तिहाड़ में सत्येंद्र जैन को VVIP सुविधा के लिए कैदियों को मजबूर किया गया: जाँच समिति को रेप कैदी ने बताया- अधिकारियों ने मालिश के लिए कहा, अब मिल रही धमकी

सत्येंद्र जैन तिहाड़ जेल में मसाज लेते हुए

अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की नेतृत्व वाली दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) को तिहाड़ जेल VVIP सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर जाँच पैनल ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। पैनल का कहना है कि जेल प्रशासन ने 5 कैदियों को सत्येंद्र जैन की सेवा करने के लिए बाध्य किया था। इन कैदियों में दो नाबालिग से रेप के आरोपित भी हैं।

जाँच पैनल ने कहा कि सत्येंद्र जैन की सेवा में जेल अधिकारियों का एक सहयोगी भी शामिल था। पॉक्सो केस का आरोपित रिंकू ने जाँच समिति को बताया, “मैंने जेल अधिकारियों के निर्देश पर उन्हें मालिश किया था। अब मुझे धमकी दी जा रही है। मैंने मालिश करने के लिए सत्येंद्र जैन के सेल से पानी की एक बूंद भी नहीं ली है।”

बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद सत्येंद्र जैन को उनकी सेल में मालिश करने का एक वीडियो कुछ दिन पहले सामने आया था। वीडियो सामने आने के बाद राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया था। कहा गया कि सत्येंद्र जैन को जो शख्स मालिश कर रहा था, वह नाबालिग से बलात्कार का आरोपित है और उसका नाम रिंकू है।

वीडियो सामने आने के बाद आम आदमी पार्टी ने दावा किया था कि सत्येंद्र जैन को स्वास्थ्य संबंधी कारणों की वजह से फिजियोथेरेपी का उपचार दिया जा रहा था। हालाँकि, रिंकू नाम के इस कैदी ने बताया कि उसने फिजियोथैरेपी की कभी ट्रेनिंग नहीं ली है। उसका काम विवाह समारोहों में घोड़ी उपलब्ध कराना था।

समिति ने कहा, “यह मालिश स्वेच्छा या स्नेह से नहीं किया गया था, जैसा कि तत्कालीन अधीक्षक जेल ने दावा किया था। यह सत्येंद्र जैन द्वारा जेल में शानदार जीवन शैली का आनंद लेने के लिए था।” इस बीच POCSO के एक अन्य आरोपित मनीष फल और बाहर का खाना सत्येंद्र जैन को उपलब्ध कराता था। “जेल वार्डन मेरे जेल खाता कार्ड में पैसे जमा करता था।

मनीष ने बताया, “मैं अपने कार्ड से सत्येंद्र जैन के लिए जेल की कैंटीन से फल खरीदता था। जेल के वॉर्डन ने मेरे जेल खाते के कार्ड में 3-4 बार पैसे जमा किए और हर बार उसने 6,900 रुपए जमा किए। मैंने सत्येंद्र जैन को स्वेच्छा से सेवाएँ नहीं दीं।”

जाँच समिति ने जेल अधिकारियों पर अपने पद के दुरुपयोग का आरोप लगाया है और कहा कि यहाँ जेल के नियमों एवं कायदों का उल्लंघन किया गया। मामला सामने आने के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के निर्देश पर जाँच कमिटी का गठन किया गया था।

जाँच कमिटी में प्रधान सचिव (राजस्व), प्रधान सचिव (कानून) और सचिव (विजिलेंस) शामिल थे। कमिटी के सदस्यों ने जेल के सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण और जेल के कई अधिकारियों एवं कैदियों से पूछताछ की। पैनल ने जेल के अधीक्षक, वॉर्डन और मुंशी को दोषी पाया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया