परशुराम कुंड के स्नान घाट पर बना दिया चाँद-तारे का निशान, मंदिर से चोरी: पूर्वोत्तर के कुंभ में ऐसी घटनाओं से लोग चिंतित, सफाईकर्मियों में कई मुस्लिम

अरुणाचल में परशुराम मेले में शामिल मुस्लिम (साभार: स्क्रीनशॉट)

पूर्वोत्तर का कुंभ कहे जाने वाले अरुणाचल प्रदेश के परशुराम कुंड मकर संक्रांति मेले में हर साल हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं। हालाँकि, इस साल की यात्रा में चोरी की कई घटनाएँ सामने आई हैं, जिसके कारण स्थानीय लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच गई हैं।

इस वर्ष मेले के दौरान परशुराम मंदिर के महंत बाबा हरिशरण दास सुबह जागकर अपने कक्ष के बाहर बैठे थे। इस दौरान उन्होंने देखा कि कुछ संदिग्ध लोग मंदिर में घुस रहे हैं। उन्होंने अपने शिष्यों को आवाज देकर मंदिर की चल पड़े। इस संबंध में महंत ने 16 जनवरी 2023 को पुलिस थाने में शिकायत दी है।

महंत हरिशरण दास के मंदिर पहुँचने से पहले ही एक बदमाश तब तक दान का पैसा लेकर भाग गया। हालाँकि, दो अन्य को लोगों ने पकड़ लिया। उनकी जब तलाशी और पहचान की जाँच की गई तो वे मुस्लिम निकले। इसके बाद स्थानीय लोगों में गुस्सा फैल गया।

इस साल मेले में जो सबसे बड़ी और आपत्तिजनक घटना सामने आई, वह लोगों के दिमाग को झकझोर कर रख दिया है। इस साल मेले में परशुराम कुंड के पवित्र स्नान घाट के पास वाली दीवार पर किसी ने चाँद-तारा का निशान बना दिया है। यह इस्लामी निशान माना जाता है।

बता दें कि परशुराम यात्रा के दौरान कई मुस्लिम परिवार सफाई कर्मचारी के रूप में मेले में शामिल होते हैं। स्थानीय प्रशासन इन लोगों को पहचान पत्र जारी कर, इन्हें मेले में घुसने की अनुमति देता है। इसके बाद वे मेले में सफाई आदि का काम देखते हैं।

चोरी इस घटना को लेकर स्थानीय लोग भविष्य को लेकर गंभीर हो गए हैं। इन लोगों ने माँग की है कि यात्रा में इन लोगों को बुलाने वाले और इनको भेजने वाले ठेकेदार के बारे में पता लगाई जाए। स्थानीय लोगों ने इस मामले की उच्चस्तरीय जाँच की माँग की है।

यात्रा के दौरान होने वाली बहुत सी ऐसी घटनाएँ हैं, जिनके बारे में पता लगाने की जरूरत है। मान्यता के अनुसार, यात्रा में शामिल होने वाले यात्री नहाने के बाद अपने कुछ गीले कपड़े फेंक देते हैं। इन फेंके हुए कपड़ों को ये मुस्लिम उठाते थे। हालाँकि, इस साल नहाने गए लोगों के घाट पर सूखे कपड़ों के गायब होने की कई घटनाएँ सामने आईं।

इसके साथ ही हर वर्ष की अपेक्षा इस साल मेले में पॉकेटमारी की घटनाएँ भी खूब हुईं। भी कहा जाता है कि यात्रा के दौरान आने-जाने वाले रास्तों पर इन्हीं सफाई कर्मचारियों के परिवार के लोग भिखारी बनकर बैठते हैं। यात्रा के बाद वे सारा सामान, कपड़े और अनाज आदि गाड़ी में लेकर जाते हुए देखे गए हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया