलवी इन नाबालिगों को इस्लाम के बारे में बताता था। उन्हें बताता का नमाज कैसे और कब पढ़ा जाता है। न्यूज 18 के अनुसार, नमाज के समय को कोड वर्ड में ‘जिम टाइम’ कहा जाता था। जिन बच्चों से नमाज छूट जाता था, उन्हें डराया जाता था और कहा जाता था कि अल्लाह उनसे नाराज है।

इस धर्मांतरण गिरोह का शिकार बना फरीदाबाद निवासी एक लड़के ने पुलिस को बताया, “साल-2021 में कोविड से उसके माँ-बाप की मौत हो गई थी। समय बिताने के लिए वह ऑनलाइन गेम खेलता था। इस दौरान मुंबई के बद्दो से बातचीत शुरू हुई। अचानक इस लड़के को भी कोविड हुआ और बाद में ये ठीक हो गया। तब बद्दो ने कहा था कि मैंने तेरे लिए कुरान पढ़ी और दुआ माँगी थी, इस वजह से तू बच गया है।”

इसके बाद से इस लड़के की इस्लाम में रुचि बढ़ने लगी थी। गाजियाबाद, फरीदाबाद और चंडीगढ़ के जिन चार नाबालिग लड़कों के धर्मांतरण की कोशिश हो रही थी, वे सभी ‘यूथ क्लब’ नामक यूट्यूब चैनल से जुड़े थे। पुलिस का कहना है कि यह चैनल पाकिस्तान का है। 

यह बात सामने आई है कि देश के अंदर तेजी से फैल रहे धर्मान्तरण के इस रैकेट के तार उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और महाराष्ट्र से जुड़े पाए गए हैं। गुजरात और महाराष्ट्र के एक अनजान कॉलर ने महाराष्ट्र पुलिस को फोन करके बताया कि इस गैंग ने सिर्फ महाराष्ट्र में 400 से अधिक लोगों का धर्मान्तरण कराए हैं।

इन तमाम इनपुट के बाद अब NIA और ATS भी इस गैंग से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में जुट गई है। मुंबई के मुंब्रा क्षेत्र के रहने वाले शाहनवाज उर्फ़ बद्दो के फंडिंग सोर्स की भी जाँच पुलिस कर रही है। फ़िलहाल पुलिस की अलग-अलग टीमें अलग-अलग ठिकानों पर भेजी गईं हैं। इस गिरोह के तार पाकिस्तान एवं अन्य मुस्लिम देशों से जुड़ते नजर आ रहे हैं।

इस रैकेट का भंडाफोड़ 30 मई 2023 को उस समय हुआ, जब एक किशोर के पिता ने गाजियाबाद पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई कि उसके बच्चे ने अचानक दिन में पाँच बार नमाज पढ़ना शुरू कर दिया है। जब उसने बच्चे को रोका तो वह भड़क गया और कहा कि वह घर छोड़ देगा और जिस मौलवी के संपर्क में है, उसके साथ रहेगा।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया