‘पटियाला में काली मंदिर पर फेंके पेट्रोल बम’: पंजाब में खालिस्तान समर्थकों की हिंसा, हिंदू संगठन बोले- जो कभी न हुआ, वो AAP सरकार में हुआ

पटियाला में खालिस्तान समर्थकों की हिंसा (फोटो साभार: ट्विटर)

पंजाब के पटियाला में खालिस्तान समर्थकों और हिन्दू संगठनों में झड़प की खबर है। इस झड़प को रोकने आए SHO पर खालिस्तान समर्थकों द्वारा तलवार से हमला किया गया। काली माता मंदिर को भी निशाना बनाया गया है। पत्थरबाजी का भी आरोप है। हमले के कई लोग घायल हुए हैं। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। घटना 29 अप्रैल 2022 (शुक्रवार) की है।

द सिटी हेडलाइन द्वारा जारी किए गए फुटेज के मुताबिक उपद्रवियों की भीड़ को मंदिर में घुसने से रोकने के लिए कई पुलिसकर्मी मंदिर के गेट पर खड़े हो गए थे। हिन्दू सुरक्षा समिति का आरोप है कि खालिस्तान समर्थकों ने मंदिर के बाहर आग लगाने की भी कोशिश की। मदिर के मुख्य द्वार को तोड़ने का प्रयास किया गया। मुख्य द्वार पर पेट्रोल से भरी बोतलें फेंकी गई। पुलिस ने कुछ हमलावरों को हिरासत में भी लिया है। हिन्दू पक्ष के आशुतोष गौतम नाम के व्यक्ति भी घायल हैं। इस दौरान हमलावरों ने कथित तौर पर खालिस्तान के समर्थन में नारे भी लगाए।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हिन्दू संगठनों ने ‘खालिस्तान मुर्दाबाद’ नाम से मार्च निकाला था। यह मार्च गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा जारी किए गए खालिस्तान समर्थन के वीडियो के विरोध में हुआ था। इसके बाद कुछ खालिस्तान समर्थक मार्च का विरोध करने लगे। उन्होंने शिवसैनिकों को बंदर सेना कहा और मुर्दाबाद के नारे लगाए। काली माता मंदिर के पास यही तनाव टकराव में बदल गया।

दोनों तरफ से पत्थर चलने लगे। इस दौरान खालिस्तान समर्थकों के हाथों में तलवारें दिखाई देने लगीं। खालिस्तान समर्थकों की भारी भीड़ ने काली माता मंदिर को घेर लिया। उन्हें काबू करने के लिए पुलिस को 15 राउंड गोलियाँ चलानी पड़ी। उपद्रवियों के काली माता मंदिर में भी घुसने की फुटेज सामने आए हैं। हिंसा को काबू करने के प्रयास में SHO त्रिपड़ी करमवीर सिंह तलवार के हमले में घायल हो गए।

‘जो कभी न हुआ वह आप सरकार में हुआ’

ऑपइंडिया ने इस घटना के बारे में शिवसेना हिंदुस्तान के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पटियाला निवासी पवन गुप्ता से बात की। पवन गुप्ता ने बताया, “जिस मंदिर पर खालिस्तानियों का हमला हुआ है वो उत्तर भारत में हिन्दुओं का सबसे प्रमुख तीर्थ स्थान है। यहाँ पर तब भी हमला नहीं हुआ था जब खालिस्तान का जोर चरम पर था। लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार में खालिस्तानी सोच वालों को ऐसी खुली छूट मिली हुई है कि आज इतना बड़ा दुस्साहस हुआ है। मंदिर के गेट पर तलवार मारी गई है। बाहर प्रसाद आदि की दुकानों को नुकसान पहुँचाया गया है। दर्शन करने आए श्रद्धालुओं से मारपीट की गई है। हिन्दू पक्ष से 2-3 लोग घायल हैं। खुद SSP पटियाला मौके पर मौजूद थे। उनके ही सामने तलवारें लहराते हुए उपद्रवी नाच रहे थे।”

मुख्यमंत्री ने घटना को बताया दुखद और DGP को दिए निर्देश

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस घटना को दुखद बताया है। उन्होंने कहा, “पटियाला की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। मैंने DGP से बात की और उन्हें जरूरी निर्देश दिए हैं। हम खुद हालत पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं। पंजाब की शांति को प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा।”

AAP ने बताया कॉन्ग्रेस और अकाली का विवाद

खुद को ट्विटर पर आनंदपुर साहिब में आम आदमी पार्टी का लोकसभा इंचार्ज बताने वाले डॉ. सनी अहलूवालिया ने इसे एक राजनैतिक विवाद बताया है। उन्होंने कहा, “एक तरफ शिवसेना और कॉन्ग्रेस है तो दूसरी तरफ अकाली दल। ये आपस में इसलिए लड़ रहे हैं जिससे पंजाब का माहौल बिगड़ जाए। लेकिन भगवंत मान की सरकार ने एक ही घंटे में हालत पर काबू पा लिया। आम आदमी पार्टी की सरकार पंजाब में जीरो टॉलरेंस पर काम करेगी। इस घटना में शामिल हर एक व्यक्ति को जेल भेजा जाएगा। लॉ एन्ड आर्डर पंजाब सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है।”

गौरतलब है कि आतंकी समूह सिख फॉर जस्टिस के मुखिया गुरपतवंत सिंह पन्नू ने 29 अप्रैल को खालिस्तान के स्थापना दिवस मनाने की घोषणा की थी। इस घोषणा के वीडियो में उसने न सिर्फ पंजाब, बल्कि हरियाणा को भी खालिस्तान के नक्शे में दिखाया था। इसी के साथ पन्नु ने 29 अप्रैल को पंजाब और हरियाणा के सभी जिला मुख्यालयों पर खालिस्तान का झंडा लहराने की घोषणा भी की थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया