‘ओवैसी से नफरत फैलती है, उनका बयान मुस्लिमों को देश में अलग-थलग करने की साजिश’

वसीम रिजवी ने ओवैसी के बयान को नफरत फैलाने वाला बताया

उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने अयोध्या मामले पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के बयान को निशाने पर लेते हुए साफ कर दिया है कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में मुस्लिम पक्ष को जो जमीन दिए जाने का आदेश दिया है उस जमीन पर मस्जिद ही बनाई जाएगी। उन्होंने ओवैसी के बयान को किनारा करते हुए कहा कि उस जमीन पर मदरसा कॉलेज या अस्पताल नहीं बनाया जा सकता है।

वसीम रिजवी ने कहा कि ओवैसी जैसे नेता समाज में नफरत फैलाने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि राम मंदिर फैसले पर मुस्लिम पक्ष को जो 5 एकड़ की जमीन दी गई है वह मस्जिद के लिए दी गई है। उस पर मदरसा, कॉलेज या अस्पताल नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने ओवैसी के बयान पर तंज कसते हुए कहा कि सिर्फ मुस्लिमों में नफरत पैदा करने के लिए इस तरीके के बयान दिए जा रहे हैं कि खैरात नहीं ली जा सकती और हिंदुओं का पैसा मस्जिद में नहीं लग सकता है। 

वसीम रिजवी ने कहा कि ओवैसी और उनके जैसे लोगों को वक्फ संपत्ति के मामलों में बोलने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि तमाम मुस्लिम जो हिंदुस्तान में कारोबार कर रहे हैं वह सिर्फ मुस्लिमों के साथ नहीं, बल्कि हर धर्म के लोगों के साथ कारोबार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ओवैसी जैसे नेताओं के ऐसे बयानों का ध्येय सिर्फ नफरत को बढ़ावा देना और देश के मुस्लिमों को इस देश में अलग-थलग करने की साजिश है।

गौरतलब है कि वसीम रिजवी ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 51 हजार रुपए देने की घोषणा की है। गुरुवार (नवंबर 14, 2019) को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में रिजवी ने कहा कि बोर्ड ने मंदिर का समर्थन किया है। उन्होंने इसे सर्वश्रेष्ठ फैसला करार देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला आया है, वही एक अकेला रास्ता था जिससे यह मामला सुलझ सकता था।

उन्होंने कहा कि इमामे हिंद, भगवान श्रीराम, जो हम सभी मुस्लिमों के भी पूर्वज हैं, उनके राम मंदिर निर्माण के लिए वसीम रिजवी फिल्मस 51 हजार रुपए की भेंट राम जन्म भूमि न्यास को दे रही है। साथ ही उन्होंने अपने बयान में कहा कि भविष्य में जब भी राम मंदिर का निर्माण होगा, शिया वक्फ बोर्ड की तरफ से उसमें भी मदद की जाएगी। बता दें कि रिजवी इससे पहले मंदिर निर्माण के लिए 10 हजार रुपए दान कर चुके हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया