Tuesday, September 10, 2024
Homeदेश-समाजआरक्षण के लिए सड़क पर उतरे कुशवाहा, सैनी, माली और मौर्य समाज: राजस्थान में...

आरक्षण के लिए सड़क पर उतरे कुशवाहा, सैनी, माली और मौर्य समाज: राजस्थान में हाइवे जाम, लाठी लेकर पहुँचे हजारों लोग

कुशवाहा, सैनी, माली और मौर्य समाज की माँग है कि प्रदेश में उनकी जनसंख्या 15 प्रतिशत है, इसलिए उनको 12 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए।

राजस्थान (Rajasthan) के भरतपुर में 12 प्रतिशत आरक्षण (12 Percent Reservation) की माँग को लेकर कुशवाहा, सैनी, माली और मौर्य समाज के लोग सड़कों पर उतर गए हैं। ये आंदोलनकारी रविवार (12 जून 2022) से जयपुर-आगरा नेशनल हाईवे पर प्रदर्शन कर रहे हैं। यह आंदोलन राजस्थान फुले आरक्षण संघर्ष समिति के बैनर तले किया जा रहा है। आंदोलनकारी जयपुर आगरा हाइवे पर अरौदा के पास जाम लगाकर बैठे हैं। ये लोग सरकार के प्रतिनिधि से बातचीत पर अड़े हैं। सोमवार (13 जून, 2022) को आंदोलनकारियों से बातचीत करने के लिए जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक नेशनल हाइवे पर पहुँचे थे, लेकिन आंदोलनकारियों ने उनसे कोई बात नहीं की।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरक्षण की माँग को लेकर पहले महापंचायत की गई थी और आंदोलन में शामिल होने के लिए लोगों को पीले चावल तक बाँटे गए थे। महापंचायत को देखते हुए अधिकारियों के अलावा भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। पंचायत खत्म होने से पहले ही लाठियाँ लेकर हजारों लोग हाईवे पर पहुँच गए और जाम लगा दिया। कुशवाहा, सैनी, माली और मौर्य समाज की माँग है कि प्रदेश में उनकी जनसंख्या 15 प्रतिशत है, इसलिए उनको 12 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए। माली समाज के लोग पहले ही सरकार की अल्टीमेटम दे चुके हैं।

आंदोलनकारी पुलिस और प्रशासन के अधिकारी से बात करने के लिए तैयार नहीं है। उनका कहना है कि वह सरकार के प्रतिनिधि से ही बात करेंगे। सुबह से महापंचायत में कोई भी राजस्थान सरकार का प्रतिनिधि नहीं पहुँचा। इसके बाद सैकड़ों की संख्या में लोग हाथों में लाठियाँ लेकर नेशनल हाईवे पर जाम लगाकर बैठ गए। हालाँकि, आंदोलनकारी एम्बुलेंस को निकलने दे रहे हैं।

सैनी समाज आरक्षण आंदोलन संघर्ष समिति के संयोजक मुरारीलाल सैनी का कहना है कि वह पिछले 6 सालों से माली समाज को आरक्षण दिलाने की माँग को लेकर आंदोलन कर रहे है। उन्होंने कहा कि अब तक वह प्रदेश के 33 जिला कलेक्टर को ज्ञापन दे चुके हैं और 4500 से अधिक गाँवों में नुक्कड़ सभाएँ की गई, लेकिन हमारी माँग कोई भी नहीं सुन रहा है। इसलिए हमें हाइवे पर उतरना पड़ा।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिस हिन्दू की भरी अदालत में उखाड़ ली गई थी शिखा, उसका मोहिनी तोमर ने दिया था साथ: हैदर-सलमान को जाना पड़ा था जेल,...

शिवशंकर को पीटने के बाद आरोपित निश्चिन्त थे कि उनके खिलाफ कोर्ट में कोई वकील खड़ा नहीं होगा। कामिल मुस्तफा ने अपने दोनों नामजद बेटों को बचाने के प्रयास भी शुरू कर दिए थे।

तकनीकी खराबी बता कर कपिल सिब्बल ने सौंपी सिर्फ 27 मिनट की वीडियो फुटेज, CBI ने पूछा – हमसे क्यों छिपा रहे? RG Kar...

सुप्रीम कोर्ट ने TMC सरकार को निर्देश दिया कि अस्पतालों में कामकाज के लिए एक सुरक्षित और सुविधाजनक माहौल तैयार किया जाए, उन्हें सुरक्षा मिले।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -