‘स्वदेशो भुवनत्रयम्’: PM मोदी ने प्रवासी भारतीय सम्मेलन में भारतीयों की भूमिका प्रशंसा की, कहा- बुजुर्ग प्रवासियों को अपने संघर्ष-उपलब्धियों का दस्तावेजीकरण करना चाहिए

पीएम मोदी (साभार: जागरण)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सोमवार (9 जनवरी 2023) को मध्य प्रदेश के इंदौर (Indore, Madhya Pradesh) में आयोजित 17वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन 2023 (17th Pravasi Bharatiya Sammelan 2023) को संबोधित किया।

इस सम्मेलन में सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी विशिष्ट अतिथि और गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। यह कार्यक्रम 8 जनवरी से 10 जनवरी तक चलेगा, जिसमें 70 देशों के करीब 3800 सदस्य शामिल हो रहे हैं।

समारोह में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, “दुनिया के अलग-अलग देशों में जब भारत के लोग कॉमन फैक्टर की तरह दिखते हैं तो ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की भावना के साक्षात दर्शन होते हैं। दुनिया के किसी एक देश में जब भारत के अलग-अलग क्षेत्रों के लोग मिलते हैं तो ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का सुखद अहसास होता है।”

पीएम मोदी ने कहा कि समारोह में आए प्रत्येक प्रवासी भारतीय ने अपने-अपने क्षेत्र में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। उन्होंने कहा, “भारत का हृदय कहलाने वाले मध्य प्रदेश में प्रवासी भारतीय समारोह का आयोजन किया जा रहा है। मध्य प्रदेश में माँ नर्मदा का जल, यहाँ के जंगल, आदिवासी परंपरा और यहाँ का अध्यात्म आपकी यात्रा को अविस्मरणीय बनाएगी।”

हर प्रवासी भारतीय को ब्रांड एंबेसडर बताते हुए पीएम ने कहा, “मैं सभी भारतीय प्रवासियों को भारत का ब्रांड एंबेसडर कहता हूँ। भारत के ब्रांड एंबेसडर के रूप में आपकी भूमिका विविध है। आप मेक इन इंडिया, योग, हस्तशिल्प उद्योग के साथ ही भारतीय मिलेट्स के ब्रांड एंबेसडर हैं।”

पीएम मोदी ने कहा, “हमने कुछ महीने पहले भारत की आजादी के 75 साल मनाए थे! हमारे स्वतंत्रता संग्राम को प्रदर्शित करने वाली डिजिटल प्रदर्शनी यहाँ आयोजित की गई है, जो गौरवशाली युग को फिर से आप सबके सामने लाती है। ‘स्वदेशो भुवनत्रयम्’ अर्थात हमारे लिए पूरा संसार ही हमारा स्वदेश है। मनुष्य मात्र ही हमारा बंधु-बांधव है। इसी वैचारिक बुनियाद पर हमारे पूर्वजों ने भारत के सांस्कृतिक विस्तार को आकार दिया था।”

भारत की प्राचीन परंपरा को याद करते हुए पीएम ने कहा, “हमारे प्रवासी भारतीयों को वैश्विक स्तर पर भारत की भूमिका को और ऊपर उठाने में भूमिका निभानी है। हमने सदियों पहले वैश्विक व्यापार की असाधारण परंपरा शुरू की थी। हम असीम लगने वाले समंदरों के पार गए। अलग-अलग देशों, अलग-अलग सभ्यताओं के बीच व्यावसायिक संबंध कैसे साझी समृद्धि के रास्ते खोल सकती है, भारत ने करके दिखाया है।”

उन्होंने कहा कि भारत में न केवल एक ज्ञान केंद्र बनने की क्षमता है बल्कि हुनरमंदों की राजधानी भी है। पीएम मोदी ने कहा, “भारत से बाहर रहने वाले बुजुर्ग प्रवासियों को अपने जीवन, संघर्ष, उलब्धियों का दस्तावेजीकरण करना चाहिए। बुजुर्गों के पास उस जमाने की यादें होंगी। विश्वविद्यालयों के माध्यम से हमारे डायस्पोरा की हिस्ट्री के दस्तावेजीकरण के प्रयास किए जाएँ।”

डायस्पोरा के महत्व को रेखांकित करते हुए पीएम ने कहा, “कोई भी राष्ट्र उस पर निष्ठा रखने वाले लोगों की दिलों में जीवित रहता है। जब कोई भारतीय विदेश जाता है और वहाँ कोई भारतीय मिल जाता है तो उसे लगता है कि पूरा भारत मिल गया। आप जहाँ कहीं भी रहते हैं, भारत को अपने साथ रखते हैं। अपने दिल में रखते हैं।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया