आरक्षण के लिए सड़क पर उतरे कुशवाहा, सैनी, माली और मौर्य समाज: राजस्थान में हाइवे जाम, लाठी लेकर पहुँचे हजारों लोग

राजस्थान के भरतपुर में आरक्षण की माँग को लेकर आंदोलनकारियों ने हाइवे जाम किया (फोटो साभार: नव भारत टाइम्स)

राजस्थान (Rajasthan) के भरतपुर में 12 प्रतिशत आरक्षण (12 Percent Reservation) की माँग को लेकर कुशवाहा, सैनी, माली और मौर्य समाज के लोग सड़कों पर उतर गए हैं। ये आंदोलनकारी रविवार (12 जून 2022) से जयपुर-आगरा नेशनल हाईवे पर प्रदर्शन कर रहे हैं। यह आंदोलन राजस्थान फुले आरक्षण संघर्ष समिति के बैनर तले किया जा रहा है। आंदोलनकारी जयपुर आगरा हाइवे पर अरौदा के पास जाम लगाकर बैठे हैं। ये लोग सरकार के प्रतिनिधि से बातचीत पर अड़े हैं। सोमवार (13 जून, 2022) को आंदोलनकारियों से बातचीत करने के लिए जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक नेशनल हाइवे पर पहुँचे थे, लेकिन आंदोलनकारियों ने उनसे कोई बात नहीं की।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरक्षण की माँग को लेकर पहले महापंचायत की गई थी और आंदोलन में शामिल होने के लिए लोगों को पीले चावल तक बाँटे गए थे। महापंचायत को देखते हुए अधिकारियों के अलावा भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। पंचायत खत्म होने से पहले ही लाठियाँ लेकर हजारों लोग हाईवे पर पहुँच गए और जाम लगा दिया। कुशवाहा, सैनी, माली और मौर्य समाज की माँग है कि प्रदेश में उनकी जनसंख्या 15 प्रतिशत है, इसलिए उनको 12 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए। माली समाज के लोग पहले ही सरकार की अल्टीमेटम दे चुके हैं।

आंदोलनकारी पुलिस और प्रशासन के अधिकारी से बात करने के लिए तैयार नहीं है। उनका कहना है कि वह सरकार के प्रतिनिधि से ही बात करेंगे। सुबह से महापंचायत में कोई भी राजस्थान सरकार का प्रतिनिधि नहीं पहुँचा। इसके बाद सैकड़ों की संख्या में लोग हाथों में लाठियाँ लेकर नेशनल हाईवे पर जाम लगाकर बैठ गए। हालाँकि, आंदोलनकारी एम्बुलेंस को निकलने दे रहे हैं।

सैनी समाज आरक्षण आंदोलन संघर्ष समिति के संयोजक मुरारीलाल सैनी का कहना है कि वह पिछले 6 सालों से माली समाज को आरक्षण दिलाने की माँग को लेकर आंदोलन कर रहे है। उन्होंने कहा कि अब तक वह प्रदेश के 33 जिला कलेक्टर को ज्ञापन दे चुके हैं और 4500 से अधिक गाँवों में नुक्कड़ सभाएँ की गई, लेकिन हमारी माँग कोई भी नहीं सुन रहा है। इसलिए हमें हाइवे पर उतरना पड़ा।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया