उद्दंडों को मुर्गा भी बना रही है, बेसहारा लोगों को भोजन, बुजुर्गों को दवा तक भी उपलब्ध करा रही है पुलिस

उद्दंडों को बना रही है मुर्गा तो गरीब-बेसहारा लोगों को भोजन दे रही है पुलिस

कोरोना के संक्रमण में एक ओर जहाँ कई लोग पुलिस की भूमिका को नकारात्मक रूप से दर्शाने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि वास्तविकता कुछ और ही कह रही है। ट्विटर पर लगभग हर बड़े-छोटे राज्य की पुलिस लॉकडाउन की सीमाओं का उल्लंघन करने वालों को दंड भी दे रहे हैं और वही पुलिसकर्मी लॉकडाउन के कारण हो रही समस्याओं से गुजर रहे लोगों के लिए मसीहा की भूमिका भी अदा कर रहे हैं। इसी का एक उदाहरण है उत्तराखंड पुलिस!

उत्तराखंड पुलिस ने ट्विटर पर कुछ तस्वीरें शेयर की हैं, जिनमें उन्हें भूखे लोगों के लिए भोजन का प्रबंध करते हुए देखा जा रहा है। उत्तराखंड पुलिस ने अपने आधिकारिक ट्विट्टर अकाउंट से ट्वीट में लिखा है- “घबराओ मत #UttarakhandPolice हैं ना। लॉकडाउन के दौरान असहायों एवं बेसहारा लोगों को हरिद्वार IRB के जवानों द्वारा सामूहिक किचन लगाकर खाना खिलाया जा रहा है।”

https://twitter.com/uttarakhandcops/status/1242747334397575168?ref_src=twsrc%5Etfw

उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में पुलिस ने बेसहारा और गरीब लोगों के लिए सामूहिक किचन की व्यवस्था की है जिसमें लॉकडाउन के दौरान गरीब और खाने के लिए जूझ रहे लोगों को खिलाने का प्रबंध किया गया है। उत्तराखंड पुलिस को शायद इसी कारण ‘मित्र पुलिस’ भी कहा जाता है।

वहीं, उत्तर प्रदेश में पुलिस ने एक ट्वीट के द्वारा बताया कि उन्होंने व्हाट्सएप के जरिए बुजुर्ग की दवा मँगवाकर उनके घर तक पहुँचाई। इसी के साथ जरूरतमंद लोगों के घरों तक किचन से सम्बंधित खाने की वस्तुएँ भी उपलब्ध करवा रही है। सोशल मीडिया पर देखा जा सकता है कि बंद के दौरान पंजाब पुलिस भी लोगों को भोजन आदि उपलब्ध करवाती देखी जा रही है।

https://twitter.com/112UttarPradesh/status/1242725447944638465?ref_src=twsrc%5Etfw

पीएम मोदी द्वारा 21 दिनों के लिए लॉकडाउन की घोषणा करने के बाद से पुलिस और प्रशासन दोनों अनावश्यक सड़कों पर घूम रहे लोगों से सख्ती से निपटना शुरू कर दिया है, जिस कारण मीडिया का एक ख़ास वर्ग पुलिस की भूमिका पर संदेह खड़े करने का प्रयास भी कर रहा है। बेवजह घर से बाहर घूम रहे लोगों की फ़ौरन जाँच से लेकर उन पर दंडात्मक कार्रवाई के आदेश का भी पुलिस ने गंभीरता से पालन कर रही है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया