एक्सिडेंट, जाति को लेकर गाली, SC-ST एक्ट… टाइम्स नाऊ पत्रकार मामले में पंजाब पुलिस, चैनल ने कहा – बेल नहीं मिले, इसलिए सारा खेल

टाइम्स नाऊ पत्रकार पंजाब पुलिस की हिरासत में (तस्वीर साभार: Timesnow)

पंजाब की लुधियाना पुलिस ने टाइम्स नाऊ नवभारत की पत्रकार भावना किशोर को हिरासत में लेने के कुछ समय बाद एक प्रेस नोट रिलीज किया। इस नोट में बताया गया है कि लुधियाना पुलिस ने शुक्रवार (5 अप्रैल 2023) को 3 लोगों को गिरफ्तार किया था। इनके ऊपर तेज स्पीड में गाड़ी चलाकर एक महिला को टक्कर मारने और अपमानजनक भाषा का प्रयोग करने का आरोप है। इन तीनों की पहचान भावना कुमारी, मृत्युंजय कुमार और ड्राइवर परमिंदर सिंह के तौर पर हुई है।

पंजाब पुलिस के अनुसार, शिकायतकर्ता गगन ने कहा कि वो मोहल्ला क्लिनिक के उद्घाटन समारोह में जा रही थीं कि तभी एक इनोवा कार ने तेजी में आकर उन्हें टक्कर मार दी, जिसके कारण उनके हाथ में चोट लग गई और उनका सैमसंग का फोन भी नीचे गिरकर टूट गया। शिकायतकर्ता के अनुसार, इस घटना के बाद गाड़ी से दो लोग (मृत्युंजय कुमार और भावना कुमारी) उतरे और झगड़ा करने लगे। इस दौरान अपमानजनक भाषा का प्रयोग भी किया गया।

अब इस केस को पुलिस ने आईपीसी की धारा 279, 337 और 427 के तहत दर्ज किया है। इसके अलावा एससी-एसटी एक्ट की धारा 3,4 के तहत डिविजन नंबर 3 पुलिस थाने में दर्ज किया है।

भावना की गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया पर लगातार उनकी रिहाई की माँग उठ रही है। आनंद रंगनाथन ने इसकी वीडियो शेयर करके लोकतंत्र और प्रेस की स्वतंत्रता पर सवाल ख़ड़ा किया है।

पत्रतकार सुधीर चौधरी ने भी भावना की रिहाई की माँग उठाई है और सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में स्वत: संज्ञान लेने की अपील की है।

बता दें कि टाइम्स नाऊ ने अपनी महिला पत्रकार पर हुई इस कार्रवाई को ऑपरेशन शीशमहल का बदला बताया है। टाइम्स नाऊ ने अपने शो में भी आरोप लगाया कि ऑपरेशन शीशमहल के बाद उनके पत्रकारों से बदसलूकी की जा रही है। पहले उन्हें पीटा गया, उनके रास्ते रोके गए और अब एक पत्रकार को बीच रास्ते में हिरासत में ले लिया गया। चैनल ने बताया कि भावना को लुधियाना पुलिस ने हिरासत में लिया है। एक एफआईआर हुई है। उनपर बेवजह SC/ST एक्ट लगा दिया गया है।

चैनल के मुताबिक भावना के खिलाफ ऐसी धाराएँ इसलिए लगाई गई हैं ताकि उनकी बेल खारिज हो जाए। चैनल ने कहा कि आम आदमी पार्टी दिल्ली में टाइम्स नेटवर्क का कुछ नहीं कर पाई इसलिए पंजाब में कार्रवाई कर रही है। चैनल ने सवाल पूछा कि आखिर उनकी पत्रकार को एक एक्सीडेंट केस में पुलिस ने कैसे पकड़ा जबकि हकीकत में वह गाड़ी चला ही नहीं रहीं थीं। इसके बाद उनपर जातिगत टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया… जिस पर चैनल ने पूछा कि आखिर उनकी पत्रकार किसी अंजान शख्स की जाति पर कैसे टिप्पणी करेंगी जब वो उससे पहली बार टकराईं ही रास्ते में थीं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया