राजस्थान के सरकारी डॉक्टर ने कुत्ते को कार से बाँध कर 5 km घसीटा, पैर टूटा, फट गई चमड़ी: मामला दर्ज होने पर पत्नी पहुँच गई थाने

जोधपुर में डॉक्टर ने कुत्ते को कार से बाँधकर सड़क पर घसीटा (बाएँ) कुत्ता गंभीर रूप से घायल हुआ (दाएँ) (फोटो साभार: दैनिक भास्कर)

राजस्थान के जोधपुर से एक कुत्ते को गाड़ी से बाँधकर उसे 5 किलोमीटर तक घसीटने का मामला सामने आया है। इस दौरान वह कुत्ता कई बार सड़क पर गिर पड़ा। इस घटना में कुत्ता का पैर फ्रैक्चर हो गया है, गर्दन पर चोट आई है और उसकी स्किन तक फट गई है। डॉग होम में उसका उपचार कराया जा रहा है।

सोशल मीडिया पर इसका वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में आप देख सकते हैं कि कैसे एक कुत्ते को कार से बाँधकर ड्राइवर उसे सड़क पर घसीटते हुए लेकर जा रहा है। ड्राइवर की पहचान राजस्थान के एक सरकारी अस्पताल के बड़े प्लास्टिक सर्जन के रूप में हुई है। वीडियो में डॉक्टर कार की स्पीड से स्ट्रीट डॉग को घसीटते हुए दिखाई दे रहा है। कार के पीछे आ रहे कुछ लोगों ने इस घटना का वीडियो बनाया और कार रोककर कुत्ते की जान भी बचाई।

इस घटना को लेकर ट्विटर पर एक यूजर ने लिखा, “डॉक्टर होकर इतना निर्दयी कैसे हो सकता है, शर्मनाक।”

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सड़क पर कार के पीछे कुत्ते को बाँधकर दौड़ाते हुए देख कर लोगों ने कार रोकने का प्रयास किया। लेकिन डॉ रजनीश गालवा ने कार नहीं रोकी और लगातार कुत्ते को भगाता रहा। राहगीरों ने कार के पीछे बाइक दौड़ाई और कार को आगे से घेरा। तब जाकर डॉक्टर ने कार रोकी।

डॉक्टर गालवा ने उसे रोकने वाले लोगों से बहस भी की। इतने में एक राहगीर ने डॉग होम फाउंडेशन के वर्करों को सूचना दे दी। फाउंडेशन के सदस्य आए तो उनसे भी डॉक्टर उलझ गया। शास्त्री नगर एसएचओ जोगेंद्र सिंह ने कहा कि डॉ रजनीश गालवा के खिलाफ आईपीसी की धारा 428 (जानवर को मारना या अपंग करना) और पशु क्रूरता अधिनियम की धारा 11 (जानवरों के साथ क्रूरता करना) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।

जोधपुर के महात्मा गाँधी हॉस्पिटल में प्लास्टिक सर्जन डॉ रजनीश गालवा ने कहा, “कुत्ता घर में अक्सर घुस जाता है, घर के बाहर भौंकता है। इसने मेरी बेटी को भी काट लिया। इसलिए निगम के बाड़े में छोड़ने जा रहा था। अंदर बैठाता तो वो मुझे काट लेता।”

इस बीच, एसएन मेडिकल कॉलेज ने गालवा को ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी कर 24 घंटे के भीतर जवाब माँगा है। वहीं, डॉग होम फाउंडेशन के कुलदीप खत्री ने कहा कि पुलिस ने डॉक्टर की रसूख के चलते एम्बुलेंस को भी रोका। उन्होंने आरोप लगाया कि मामला दर्ज कराया गया तो डॉक्टर की पत्नी ने थाने पहुँचकर कुछ पैसे देकर मामला दबाने की कोशिश की।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया