पहले कमल के साथ चाकूबाजी, अगले दिन मुस्लिम इलाके में एक और हिंदू पर हमला: छबड़ा में गुर्जर थे निशाने पर

छबड़ा में दंगे के बाद सिर्फ आग और राख (फोटो साभार: आजतक)

राजस्थान के बाराँ स्थित छबड़ा में मुस्लिम भीड़ के आतंक के बाद पुलिस ने कई इलाकों में अब भी कर्फ्यू लगाया हुआ है। कमल सिंह गुर्जर नाम के व्यक्ति को फरीद, आबिद और समीर ने चाकू मार दिया था, जिसके बाद ये हिंसा शुरू हुई। बाराँ के SP विनीत बंसल का कहना है कि दोनों तरफ के प्रबुद्ध जनों के साथ बैठक कर माहौल शांत किया जा रहा है। पुलिस ने इस मामले में 6 FIR दर्ज की है।

जिन दुकानदारों की दुकानें जली हैं, उन्हें भी पुलिस में शिकायत करने को कहा गया है। गुर्जर नेता विजय सिंह बैंसला भी इलाके में पहुँचे। वहाँ गुर्जर नेताओं से मुलाकात के बाद उन्होंने बताया, “देर रात को प्रोटोकॉल के हिसाब से पहले कवाई थाने रुक कर स्थानीय लोगों व विधायक प्रताप सिंह सिंघवी से स्थिति का जायज़ा लिया। तत्पश्चात करीब रात 10.30 बजे छबड़ा में प्रवेश किया व देर रात तक कलेक्टर, SP, एडिशनल SP व अन्य अधिकारियों से विस्तृत बात हुई।”

उन्होंने बताया कि प्रशासन के साथ जिन बिंदुओं पर सहमति बनी, वे हैं – प्रशासन को 2 दिन का समय दिया गया है चाकू मारने वाले अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए। जो लोग छबड़ा में हिंसा में लिप्त हैं उन पर कार्रवाई हो और जो निर्दोष हैं उन पर कोई कार्रवाई न हो। साथ ही शांतिपूर्वक ज्ञापन देने वालों पर कोई अप्रिय कार्यवाही न हो। उन्होंने छबड़ा के विधायक को मान-सम्मान के लिए गुर्जर समुदाय की तरफ से धन्यवाद दिया।

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बैंसला ने ऑपइंडिया को बताया कि रविवार (अप्रैल 11, 2021) को कमल गुर्जर जब फल खरीद रहे थे तो फरीद, आबिद और समीर ने आकर उनसे बाइक हटाने को कहा। जब कमल ने उनसे कहा कि वो लोग अपनी बाइक कहीं और लगा दें, तो वे बहस करने लगे। तभी इनमें से एक ने चाकू निकाल लिया और वार करने लगा। राकेश नागर उन्हें बचाने आए तो उन पर भी हमला हुआ। जब और दुकानदार दौड़े तो तीनों भाग खड़े हुए।

बैंसला ने बताया कि अगले दिन गुर्जर और मुस्लिम समुदाय के नेताओं ने आपस में बैठक कर इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया और शांति की बात की। लेकिन जब एक गुर्जर युवक मुस्लिम इलाके क्षेत्र से अपने काम से जा रहा था तो उस पर हथियारों से हमला कर दिया गया। वो किसी तरह भाग कर समाज के नेताओं के पास पहुँचा। गुर्जर नेता गिर्राज ने बैंसला को इससे अवगत कराया, जिन्होंने DM से बात की और बैठक को ख़त्म करने को कहा।

कई पुलिसकर्मी घायल हैं। सरकारी संपत्ति को बड़ा नुकसान हुआ है। कुछ लोगों को ही अब तक हिरासत में लिया जा सका है। फायर ब्रिग्रेड की गाड़ी भी तोड़ डाली गई थी। थाने में भी समुदाय विशेष के युवकों ने पत्थरबाजी की थी। प्रशासन ने शांति समिति की बैठक की, जिसमें व्यापारियों ने अपनी पीड़ा जाहिर की। अब तक 69 दुकानों के नष्ट होने और 15 करोड़ रुपए तक के नुकसान का अनुमान लगाया गया है।

Anurag: B.Sc. Multimedia, a journalist by profession.