गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर से हटाई गई बैरिकेडिंग: राकेश टिकैत ने कहा- रास्ते खुले तो फसल बेचने संसद जाएँगे

टिकरी बॉर्डर से बैरिकेडिंग हटाती पुलिस (फोटो: एबीपी)

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को दिल्ली पहुँचने से रोकने के लिए पुलिस द्वारा टिकरी बॉर्डर पर लगभग 10 महीने पहले की गई बैरिकेडिंग को अब हटाया जा रहा है। उम्मीद है यह रास्ता जल्द ही आवागमन के लिए खुल जाएगा। इसके साथ ही गाजीपुर बॉर्डर को भी खोलने की तैयारी हो रही है।

इसको लेकर दिल्ली पुलिस की डीसीपी (ईस्‍ट) प्रियंका कश्‍यप ने बताया कि सेक्‍टर 2 और 3 में NH9 खुल रहा है। जल्‍द ही NH24 भी खोल दिया जाएगा। पुलिस का कहना है कि बातचीत के बाद किसानों के साथ सहमति बनने के बाद किसानों के बाद दोनों बॉर्डर के इमरजेंसी रूट खोल दिए जाएँगे।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया, “”सरकार की तरफ़ से आदेश है इसलिए हम बैरिकेडिंग हटाकर रास्ता खोल रहे हैं।” दरअसल, किसानों द्वारा धरने के कारण बंद किये गए रास्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस दौरान ये बात सामने आई थी कि रास्ता बंद होने की वजह से आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके बाद किसानों ने कहा था कि रास्ता उन्होंने बन्द नहीं किया है, बल्कि दिल्ली पुलिस ने किया है।

दिल्ली पुलिस की टीम ने जेसीबी की सहायता से रास्ते को साफ किया। सीमेंट से बनाया गया एक बैरिकेड हटा दिया गया है। इसके साथ ही सड़क के बीच लगाई गईं कीलों को भी हटवा दिया गया है। बॉर्डर खोलने के पीछे सुप्रीम कोर्ट को निर्देश को मुख्य वजह माना जा रहा है। 21 अक्‍टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि किसानों को प्रदर्शन का अधिकार है, लेकिन अनिश्चितकाल के लिए सड़कें ब्‍लॉक नहीं की जा सकतीं।

उधर दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना का कहना है कि पुलिस रास्ता खोलने के लिए पुलिस तैयार है, लेकिन किसानों को इस बात का वादा करना होगा कि किसी प्रकार की अराजकता नहीं होगी। उन्होंने कहा कि जब तक पुलिस और किसानों के बीच पूरी तरह से समझौता नहीं हो जाता तब तक रास्ता बंद ही रहेगा।

वहीं, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा, “पीएम ने कहा था कि किसान कहीं भी फसल बेच सकते हैं। अगर सड़कें खुली रहीं तो हम अपनी फसल बेचने के लिए संसद भी जाएँगे। पहले हमारे ट्रैक्टर दिल्ली जाएँगे। हमने रास्ता नहीं रोका है। सड़क जाम करना हमारे विरोध का हिस्सा नहीं है।”

वहीं, सिंघु बॉर्डर पर रास्‍ता खुलने को लेकर कोई सुगबुगाहट नहीं है। दरअसल, गुरुवार को निहंग सिखों ने बैठक के बाद बताया कि वे सिंघु बॉर्डर नहीं जाएँगे। वे यहीं रहेंगे और अपने हक की लड़ाई लड़ते रहेंगे। निहंग सिखों ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के नेता यह कह रहे हैं कि निहंग यहाँ से चले जाएँ, लेकिन वे ना तो किसी नेता के कहने पर आए हैं और ना ही किसी के कहने पर यहाँ से जाएँगे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया